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Purpose and Scope of Wildlife Protection Act in Hindi

Makhanlal Chaturvedi University / BCA / Environmental Science

Wildlife Protection Act in Hindi

Purpose and Scope of Wildlife Protection Act in Hindi

भारत में वन्यजीवों की बायोडायवर्सिटी को सुरक्षित रखने के लिये वर्ष 1972 में Wildlife Protection Act बनाया गया। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य देश-भर में रहने वाले सभी flora एवं fauna को अवैध शिकार, तस्करी तथा आवास-नाश से बचाना है। कानून न केवल शेर, हाथी, गैंडा जैसी charismatic species को बचाता है, बल्कि सांप, कीट, और पौधों जैसे अनदेखे जीवों को भी समान सुरक्षा देता है।

अधिनियम की Scope बहुत व्यापक है—यह केंद्र व राज्य दोनों स्तरों पर लागू होता है, और Territorial Waters से लेकर ऊँचे पहाड़ों तक फैले वन्य आवासों को कवर करता है। शिकार पर प्रतिबंध, Protected Areas की अधिसूचना, अनुसूची-वार सुरक्षा श्रेणियाँ, और गैर-कानूनी व्यापार पर कठोर दंड—ये सब इसमें शामिल हैं। इसके साथ-साथ National Board for Wildlife एवं विभिन्न State Boards वैज्ञानिक सलाह देते हैं ताकि संरक्षण निर्णय स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार हों।

Key Objectives in Hindi

  • वन्यजीवों के habitat की रक्षा तथा ecosystem integrity बनाए रखना।
  • Hunting, trapping और trade जैसी गतिविधियों को सख्त नियंत्रित करना।
  • National Parks, Sanctuaries, Conservation Reserves एवं Community Reserves घोषित करना।
  • स्थानीय समुदायों को संरक्षण-कार्यों में भागीदार बनाना और eco-development योजनाएँ लागू करना।
  • दोषियों पर कड़े दंड तथा seizure प्रावधान लागू कर wildlife crime को हतोत्साहित करना।

Categories of Protected Wildlife under the Act in Hindi

Wildlife Protection Act की धारा-अनुसार वन्यजीवों को Schedule I से Schedule VI तक छह श्रेणियों में रखा गया है। प्रत्येक श्रेणी अलग-अलग संरक्षण-स्तर तय करती है। नीचे दी गयी सारणी से यह स्पष्ट होगा कि किस Schedule के अंतर्गत कौन-सा संरक्षण स्तर मिलता है और उदाहरणतया किस प्रकार की प्रजातियाँ शामिल हैं।

Schedule Protection Level (in Hindi) उदाहरण (Species Examples)
Schedule I सर्वाधिक कड़ा संरक्षण; शिकार पर पूर्ण प्रतिबंध; दंड > ₹1 लाख + जेल Royal Bengal Tiger, Snow Leopard, Indian Bustard
Schedule II उच्च संरक्षण; शिकार प्रतिबंधित, पर दंड थोड़ा कम Leopard, Black Buck, King Cobra
Schedule III मध्यम संरक्षण; अनुमति-आधारित उपयोग संभव Hyena, Nilgai, Barking Deer
Schedule IV आम प्रजातियाँ; नियंत्रण आवश्यक पर दंड हल्का Porcupine, Vulture species
Schedule V व्यापक रूप से हानिकारक मानी गयी प्रजातियाँ Common Crow, Fruit Bat, Field Rat
Schedule VI संरक्षित पौधे; उखाड़ना या विक्रय अपराध Red Vanda, Blue Vanda, Pitcher Plant

Why Schedule-Based Classification Matters

  • सरकारी एजेंसियों को priority-wise संसाधन आवंटित करने में सुविधा मिलती है।
  • न्यायालयों को दंड निर्धारण में स्पष्ट दिशा-निर्देश मिलता है।
  • विद्यार्थियों व शोधकर्ताओं के लिये यह pedagogical tool है जिससे वे जोखिम-स्तर समझ सकें।

Measures for Conservation under Wildlife Protection Act in Hindi

अधिनियम के अंतर्गत कई ऐसे instrumental measures मौजूद हैं जो व्यावहारिक धरातल पर संरक्षण को कारगर बनाते हैं। इन उपायों को कानून, संस्थागत व्यवस्थाएँ और सामुदायिक भागीदारी—तीनों स्तरों पर बांटा जा सकता है। नीचे प्रमुख उपायों को सरल भाषा में समझाया गया है।

Legal & Administrative Measures

  • Protected Area Network का विस्तार: नए National ParksSanctuaries अधिसूचित कर संवेदनशील निवास-स्थानों को कानूनी कवच प्रदान करना।
  • Wildlife Crime Control Bureau (WCCB) की स्थापना: तस्करी एवं अंतर-राज्यीय अपराधों पर समन्वित कार्रवाई।
  • कस्टम, पुलिस तथा Forest Department को संयुक्त task forces द्वारा प्रशिक्षित करना।
  • Portable Forensics Labs का उपयोग, जिससे अपराध-स्थल पर ही DNA नमूने इकट्ठा कर प्रमाण मजबूत हों।

Community-Based Measures

  • Eco-development Committees बनाना, जहाँ स्थानीय लोग livelihood लाभ के साथ संरक्षण गतिविधियों में भाग लें।
  • Human–Wildlife Conflict Mitigation के लिये ex-gratia compensation योजनाएँ लागू करना।
  • स्कूल-कॉलेज स्तर पर wildlife clubs बनाकर जागरूकता बढ़ाना।

Science & Technology Measures

  • Radio-collaring और satellite telemetry से बड़े स्तनधारियों की निगरानी।
  • Camera Traps द्वारा population estimation और poacher पहचान।
  • e-Surveillance प्लेटफॉर्म (जैसे M-STRIPES) से पार्क-पेट्रोल का रीयल-टाइम मॉनिटरिंग।

Challenges in Wildlife Protection Enforcement in Hindi

यद्यपि Wildlife Protection Act का कानूनी ढाँचा सुदृढ़ है, फिर भी जमीनी स्तर पर कई चुनौतियाँ सामने आती हैं, जिनसे छात्र, नीति-निर्माता और conservationist सभी रू-ब-रू होते हैं।

Operational Challenges

  • Forest Guard एवं Frontline Staff की संख्या कम, प्रशिक्षण पुराना और उपकरण सीमित।
  • दुर्गम भौगोलिक क्षेत्रों में नियमित patrolling महँगा व श्रमसाध्य।
  • Smart Technology को फैलाने के लिये बजट बाधाएँ।

Socio-Economic Challenges

  • ग्रामीण आबादी की resource-dependency के कारण ईंधन-लकड़ी एवं bushmeat संग्रह जारी रहना।
  • मानव-वन्यजीव संघर्ष (खासकर elephant corridors में) से जीवन व फसल-हानि होना।
  • Alternate livelihood विकल्प सीमित होने से अवैध शिकार की प्रलोभना।

Legal & Policy Challenges

  • अदालतों में conviction rate कम, क्योंकि सबूत अद्यतित नहीं होते या case dairy कमजोर होती है।
  • राज्यों के बीच समन्वय की कमी; अक्सर अपराधी सीमाएँ पार कर बच निकलते हैं।
  • Climate Change से आवास स्थानांतरित हो रहे हैं, पर Protected Area सीमाएँ स्थिर हैं।

Way Forward (संकेत मात्र)

  • Capacity-building हेतु राष्ट्रीय स्तर पर फंड आवंटन बढ़ाना।
  • सहनशील कृषि एवं eco-tourism को बढ़ावा देकर स्थानीय समुदायों की आय में विविधता।
  • Artificial Intelligence आधारित early-warning systems से तस्करी नेटवर्क ट्रैक करना।

FAQs

Wildlife Protection Act भारत सरकार द्वारा 1972 में बनाया गया एक कानून है, जिसका उद्देश्य भारत के वन्यजीवों की रक्षा करना है। यह अधिनियम शिकार, तस्करी और अवैध व्यापार पर रोक लगाता है और National Parks, Wildlife Sanctuaries जैसी संरक्षित क्षेत्रों की स्थापना को प्रोत्साहित करता है।
इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य वन्यजीवों को संरक्षण देना, उनके आवास की रक्षा करना और अवैध गतिविधियों जैसे शिकार और व्यापार को रोकना है। इसके द्वारा वन्यजीवों के प्रति जागरूकता और उनके संरक्षण के लिए सख्त कानूनी ढांचा बनाया गया है।
Wildlife Protection Act में कुल 6 Schedules होती हैं। इनमें से Schedule I और II में आने वाले जीवों को सबसे अधिक सुरक्षा मिलती है, जबकि Schedule V में हानिकारक जीवों को रखा जाता है। Schedule VI में संरक्षित पौधों की सूची होती है।
Wildlife Protection Act के तहत कई संरक्षण उपाय अपनाए गए हैं जैसे Protected Areas की घोषणा, Wildlife Crime Control Bureau की स्थापना, शिकार और तस्करी पर सख्त दंड, और स्थानीय समुदायों की भागीदारी को बढ़ावा देना। साथ ही तकनीकी उपाय जैसे camera traps और GPS tracking का उपयोग भी किया जाता है।
Wildlife Protection Act को लागू करने में कई चुनौतियाँ हैं जैसे सीमित संसाधन, प्रशिक्षित स्टाफ की कमी, ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक निर्भरता, और न्यायिक प्रक्रिया में दोषियों को सज़ा दिलवाने की कठिनाई। साथ ही climate change के कारण habitat loss भी एक बड़ी चुनौती है।

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