Threats to Biodiversity – Habitat Loss and Poaching
Makhanlal Chaturvedi University / BCA / Environmental Science
Threats to Biodiversity – Habitat Loss and Poaching
Threats to Biodiversity – Habitat Loss and Poaching
Causes and Effects of Habitat Loss in Hindi
प्राकृतिक आवास (Habitat) वह स्थान होता है जहाँ कोई जीव, पक्षी या पौधा स्वाभाविक रूप से रहता है और अपना जीवन चक्र पूरा करता है। जब ये आवास नष्ट हो जाते हैं, तो उसे हम "Habitat Loss" कहते हैं। ये जैव विविधता (Biodiversity) के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है, क्योंकि जीवों को जीने के लिए सुरक्षित और स्थायी स्थान की आवश्यकता होती है।
- Deforestation (वनों की कटाई): खेती, आवास और लकड़ी के उपयोग के लिए बड़े पैमाने पर पेड़ काटे जाते हैं, जिससे जानवरों और पक्षियों का प्राकृतिक घर खत्म हो जाता है।
- Urbanization (शहरीकरण): शहरों का विस्तार, सड़कें, फैक्ट्रियाँ, और कॉलोनियाँ बनाने के कारण जंगल और खेत उजड़ जाते हैं, जिससे जानवरों के लिए स्थान कम होता चला जाता है।
- Agricultural Expansion (कृषि विस्तार): अधिक अनाज उत्पादन के लिए खेतों का विस्तार किया जाता है, जिससे जंगल और दलदल जैसी प्राकृतिक जगहें खत्म हो जाती हैं।
- Mining and Industrialization (खनन और औद्योगिकीकरण): खनिजों को निकालने के लिए जमीन खोदी जाती है और फैक्ट्रियाँ लगाई जाती हैं, जिससे आसपास का पूरा वातावरण प्रभावित होता है।
- Climate Change (जलवायु परिवर्तन): तापमान में बदलाव, बारिश के पैटर्न में अंतर और समुद्र स्तर का बढ़ना भी कई प्रजातियों के आवास को खतरे में डालता है।
जब ये आवास नष्ट होते हैं तो बहुत से जीव या तो मर जाते हैं या किसी अन्य स्थान पर पलायन कर जाते हैं जहाँ उन्हें अनुकूल वातावरण नहीं मिलता। इससे कई प्रजातियाँ विलुप्ति (Extinction) की कगार पर पहुँच जाती हैं।
Poaching of Wildlife: Definition and Impact in Hindi
Poaching का मतलब होता है जानवरों का अवैध शिकार। जब किसी वन्यजीव को बिना सरकारी अनुमति या कानून के विरुद्ध मार दिया जाता है या पकड़ा जाता है, तो उसे Poaching कहा जाता है। भारत में Wildlife Protection Act, 1972 के तहत यह एक दंडनीय अपराध है।
- व्यावसायिक शिकार: जानवरों की हड्डियाँ, खाल, दांत, सींग आदि की अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में भारी मांग होती है। इससे लालच में आकर शिकारी वन्यजीवों का अवैध शिकार करते हैं।
- पारंपरिक चिकित्सा: कुछ पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में जानवरों के अंगों का उपयोग होता है, जिससे Poaching को बढ़ावा मिलता है।
- खेल और ट्रॉफी शिकार: कुछ लोग शौक के लिए भी शिकार करते हैं और जानवरों की खाल या सिर को सजावट के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
इसका सबसे बड़ा प्रभाव यह होता है कि कई जानवरों की संख्या इतनी कम हो जाती है कि वे विलुप्ति की स्थिति में पहुँच जाते हैं। जैसे - बाघ (Tiger), गेंडा (Rhino), कस्तूरी मृग (Musk deer) आदि। इससे न केवल वह प्रजाति प्रभावित होती है बल्कि पूरा इकोसिस्टम असंतुलित हो जाता है।
Major Wildlife Poaching Cases in India in Hindi
भारत में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहाँ Poaching बड़े पैमाने पर की गई है। ये घटनाएँ न सिर्फ कानून की कमजोरियों को उजागर करती हैं बल्कि हमें चेतावनी भी देती हैं कि यदि समय रहते नहीं चेता गया तो जैव विविधता को भारी नुकसान हो सकता है।
- सरिस्का टाइगर रिज़र्व, राजस्थान: वर्ष 2005 में यहाँ सभी बाघ गायब हो गए थे। बाद में पता चला कि शिकारी गिरोह ने Poaching कर सारे बाघ मार दिए थे। यह भारत की सबसे बड़ी Poaching घटनाओं में से एक है।
- काजीरंगा नेशनल पार्क, असम: यहाँ गैंडों की सींग के लिए बड़ी संख्या में Poaching की जाती रही है। गैंडे की सींग की अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी मांग है।
- बिहार में कस्तूरी मृग की Poaching: कस्तूरी मृग की नाभि से निकलने वाली कस्तूरी (Musk) के लिए इसका अत्यधिक शिकार किया गया, जिससे इसकी संख्या लगभग विलुप्ति तक पहुंच गई।
इन घटनाओं ने सरकार को सतर्क किया और कई सख्त नियमों और निगरानी तंत्र की शुरुआत हुई। लेकिन फिर भी, अभी भी कई क्षेत्रों में यह समस्या बनी हुई है।
Role of Habitat Loss and Poaching in Biodiversity Decline in Hindi
Habitat Loss और Poaching दोनों ही जैव विविधता (Biodiversity) को बहुत तेजी से प्रभावित करते हैं। आइए समझते हैं कि कैसे यह दोनों कारक जैव विविधता को समाप्त कर देते हैं:
- प्राकृतिक श्रृंखला (Food Chain) का टूटना: जब किसी एक प्रजाति की संख्या कम होती है या वह विलुप्त हो जाती है, तो उससे जुड़ी कई दूसरी प्रजातियाँ भी प्रभावित होती हैं। इससे पूरी पारिस्थितिक श्रृंखला असंतुलित हो जाती है।
- Genetic Diversity में कमी: एक ही प्रजाति के कम जीव बचे रहने से उनमें आनुवंशिक विविधता (Genetic Variation) कम हो जाती है, जिससे भविष्य में उनके अस्तित्व पर संकट आता है।
- प्राकृतिक सेवाओं में गिरावट: जंगल, नदियाँ और जानवर पर्यावरण को संतुलित रखते हैं। जैसे कि मधुमक्खियाँ परागण (Pollination) करती हैं, गिद्ध शवों को साफ करते हैं। इनकी संख्या कम होने से इंसानों पर भी असर पड़ता है।
- स्थानीय समुदायों पर प्रभाव: जो लोग जंगलों पर निर्भर होते हैं, जैसे आदिवासी समुदाय, उनकी आजीविका पर भी असर होता है क्योंकि उनकी जीवनशैली जंगल और जीवों से जुड़ी होती है।
इसलिए यह बहुत ज़रूरी है कि हम Habitat Loss को रोकें और Poaching पर कठोर कार्रवाई करें। सरकार के साथ-साथ आम नागरिकों को भी इसके लिए जागरूक और जिम्मेदार बनना होगा।
Useful Data Table in Hindi
| प्रजाति का नाम | खतरे का कारण | स्थिति |
|---|---|---|
| बाघ (Tiger) | Poaching, Habitat Loss | खतरे में (Endangered) |
| गेंडा (Rhino) | Poaching (Horn), Habitat Fragmentation | कमजोर स्थिति (Vulnerable) |
| हाथी (Elephant) | Habitat Loss, Illegal Ivory Trade | खतरे में |
| कस्तूरी मृग (Musk Deer) | Poaching (Musk Extraction) | लगभग विलुप्त (Critically Endangered) |
आज आवश्यकता है कि हम सभी मिलकर जैव विविधता की रक्षा करें। यह न केवल जानवरों और पौधों के लिए जरूरी है, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी अनिवार्य है। यदि प्राकृतिक संतुलन बना रहा, तभी मानव जीवन भी सुरक्षित रहेगा।