Conservation of Biodiversity – In-situ and Ex-situ
Makhanlal Chaturvedi University / BCA / Environmental Science
Conservation of Biodiversity – In-situ and Ex-situ
Conservation of Biodiversity – In-situ and Ex-situ
Meaning and Importance of In-situ Conservation in Hindi
पृथ्वी पर जीवन का संतुलन बनाए रखने के लिए **biodiversity** (जैव विविधता) का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। जैव विविधता में सभी प्रकार के जीव-जंतु, पौधे, सूक्ष्मजीव, उनके पर्यावरण और उनके आपसी संबंध शामिल होते हैं। जब हम किसी जीव या पौधे को उसी प्राकृतिक स्थान पर सुरक्षित रखते हैं जहाँ वो स्वाभाविक रूप से पाया जाता है, तो इसे **In-situ Conservation** कहा जाता है। **In-situ Conservation** का मुख्य उद्देश्य यह है कि जीवों को उनके मूल वातावरण में सुरक्षित रखा जाए ताकि उनका प्राकृतिक विकास बिना बाधा के होता रहे। इससे न केवल उस प्रजाति की रक्षा होती है बल्कि उस पूरे इकोसिस्टम का भी संरक्षण होता है जहाँ वो जीव निवास करता है।- यह संरक्षण प्रकृति के बीच होता है, जिससे जीवों का प्राकृतिक विकास संभव होता है।
- इसमें मानव हस्तक्षेप बहुत कम होता है, जिससे प्राकृतिक selection और evolution की प्रक्रिया बनी रहती है।
- यह endangered species को extinction से बचाने में सहायक होता है।
- इस पद्धति से पूरे habitat की रक्षा होती है, न कि केवल एक species की।
Examples of In-situ Conservation Areas in India in Hindi
भारत में **In-situ Conservation** के कई प्रभावशाली उदाहरण मिलते हैं। भारत जैव विविधता में समृद्ध देश है और यहाँ कई ऐसे क्षेत्र हैं जो संरक्षित क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं।| संरक्षित क्षेत्र | राज्य | मुख्य विशेषताएँ |
|---|---|---|
| Jim Corbett National Park | उत्तराखंड | भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान, बाघ संरक्षण के लिए प्रसिद्ध |
| Kaziranga National Park | असम | एक सींग वाले गैंडे (One-horned Rhinoceros) का आवास |
| Sundarbans Biosphere Reserve | पश्चिम बंगाल | Royal Bengal Tiger और मैंग्रोव जंगलों का संरक्षण |
| Gir Wildlife Sanctuary | गुजरात | एशियाई शेरों (Asiatic Lions) का एकमात्र प्राकृतिक निवास |
| Nilgiri Biosphere Reserve | तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक | विविध वनस्पतियों और जीवों से भरपूर, UNESCO मान्यता प्राप्त |
Ex-situ Conservation: Definition and Methods in Hindi
**Ex-situ Conservation** का अर्थ होता है – किसी प्रजाति को उसके प्राकृतिक आवास से बाहर निकालकर किसी संरक्षित और नियंत्रित वातावरण में उसका संरक्षण करना। जब किसी प्रजाति का अस्तित्व खतरे में होता है या उस प्रजाति का प्राकृतिक आवास पूरी तरह नष्ट हो चुका होता है, तब यह तरीका उपयोगी होता है। **Ex-situ Conservation** के कई तरीके हैं जो वैज्ञानिक तरीकों पर आधारित होते हैं और विभिन्न प्रकार के institutions में अपनाए जाते हैं।- Zoos (चिड़ियाघर): जंगली जानवरों को संरक्षित वातावरण में रखा जाता है जहाँ उनकी देखरेख और reproduction संभव हो सके।
- Botanical Gardens: दुर्लभ और लुप्तप्राय पौधों को संरक्षित करके उनका अध्ययन और पुनर्वास किया जाता है।
- Seed Banks: बीजों को लंबे समय तक संरक्षित रखने के लिए वैज्ञानिक तरीके अपनाए जाते हैं ताकि भविष्य में उनका उपयोग किया जा सके।
- Gene Banks: DNA और genes को संरक्षित किया जाता है जिससे endangered species की cloning या पुनः जनसंख्या संभव हो सके।
- Tissue Culture: पौधों के ऊतकों से नई पौधों की उत्पत्ति की जाती है।
Role of Zoos, Botanical Gardens and Seed Banks in Ex-situ Conservation in Hindi
**Ex-situ Conservation** में कुछ विशेष संस्थानों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। आइए विस्तार से समझते हैं कि ये संस्थान किस प्रकार जैव विविधता के संरक्षण में योगदान देते हैं।-
Zoos (चिड़ियाघर):
चिड़ियाघर वह स्थान होता है जहाँ जानवरों को संरक्षित वातावरण में रखा जाता है। यहाँ उनके स्वास्थ्य, खानपान, व्यवहार और प्रजनन पर निरंतर निगरानी रखी जाती है। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि यदि जंगल में उनकी संख्या घट रही है, तो कृत्रिम तरीकों से उनकी संख्या बढ़ाई जा सके। -
Botanical Gardens:
वनस्पति उद्यानों में दुर्लभ और विलुप्त होने वाली पौधों की प्रजातियों को संरक्षित किया जाता है। यह संस्थान पौधों के अध्ययन, शोध और जनसंख्या पुनर्निर्माण के लिए जरूरी होते हैं। -
Seed Banks:
बीज बैंक में विभिन्न पौधों के बीजों को वैज्ञानिक तरीके से संग्रहित किया जाता है। इन बीजों को भविष्य में खेती या जंगलों में पुनर्स्थापना के लिए प्रयोग किया जा सकता है। इससे जैव विविधता का भविष्य में भी उपयोग संभव हो पाता है।
भारत में Ex-situ Conservation के प्रमुख उदाहरण
| संस्थान | स्थान | प्रमुख भूमिका |
|---|---|---|
| National Zoological Park | नई दिल्ली | दुर्लभ जानवरों का संरक्षण और प्रदर्शनी |
| Indian Botanical Garden | हावड़ा, पश्चिम बंगाल | लुप्तप्राय पौधों की प्रजातियों का संरक्षण |
| National Seed Bank | नई दिल्ली | बीजों का दीर्घकालीन संरक्षण और शोध |
| National Bureau of Plant Genetic Resources (NBPGR) | नई दिल्ली | पौधों के genes और germplasm का संरक्षण |
In-situ और Ex-situ Conservation में अंतर
| विशेषता | In-situ Conservation | Ex-situ Conservation |
|---|---|---|
| स्थान | प्राकृतिक वातावरण में | कृत्रिम या संरक्षित वातावरण में |
| उदाहरण | National Parks, Wildlife Sanctuaries | Zoos, Seed Banks, Botanical Gardens |
| लाभ | पूरा habitat सुरक्षित रहता है | खतरे में पड़ी species को सीधे संरक्षण मिलता है |
| प्रबंधन | कम मानव हस्तक्षेप | उच्च स्तर का वैज्ञानिक प्रबंधन |
FAQs
In-situ Conservation वह प्रक्रिया है जिसमें किसी प्रजाति को उसके प्राकृतिक आवास में ही संरक्षित किया जाता है। इसमें जीवों को उनके natural habitat में ही protection दी जाती है ताकि वे स्वतंत्र रूप से जीवन व्यतीत कर सकें।
भारत में In-situ Conservation के मुख्य उदाहरणों में Jim Corbett National Park (उत्तराखंड), Kaziranga National Park (असम), Sundarbans Biosphere Reserve (पश्चिम बंगाल) और Gir Wildlife Sanctuary (गुजरात) शामिल हैं।
Ex-situ Conservation वह प्रक्रिया है जिसमें किसी प्रजाति को उसके प्राकृतिक वातावरण से बाहर निकालकर किसी सुरक्षित और कृत्रिम स्थान पर संरक्षित किया जाता है। जैसे कि Zoos, Botanical Gardens और Seed Banks।
Zoos और Botanical Gardens endangered species को संरक्षित वातावरण में protection और reproduction का अवसर प्रदान करते हैं। Zoos जानवरों के लिए उपयोगी हैं जबकि Botanical Gardens पौधों को बचाने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
In-situ Conservation में species को उनके प्राकृतिक पर्यावरण में ही संरक्षित किया जाता है, जबकि Ex-situ Conservation में उन्हें उनके natural habitat से बाहर सुरक्षित स्थानों पर रखा जाता है। In-situ पूरी ecosystem को संरक्षित करता है, जबकि Ex-situ individual species पर ध्यान देता है।