Mineral Resources Case Studies
Makhanlal Chaturvedi University / BCA / Environmental Science
Mineral Resources Case Studies in Hindi
Mineral Resources Case Studies in Hindi
Case Study: Iron Ore Mining in Goa and Its Impact in Hindi
Goa भारत का एक सुंदर राज्य है, जो समुद्र तटों के लिए जाना जाता है, लेकिन यहाँ पर Iron Ore Mining भी बड़े पैमाने पर होती रही है। Iron Ore यानी लोहा अयस्क का इस्तेमाल Steel बनाने में किया जाता है। Goa में 1940 के दशक से खनन शुरू हुआ था, और यह भारत का एक प्रमुख Iron Ore उत्पादक क्षेत्र बन गया।
1. Iron Ore Mining के कारण होने वाले पर्यावरणीय प्रभाव
- खनन से पहाड़ों की खुदाई की जाती है जिससे प्राकृतिक सौंदर्य नष्ट होता है।
- खनन के दौरान बहुत अधिक Dust और Pollution होता है जिससे हवा और पानी दूषित हो जाते हैं।
- कई झीलें और नदियाँ जो पहले साफ थीं, अब गंदगी और रसायनों से प्रभावित हो गई हैं।
- Wildlife (जैसे पक्षी और जानवर) के निवास स्थान खत्म हो जाते हैं, जिससे जैव विविधता में कमी आती है।
2. सामाजिक प्रभाव
- स्थानीय लोग जो खेती या मछली पकड़ने पर निर्भर थे, उनकी आजीविका छिन गई।
- Mining कंपनियों ने बाहर से मजदूर लाकर रोजगार दे दिया, जिससे स्थानीय बेरोजगारी बढ़ी।
- कई गाँव उजड़ गए क्योंकि खनन के कारण रहने लायक जगह नहीं रही।
3. सरकार की भूमिका और कानूनी मुद्दे
- 2012 में Supreme Court ने Goa में Iron Ore Mining पर रोक लगा दी क्योंकि वहाँ Illegal Mining बहुत ज्यादा हो रही थी।
- खनन लाइसेंस का गलत उपयोग किया गया और पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन किया गया।
- अब Mining को फिर से शुरू करने के लिए Environmental Clearance जरूरी कर दिया गया है।
Case Study: Bauxite Mining and Tribal Displacement in Odisha in Hindi
Odisha राज्य Bauxite खनिज के लिए प्रसिद्ध है। Bauxite से Aluminium बनाया जाता है, जिसका उपयोग विमान, गाड़ी, डिब्बे आदि बनाने में होता है। खासकर Niyamgiri Hills में Bauxite बहुत पाया जाता है। यहाँ रहने वाले आदिवासी लोगों का जीवन पूरी तरह प्रकृति पर निर्भर है।
1. Tribal Displacement के मुख्य कारण
- Bauxite खनन के लिए सरकार और निजी कंपनियाँ जंगल और पहाड़ों को काटना चाहती हैं।
- इससे वहाँ रहने वाले आदिवासियों को अपनी जमीन छोड़नी पड़ती है।
- उनकी धार्मिक मान्यताएँ और परंपराएँ पहाड़ों से जुड़ी होती हैं, इसलिए यह केवल जमीन का नुकसान नहीं बल्कि सांस्कृतिक नुकसान भी है।
2. सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव
- Displacement से आदिवासी समुदाय का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
- उन्हें नए जगहों पर ले जाकर बसाया गया, लेकिन वहाँ ना तो रोज़गार था ना सुविधाएँ।
- कई लोगों को Rehabilitation Package मिला ही नहीं या अधूरा मिला।
3. Niyamgiri आंदोलन
- स्थानीय Dongria Kondh जनजाति ने Vedanta कंपनी के खिलाफ आंदोलन चलाया।
- Supreme Court ने आदिवासियों को यह अधिकार दिया कि वे तय कर सकते हैं कि उनकी जमीन पर Mining हो या नहीं।
- यह भारत के इतिहास में Tribal Rights की एक बड़ी जीत मानी जाती है।
Case Study: Coal Mining Effects in Jharkhand Region in Hindi
Jharkhand राज्य कोयला (Coal) के विशाल भंडार के लिए जाना जाता है। यहाँ की Dhanbad और Jharia जैसी जगहें भारत की प्रमुख Coal Mining Sites हैं। कोयला Thermal Power Plants के लिए बहुत जरूरी है, लेकिन इसके खनन से अनेक समस्याएँ पैदा हो रही हैं।
1. पर्यावरणीय प्रभाव
- Jharia में पिछले कई दशकों से जमीन के नीचे आग लगी हुई है, जिससे जमीन धंसती रहती है।
- वायु में प्रदूषण की मात्रा बहुत अधिक हो गई है, जिससे लोगों को सांस की बीमारियाँ हो रही हैं।
- पानी के स्रोत जैसे नदियाँ और कुएँ भी प्रदूषित हो गए हैं।
2. सामाजिक प्रभाव
- Mining के कारण कई घर ध्वस्त हो गए हैं क्योंकि जमीन बार-बार धंसती है।
- स्थानीय लोग जो वहाँ पीढ़ियों से रह रहे थे, उन्हें बिना उचित मुआवज़ा दिए वहाँ से हटा दिया गया।
- काम करने वाले मजदूरों को Health Insurance और Safety Gear तक नहीं दिया गया।
3. स्वास्थ्य पर असर
- लोगों को Chronic Bronchitis, Asthma और Skin Diseases जैसी बीमारियाँ हो रही हैं।
- बच्चों की मृत्यु दर भी बढ़ी है क्योंकि वे प्रदूषण के संपर्क में रहते हैं।
Successful Rehabilitation from Mining Projects in India in Hindi
खनन के कारण Displacement और Environmental Damage को देखते हुए सरकार ने Rehabilitation यानी पुनर्वास की योजनाएँ शुरू कीं। कुछ जगहों पर यह योजनाएँ सफल भी रहीं, जहाँ लोगों को नई जमीन, घर, शिक्षा और रोज़गार मिला।
1. सरकार की Rehabilitation Policy
- National Rehabilitation & Resettlement Policy 2007 के तहत प्रभावित लोगों को मुआवज़ा, घर और अन्य सुविधाएँ देने का प्रावधान किया गया।
- जिनकी जमीन ली जाती है, उन्हें उसी क्षेत्र में वैकल्पिक जमीन दी जाती है।
- Skill Training और Self Employment Program भी चलाए गए।
2. Success Story: Singrauli (Madhya Pradesh)
- Singrauli में Coal Mining के कारण लोगों को हटाया गया था।
- यहाँ पर NTPC और अन्य कंपनियों ने Model Villages बनाए।
- लोगों को बिजली, पानी, स्कूल और Health Centre जैसी सुविधाएँ दी गईं।
3. Challenges और सुधार की ज़रूरत
- अभी भी कई जगह Rehabilitation अधूरा है या सही ढंग से नहीं हुआ है।
- नियम तो हैं, पर उनका पालन सुनिश्चित नहीं किया जाता।
- स्थानीय लोगों की सहमति और भागीदारी बेहद जरूरी है ताकि वे खुद अपने पुनर्वास का निर्णय ले सकें।
Mining Case Studies से क्या सीख मिलती है?
- Mining Projects के पहले Environmental Impact Assessment (EIA) करना आवश्यक है।
- स्थानीय लोगों को साथ लेकर ही कोई भी खनन परियोजना शुरू की जानी चाहिए।
- खनन के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और लोगों के पुनर्वास पर भी ध्यान देना होगा।