Notes in Hindi

What is MRP and its role in inventory pricing in Hindi

Makhanlal Chaturvedi University / BCA / Computerized Accounting with Tally

Understanding MRP in Inventory Pricing in Tally

What is MRP and its role in inventory pricing in Hindi

What is MRP (MRP क्या होता है)

MRP का मतलब होता है "Maximum Retail Price" यानी अधिकतम खुदरा मूल्य। यह वह अधिकतम कीमत होती है जिस पर कोई वस्तु ग्राहक को बेची जा सकती है। इसका निर्धारण उत्पादक या निर्माता द्वारा किया जाता है। MRP का उद्देश्य ग्राहकों को अधिक भुगतान करने से बचाना और बाज़ार में मूल्य नियंत्रण बनाए रखना होता है।

Role of MRP in Inventory Pricing (Inventory Pricing में MRP की भूमिका)

  • MRP यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी वस्तु उससे अधिक दाम पर न बेची जाए, जिससे ग्राहक को नुकसान न हो।
  • MRP का इस्तेमाल inventory system में वस्तुओं की कीमत को ट्रैक करने और stock valuation को सही रखने के लिए किया जाता है।
  • Business के लिए यह जानना आसान हो जाता है कि किस उत्पाद का मूल्य क्या है और उसे कितने margin पर बेचना है।
  • Retail billing में transparency लाने में मदद करता है, जिससे ग्राहक को सही जानकारी मिलती है।

How to define MRP for stock items in Tally in Hindi

MRP को Tally में कैसे सेट करें

  • सबसे पहले Gateway of Tally में जाएं।
  • Inventory Info पर जाएं और फिर Stock Item पर क्लिक करें।
  • अब Create पर जाएं और नया stock item बनाएं या Alter पर जाकर पुराने item को खोलें।
  • ‘Set/Alter MRP?’ विकल्प को “Yes” करें।
  • अब आप MRP को define कर सकते हैं - इसमें आपको item की effective date, rate आदि भरना होगा।

Enable करने के लिए जरूरी Settings

  • F11 Press करें → Inventory Features पर जाएं।
  • Use MRP for calculation को Yes करें।
  • इसके बाद आप हर item के लिए MRP सेट कर सकते हैं।

Example

मान लीजिए आपने कोई नया product बनाया है जिसका नाम है “Detergent Powder” और उसका MRP है ₹100। अब Tally में जब आप उस item को define करते हैं, तो उसके details में जाकर MRP को ₹100 सेट कर सकते हैं। इससे यह तय हो जाता है कि आप उसे अधिकतम ₹100 पर ही बेच सकते हैं।

Benefits of setting accurate MRP in inventory system in Hindi

MRP सही से सेट करने के फायदे

  • Price Transparency: ग्राहक को यह पता होता है कि maximum कीमत क्या है और वह कितना भुगतान कर रहा है।
  • Inventory Control: जब MRP पहले से define होती है तो stock का valuation और movement track करना आसान हो जाता है।
  • Legal Compliance: MRP define करना सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार जरूरी होता है।
  • Profit Margin तय करना आसान: जब MRP fix होती है, तो आप आसानी से यह तय कर सकते हैं कि आपको कितना लाभ मिल रहा है।
  • Billing Automation: POS (Point of Sale) system में MRP predefined होने से auto billing आसान होती है।

MRP सही तरीके से न सेट करने पर नुकसान

  • कभी-कभी अगर MRP सिस्टम में सेट नहीं है, तो staff गलत amount से बिलिंग कर सकता है।
  • Customer का भरोसा कम हो जाता है जब उन्हें unclear pricing दिखाई देती है।
  • Inventory reports inaccurate हो जाती हैं।

Inventory Reports पर असर

जब आप सभी items के लिए सही MRP सेट करते हैं, तो आपकी reports जैसे stock summary, item-wise profit margin आदि बिल्कुल accurate होती हैं। इससे decision making आसान हो जाता है।

Difference between MRP and Selling Price in Hindi

MRP और Selling Price में अंतर

MRP और Selling Price दोनों अलग-अलग चीजें हैं। नीचे दिए गए table में हम इन दोनों के बीच मुख्य अंतर को समझते हैं:

क्रम संख्या MRP Selling Price
1 यह अधिकतम कीमत है जिस पर उत्पाद बेचा जा सकता है। यह वह वास्तविक कीमत है जिस पर उत्पाद बेचा जाता है।
2 यह निर्माता द्वारा तय की जाती है। यह दुकानदार या व्यापारी द्वारा तय की जाती है।
3 यह कीमत निश्चित होती है और इसे पैकेजिंग पर लिखा जाता है। यह MRP से कम हो सकती है, लेकिन अधिक नहीं।
4 इसमें अधिकतम margin भी शामिल होता है। यह margin और competition के आधार पर तय की जाती है।

Example से समझें

मान लीजिए किसी shampoo bottle की MRP ₹150 है। लेकिन दुकानदार उसे ₹130 में बेच रहा है। तो ₹150 MRP है और ₹130 Selling Price। यदि कोई दुकानदार उसे ₹160 में बेचता है, तो वह illegal माना जाएगा।

MRP vs Selling Price की Importance

  • Business owners को यह समझना जरूरी है कि MRP और Selling Price में संतुलन कैसे बनाए रखें।
  • MRP से अधिक बेचना कानूनन गलत है, लेकिन Selling Price को कम रखने से ग्राहक आकर्षित हो सकते हैं।
  • Retail system में दोनों को सही तरीके से maintain करना professionalism और trust build करता है।

MRP और Selling Price का practical उपयोग

जब आप Tally में किसी item की entry करते हैं, तो आप MRP और Rate दोनों define कर सकते हैं। Rate यानी आप किस कीमत पर बेच रहे हैं और MRP यानी आप अधिकतम कितने पर बेच सकते हैं। दोनों का अंतर आपको आपके लाभ और market competition के अनुसार तय करना चाहिए।

FAQs

MRP का full form है "Maximum Retail Price"। यह वह अधिकतम कीमत होती है जिस पर किसी उत्पाद को ग्राहक को बेचा जा सकता है।
Tally में MRP सेट करने के लिए Stock Item बनाते समय या Modify करते समय "Set/Alter MRP?" विकल्प को "Yes" करें और फिर Effective Date और MRP Rate भरें। Inventory Features में "Use MRP for calculation" को भी Yes करना जरूरी होता है।
MRP customer protection, pricing transparency, stock valuation, और legal compliance के लिए जरूरी होता है। इससे business में सही rate पर बिक्री होती है और system में clarity बनी रहती है।
MRP वह अधिकतम मूल्य होता है जिस पर उत्पाद बेचा जा सकता है, जबकि Selling Price वह मूल्य है जिस पर वास्तविक बिक्री होती है। Selling Price MRP से कम हो सकती है लेकिन अधिक नहीं।
नहीं, किसी भी product को MRP से अधिक कीमत पर बेचना कानूनन गलत है और इसके लिए दंड भी हो सकता है। यह ग्राहक के अधिकारों का उल्लंघन माना जाता है।
जब MRP system में सही तरीके से सेट होता है, तो billing automatic और transparent होती है। इससे गलत rate पर billing नहीं होती और reports भी accurate रहती हैं।

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