Hot-Spots of Biodiversity
Makhanlal Chaturvedi University / BCA / Environmental Science
Hot-Spots of Biodiversity in Hindi
Hot-Spots of Biodiversity in Hindi
Definition and Criteria of Biodiversity Hot-Spots in Hindi
जब हम "Hot-Spots of Biodiversity" की बात करते हैं, तो इसका मतलब होता है धरती पर वो विशेष क्षेत्र जहाँ जीवों की विविधता (Biodiversity) बहुत अधिक मात्रा में पाई जाती है, लेकिन ये क्षेत्र अत्यंत खतरे में होते हैं। सरल शब्दों में कहें तो ये ऐसे इलाक़े होते हैं जहाँ बड़ी संख्या में अनोखी (unique) और केवल उसी जगह पर पाई जाने वाली प्रजातियाँ (species) होती हैं, और जिनका अस्तित्व खतरे में है।
इसकी पहचान करने के लिए कुछ विशेष मानदंड (criteria) होते हैं, जिनके आधार पर किसी क्षेत्र को "Biodiversity Hotspot" घोषित किया जाता है। ये मानदंड निम्नलिखित हैं:
- कम से कम 1500 ऐसी vascular plants species (flowering और seed plants) होनी चाहिए जो केवल उसी क्षेत्र में पाई जाती हों (endemic हों)।
- उस क्षेत्र की original या natural vegetation का कम से कम 70% हिस्सा नष्ट हो चुका हो।
इसका उद्देश्य उन क्षेत्रों की पहचान करना है जहाँ जीव-जंतुओं की विविधता तो बहुत है, लेकिन वह गंभीर संकट में है। "Biodiversity Hotspots" का विचार सबसे पहले 1988 में Norman Myers नामक वैज्ञानिक ने प्रस्तुत किया था। इसके बाद Conservation International और अन्य संगठनों ने इस पर और गहराई से काम किया।
Major Biodiversity Hot-Spots in India in Hindi
भारत एक बहुत ही विविधतापूर्ण देश है जहाँ पर अनेक जलवायु क्षेत्रों और पर्यावरणीय परिस्थितियों के कारण अनेक प्रकार की जैव विविधता पाई जाती है। भारत में कुल 4 प्रमुख "Biodiversity Hotspots" हैं, जो न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर भी महत्वपूर्ण हैं। ये चारों क्षेत्र नीचे दिए गए हैं:
- Himalayas – इस क्षेत्र में पूर्वी हिमालय और पश्चिमी हिमालय दोनों शामिल हैं। यहाँ बहुत सी दुर्लभ प्रजातियाँ पाई जाती हैं जैसे की Snow Leopard, Himalayan Tahr, Red Panda आदि। यह क्षेत्र जलवायु के विविधता के कारण अत्यंत समृद्ध है।
- Indo-Burma Region – यह उत्तर-पूर्वी भारत, म्यांमार, थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया आदि को मिलाकर बना क्षेत्र है। यहाँ की 1300 से भी अधिक प्रजातियाँ केवल यहीं पाई जाती हैं।
- Western Ghats – यह क्षेत्र महाराष्ट्र से लेकर केरल तक फैला हुआ है। यह भारत के सबसे प्रमुख hotspots में से एक है। यहाँ लगभग 500 से अधिक endemic species पाई जाती हैं।
- Sundaland (Nicobar Islands शामिल) – यह क्षेत्र निकोबार द्वीप समूह में आता है और यहाँ अनेक समुद्री तथा स्थलीय प्रजातियाँ विशेष रूप से पाई जाती हैं।
इन क्षेत्रों में बहुत सारी endemic species पाई जाती हैं, यानी ऐसी प्रजातियाँ जो पूरी दुनिया में सिर्फ़ उसी क्षेत्र में मिलती हैं। जैसे कि Western Ghats में पाए जाने वाला Malabar Civet और Indo-Burma में पाए जाने वाले Golden Langur आदि।
Threats to Biodiversity Hot-Spots in Hindi
"Biodiversity Hotspots" को कई प्रकार के खतरे (threats) हैं, जो प्राकृतिक (natural) और मानवीय (human-induced) दोनों हो सकते हैं। ये खतरे न केवल उन क्षेत्रों की जैव विविधता को नष्ट कर रहे हैं बल्कि सम्पूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र (ecosystem) को असंतुलित कर रहे हैं। नीचे कुछ प्रमुख खतरों का वर्णन किया गया है:
- Deforestation (वनों की कटाई): वन क्षेत्र में कमी होने से वहाँ के जीवों का प्राकृतिक आवास समाप्त हो जाता है। यह सबसे बड़ा खतरा है।
- Habitat Fragmentation (आवास खंडन): जब वन क्षेत्रों को टुकड़ों में बाँट दिया जाता है, जैसे सड़कों, बांधों या कृषि के लिए, तो यह प्रजातियों के जीवनचक्र को प्रभावित करता है।
- Pollution (प्रदूषण): जल, वायु और भूमि प्रदूषण जैव विविधता पर बहुत बुरा प्रभाव डालते हैं।
- Invasive Species (बाहरी प्रजातियाँ): कुछ बाहरी species जब इन क्षेत्रों में प्रवेश करती हैं तो वो स्थानीय species को विस्थापित कर देती हैं।
- Climate Change (जलवायु परिवर्तन): तापमान में बदलाव, वर्षा के पैटर्न में परिवर्तन और बर्फ के पिघलने जैसे बदलाव जैव विविधता को प्रभावित करते हैं।
- Poaching और Illegal Wildlife Trade: अनेक प्रजातियों का शिकार कर के उनके अंगों का अवैध व्यापार किया जाता है, जिससे वो विलुप्ति की कगार पर पहुँच जाती हैं।
Conservation Strategies for Biodiversity Hot-Spots in Hindi
"Biodiversity Hotspots" को संरक्षित (conserve) करना एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है क्योंकि यदि हम इन क्षेत्रों को नहीं बचा पाए तो कई प्रजातियाँ हमेशा के लिए विलुप्त हो जाएँगी। इसके लिए विभिन्न स्तरों पर संरक्षण की रणनीतियाँ अपनाई जाती हैं, जिनमें से कुछ नीचे दी गई हैं:
- Protected Areas (संरक्षित क्षेत्र): National Parks, Wildlife Sanctuaries और Biosphere Reserves जैसे संरक्षित क्षेत्र बनाकर वहाँ मानव हस्तक्षेप को रोका जाता है।
- Community Involvement: स्थानीय समुदायों को जैव विविधता के संरक्षण में भागीदार बनाया जाता है ताकि वो इसके महत्व को समझें और उसे बचाने में सहयोग करें।
- Environmental Education: लोगों को पर्यावरण और जैव विविधता के महत्व के बारे में शिक्षित करना जरूरी है ताकि वे समझें कि इसका संरक्षण क्यों आवश्यक है।
- Legal Frameworks: जैसे Wildlife Protection Act, 1972 या Biological Diversity Act, 2002 जैव विविधता की रक्षा के लिए बनाए गए हैं।
- Reforestation and Habitat Restoration: जहाँ वन नष्ट हो चुके हैं, वहाँ दोबारा पेड़ लगाकर और प्राकृतिक आवास को पुनर्स्थापित कर conservation किया जाता है।
- Technology Use: GIS, Remote Sensing, और Camera Traps जैसे modern technology का उपयोग करके species की निगरानी और अध्ययन किया जाता है।
- International Collaboration: United Nations और World Bank जैसे अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग कर conservation प्रोजेक्ट्स चलाए जाते हैं।
इसके अतिरिक्त, school और college level पर भी biodiversity awareness campaigns चलाना जरूरी है ताकि युवा पीढ़ी में इसके प्रति संवेदनशीलता बढ़े। साथ ही, जैव विविधता से जुड़ी जानकारी को syllabus में शामिल करना चाहिए।
सरकार, NGOs, वैज्ञानिक संस्थान और आम जनता सभी को मिलकर "Hot-Spots of Biodiversity" को बचाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, क्योंकि एक बार यदि कोई प्रजाति विलुप्त हो जाए तो वह दोबारा कभी वापस नहीं आती।