Notes in Hindi

Soil Salinity

Makhanlal Chaturvedi University / BCA / Environmental Science

Soil Salinity and Its Impact on Agriculture in Hindi

Soil Salinity in Hindi

मिट्टी में लवण (Salts) की अधिक मात्रा जमा हो जाने की प्रक्रिया को Soil Salinity यानी "मृदा लवणता" कहा जाता है। जब मिट्टी में घुलनशील लवण (जैसे Sodium, Calcium, Magnesium के Salts) की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है, तो वह मिट्टी खेती के लिए उपयुक्त नहीं रह जाती। यह समस्या विशेष रूप से उन क्षेत्रों में होती है जहां सिंचाई का अत्यधिक या अनुचित उपयोग होता है।

What is Salinity in Soil?

जब मिट्टी में इस प्रकार के घुलनशील लवण जमा हो जाते हैं जो पानी के साथ बहकर बाहर नहीं जा पाते, तब वह मिट्टी "saline" हो जाती है। इसका असर मिट्टी की उर्वरता (fertility), जल धारण क्षमता (water holding capacity) और फसलों की वृद्धि (crop growth) पर पड़ता है।

Types of Saline Soils

  • Saline Soil: इसमें केवल घुलनशील salts अधिक मात्रा में होते हैं। pH सामान्य (7-8.5) होता है।
  • Sodic Soil: इसमें Sodium का स्तर अधिक होता है और pH 8.5 से अधिक होता है।
  • Saline-Sodic Soil: इसमें both Sodium और दूसरे salts अधिक मात्रा में होते हैं।

Causes of Salinity in Irrigated Lands in Hindi

सिंचित भूमि में लवणता के मुख्य कारण

  • अधिक मात्रा में सिंचाई: जब खेतों में अत्यधिक सिंचाई की जाती है, तो पानी जमीन के अंदर चला जाता है लेकिन उसमें मौजूद लवण सतह पर रह जाते हैं। समय के साथ ये लवण जमा होकर salinity बढ़ाते हैं।
  • Water Table का बढ़ जाना: अगर जलस्तर सतह के बहुत पास आ जाए, तो उसमें मौजूद लवण वाष्पीकरण (evaporation) के साथ ऊपर आकर मिट्टी में जमा हो जाते हैं।
  • नालियों की कमी: अगर खेतों में पानी निकासी की व्यवस्था नहीं हो तो पानी के साथ लवण सतह पर रुक जाते हैं और मिट्टी saline हो जाती है।
  • खारापन युक्त पानी से सिंचाई: अगर सिंचाई के लिए जो पानी उपयोग हो रहा है उसमें पहले से salts हों, तो वह भी मिट्टी की salinity को बढ़ाता है।
  • अप्राकृतिक उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग: लगातार और अनियंत्रित fertilizer के उपयोग से भी salts मिट्टी में जमा हो जाते हैं।

Effects of Soil Salinity on Crop Growth in Hindi

मिट्टी की लवणता का फसलों पर प्रभाव

  • पौधों की वृद्धि धीमी हो जाती है: Saline मिट्टी में पौधों की जड़ें सही से पानी और पोषक तत्व नहीं खींच पातीं जिससे उनकी growth रुक जाती है।
  • बीज अंकुरण (Germination) में कमी: अधिक लवणता से बीज जल्दी अंकुरित नहीं होते या अंकुरण पूरी तरह से रुक जाता है।
  • पत्तों में जलन या जलने जैसे लक्षण: ज्यादा salt के कारण पत्तों की किनारियाँ सूखने लगती हैं और जलने जैसी स्थिति दिखती है।
  • फसल की उपज में भारी गिरावट: Salinity के कारण फसलों की quality और quantity दोनों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
  • मिट्टी की जैविक गतिविधियों में गिरावट: मिट्टी में मौजूद उपयोगी सूक्ष्मजीव (microorganisms) मरने लगते हैं जिससे soil fertility प्रभावित होती है।

Soil Management Techniques to Reduce Salinity in Hindi

मिट्टी की लवणता को कम करने के उपाय

  • लेचिंग (Leaching): खेतों में excess water डालकर salts को मिट्टी की नीचे की सतह में बहा देना। यह तरीका तभी उपयोगी होता है जब पानी की निकासी (drainage) सही हो।
  • सही ड्रेनेज सिस्टम: खेतों में पानी रुकने न पाए, इसके लिए नालियों या टाइल ड्रेनेज सिस्टम की मदद से excess water को बाहर निकाला जाए।
  • जिप्सम (Gypsum) का उपयोग: Sodic soils को सुधारने के लिए gypsum एक प्रभावशाली उपाय है जो sodium को calcium से replace करता है।
  • सल्ट टॉलरेंट फसलों का चयन: जैसे कि barley, cotton, mustard, sugar beet आदि फसलें थोड़ी salinity सहन कर सकती हैं।
  • ऑर्गेनिक मैटर का उपयोग: गोबर की खाद, हरी खाद आदि organic पदार्थ मिट्टी की संरचना और नमी बनाए रखने में मदद करते हैं जिससे salinity कम होती है।
  • फसल चक्र अपनाना: Alternate salinity-tolerant और non-tolerant crops लगाने से मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहती है।

Salinity को रोकने के लिए उपयोगी Practices

  • Controlled Irrigation system जैसे drip और sprinkler method अपनाना।
  • सिंचाई से पहले मिट्टी का test कराना कि उसमें salts की मात्रा कितनी है।
  • पानी का conservation और reuse system अपनाना।
  • कृषि विशेषज्ञों की सलाह से soil amendment करना।

Salinity Impact Case Studies from India in Hindi

भारत में मृदा लवणता से प्रभावित प्रमुख क्षेत्र

  • हरियाणा: हरियाणा में पानी की अधिक सिंचाई और गलत ड्रेनेज व्यवस्था के कारण लगभग 6% कृषि भूमि salinity से प्रभावित है।
  • पंजाब: यहाँ की सतलुज और घग्घर नदी के क्षेत्रों में salinity और sodicity दोनों पाई जाती हैं।
  • गुजरात का कच्छ क्षेत्र: यहाँ समुद्र के पास होने के कारण समुद्री जल का प्रभाव मिट्टी की salinity को बढ़ाता है।
  • उत्तर प्रदेश के इटावा और फर्रुखाबाद जिले: इन जिलों में पानी की अधिक सिंचाई से भूमि की ऊपरी परत में salts जमा हो गए हैं।

Case Study: Karnal, Haryana

हरियाणा के करनाल जिले में किसानों ने excessive irrigation और poor drainage के कारण मिट्टी में sodium और chloride salts की मात्रा बढ़ा दी थी। इससे धान और गेहूं की उपज लगातार गिरती गई। कृषि विभाग के सहयोग से leaching, gypsum treatment और salt-tolerant crops जैसे उपाय अपनाए गए। इसके परिणामस्वरूप 3 साल के भीतर भूमि की उर्वरता बहाल हो गई और किसान की आमदनी में वृद्धि हुई।

Case Study: Coastal Gujarat

गुजरात के समुद्री किनारे वाले क्षेत्रों में खारे पानी से सिंचाई करने पर मिट्टी की salinity बहुत बढ़ गई थी। सरकार द्वारा drip irrigation और saline-resistant seeds का वितरण किया गया, जिससे किसान दोबारा खेती शुरू कर पाए। आज भी वहाँ लगातार monitoring की जाती है।

भारत में Saline Soils का आँकड़ा

राज्य प्रभावित क्षेत्र (हेक्टेयर में) प्रमुख कारण
हरियाणा 2.5 लाख Over Irrigation, Poor Drainage
पंजाब 1.8 लाख Saline Water Use
गुजरात 4.2 लाख Coastal Intrusion
उत्तर प्रदेश 1.2 लाख Improper Irrigation

FAQs

Soil Salinity वह स्थिति होती है जब मिट्टी में salts की मात्रा अधिक हो जाती है, जिससे पौधों की growth और soil fertility पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यह मुख्यतः अधिक सिंचाई, गलत drainage और खारे पानी के उपयोग से होती है।
मुख्य कारणों में अत्यधिक सिंचाई, खराब drainage system, high water table, saline water से सिंचाई और अनियंत्रित fertilizer का प्रयोग शामिल हैं। ये सभी कारण मिट्टी में salts के जमाव को बढ़ाते हैं।
Soil Salinity पौधों की जड़ों की पानी और पोषक तत्व अवशोषित करने की क्षमता को कम कर देती है, जिससे बीज अंकुरण धीमा होता है, पत्तियाँ जलती हैं और उपज में भारी गिरावट आती है।
Soil Salinity को कम करने के लिए लेचिंग, ड्रेनेज सुधार, जिप्सम का उपयोग, salt-tolerant फसलों की बुवाई, organic matter का उपयोग और उचित irrigation techniques अपनानी चाहिए।
हरियाणा, पंजाब, गुजरात और उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्र जैसे कच्छ, करनाल, फर्रुखाबाद और इटावा आदि Soil Salinity से गंभीर रूप से प्रभावित हैं, जहाँ improper irrigation और drainage समस्याएं पाई जाती हैं।

Please Give Us Feedback