Water Resources Use and Over-Utilization
Makhanlal Chaturvedi University / BCA / Environmental Science
Water Resources Use and Over-Utilization - in Hindi
Water Resources Use and Over-Utilization - in Hindi
Definition and Types of Water Resources - in Hindi
पानी (Water) पृथ्वी पर जीवन के लिए सबसे आवश्यक संसाधनों में से एक है। इसे हम Natural Resource भी कहते हैं। Water Resources का मतलब उन सभी स्रोतों से है जहाँ से हमें पानी मिलता है। जैसे - नदियाँ, झीलें, तालाब, समुद्र, जमीन के नीचे का पानी आदि। इन सभी को हम Water Resources कहते हैं।
पानी के स्रोतों को मुख्यतः दो भागों में बाँटा गया है:
- Surface Water (सतही जल): यह वो पानी होता है जो हमें पृथ्वी की सतह पर मिलता है, जैसे कि नदियाँ, झीलें, तालाब, झरने आदि।
- Ground Water (भूतल जल): यह पानी जमीन के नीचे मौजूद होता है और इसे हम कुएँ, ट्यूबवेल या बोरवेल के माध्यम से निकालते हैं।
इसके अलावा कुछ अन्य प्रकार के Water Resources भी होते हैं:
- Rainwater (वर्षा जल): बारिश का पानी जो जमीन पर गिरता है और विभिन्न जल स्रोतों में जमा होता है।
- Glaciers (हिमनद): पहाड़ों पर जमी बर्फ जो धीरे-धीरे पिघलकर नदियों में पानी लाती है।
- Desalinated Water: समुद्री पानी को साफ करके पीने लायक बनाना (यह प्रक्रिया महंगी होती है और आमतौर पर समुद्री इलाकों में होती है)।
Uses of Surface and Ground Water in Daily Life - in Hindi
हम अपने दैनिक जीवन में पानी का उपयोग कई कार्यों के लिए करते हैं। Surface Water और Ground Water दोनों का उपयोग अलग-अलग क्षेत्रों में किया जाता है। नीचे इसके उपयोग बताए गए हैं:
- पीने के लिए (Drinking): Ground Water का सबसे अधिक उपयोग पीने के लिए होता है।
- खाना बनाने के लिए (Cooking): हर घर में पानी का उपयोग भोजन पकाने में होता है।
- सफाई के लिए (Cleaning): कपड़े धोने, बर्तन साफ करने, फर्श पोछने आदि में सतही जल का उपयोग किया जाता है।
- कृषि में (Agriculture): सिंचाई के लिए पानी का बहुत अधिक उपयोग होता है। इसमें Ground Water अधिक इस्तेमाल होता है, विशेषकर ट्यूबवेल और बोरवेल से।
- उद्योगों में (Industries): विभिन्न कारखानों और उद्योगों में कूलिंग, वॉशिंग और उत्पादन के लिए पानी की आवश्यकता होती है।
- बिजली उत्पादन (Electricity Generation): हाइड्रोपावर प्लांट्स नदियों के पानी से बिजली बनाते हैं।
- जल परिवहन (Water Transport): नदियों और समुद्रों का उपयोग नावों और जहाजों द्वारा परिवहन के लिए किया जाता है।
Causes and Effects of Over-Utilization of Water Resources - in Hindi
जब हम प्राकृतिक जल स्रोतों का अत्यधिक उपयोग करते हैं या बिना सोचे-समझे उन्हें दोहन करते हैं, तो इसे Over-Utilization कहते हैं। इसका मतलब है जरूरत से ज़्यादा पानी लेना या बर्बाद करना। अब हम जानेंगे कि इसके कारण क्या हैं और इससे क्या प्रभाव पड़ते हैं।
Causes (कारण):
- जनसंख्या वृद्धि: जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ती है, पानी की मांग भी बढ़ती है।
- कृषि में अधिक उपयोग: High Yielding Variety फसलें ज्यादा पानी लेती हैं, जिससे ज़्यादा पानी की आवश्यकता होती है।
- अवैज्ञानिक सिंचाई पद्धतियाँ: पुराने तरीकों से सिंचाई करने में पानी की बहुत बर्बादी होती है।
- औद्योगिक विकास: उद्योगों में बिना Recycling के पानी का अत्यधिक उपयोग होता है।
- Urbanization: शहरीकरण के कारण ग्रीन एरिया घटता जा रहा है और जल संचयन (Rainwater Harvesting) की कमी हो रही है।
- वर्षा पर निर्भरता: कई क्षेत्रों में केवल मानसून पर निर्भरता के कारण सूखा पड़ने पर जल संकट बढ़ जाता है।
Effects (प्रभाव):
- Ground Water Level में गिरावट: ज़मीन के नीचे का पानी कम होता जा रहा है।
- सूखा (Drought): जल स्रोत सूखने से सूखा पड़ता है, जिससे फसलें खराब होती हैं।
- जल प्रदूषण: जब Ground Water कम होता है तो गंदा और खारा पानी ऊपर आ जाता है।
- पेयजल संकट: पीने लायक साफ पानी की कमी हो जाती है।
- जैव विविधता पर असर: नदी और झीलों के सूखने से वहाँ रहने वाले जीव-जंतुओं पर असर पड़ता है।
Sustainable Management of Water Resources - in Hindi
Sustainable का मतलब होता है – ऐसा उपयोग जो भविष्य की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए हो। पानी की मात्रा सीमित है, इसलिए हमें इसका बुद्धिमानी से उपयोग करना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इसका लाभ उठा सकें। नीचे कुछ Sustainable Water Management के उपाय दिए गए हैं:
- Rainwater Harvesting: बारिश के पानी को इकट्ठा करके उसे जमीन में डालना या उपयोग के लिए स्टोर करना चाहिए। इससे Ground Water बढ़ता है।
- Drip Irrigation: फसलों की जड़ों पर सीधे पानी देने की आधुनिक पद्धति जिससे पानी की बचत होती है।
- Water Recycling: उद्योगों और घरों से निकले पानी को साफ करके फिर से इस्तेमाल करना।
- Awareness Campaigns: लोगों को पानी बचाने की आदतें सिखाने के लिए जागरूकता फैलाना।
- Leakage Control: नलों और पाइपों में रिसाव को रोकना जरूरी है ताकि पानी बर्बाद न हो।
- Legal Regulations: सरकार द्वारा पानी के उचित उपयोग के लिए नियम बनाए जाएँ जैसे की भूजल दोहन पर नियंत्रण।
- Afforestation: पेड़ लगाने से जल संरक्षण होता है और भूमि में पानी का स्तर बना रहता है।
सरल जल संरक्षण उपाय (Easy Water Saving Tips):
- ब्रश करते समय नल बंद करें।
- कपड़े मशीन में तभी धोएं जब मशीन पूरी भरी हो।
- बर्तन धोते समय पानी बहता न छोड़ें।
- छत से गिरने वाले बारिश के पानी को टंकी में इकट्ठा करें।
- पौधों में सुबह या शाम को पानी दें ताकि कम पानी से काम हो जाए।
Water Resources Status in India - जानकारी के लिए तालिका
| Water Source | Percentage Use | Main Use |
|---|---|---|
| Surface Water | 30% | Electricity, Drinking |
| Ground Water | 62% | Agriculture, Drinking |
| Rainwater (Collected) | 5% | Storage, Recharge |
| Other Sources | 3% | Industries |