India as a Mega-Diversity Nation
Makhanlal Chaturvedi University / BCA / Environmental Science
India as a Mega-Diversity Nation
India as a Mega-Diversity Nation
Meaning of Mega-Diversity Nation and India’s Status in Hindi
जब हम "Mega-Diversity Nation" शब्द सुनते हैं, तो इसका अर्थ होता है ऐसा देश जहाँ जैव विविधता (Biodiversity) अत्यधिक मात्रा में पाई जाती है। अर्थात ऐसा देश जहाँ पौधों, जानवरों, कीटों, पक्षियों, और जीवाणुओं की अनगिनत प्रजातियाँ पाई जाती हैं। पूरे विश्व में केवल 17 देशों को ही Mega-Diversity Nation माना गया है, और भारत उनमें से एक है। यह हमारे देश के लिए बहुत गर्व की बात है।
भारत को Mega-Diversity Nation का दर्जा इसलिए मिला है क्योंकि यहाँ जलवायु, भौगोलिक क्षेत्र, और पर्यावरणीय स्थितियाँ इतनी विविध हैं कि हर क्षेत्र में अलग प्रकार की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। भारत के पास 8% से अधिक वैश्विक जैव विविधता है। मतलब, पूरी दुनिया में जितनी जैव विविधता है, उसमें से 8 प्रतिशत केवल भारत में ही पाई जाती है।
Factors Contributing to India’s Mega-Diversity in Hindi
भारत की Mega-Diversity का कारण केवल उसकी भूमि का विस्तार नहीं है, बल्कि यहाँ के प्राकृतिक और भौगोलिक तत्त्वों का योगदान भी बहुत महत्वपूर्ण है। आइए इसे बिंदुओं में समझते हैं:
- भौगोलिक विविधता (Geographical Diversity): भारत में पर्वत, मैदान, रेगिस्तान, समुद्री तट, और द्वीप – सभी प्रकार की भौगोलिक संरचनाएँ मौजूद हैं। यह विविधता अलग-अलग प्रजातियों को जीने का स्थान देती है।
- जलवायु विविधता (Climatic Diversity): भारत में हर प्रकार की जलवायु पाई जाती है – उष्णकटिबंधीय से लेकर हिमालयी ठंडक तक। इससे विभिन्न प्रकार की वनस्पतियाँ और जीव विकसित होते हैं।
- पारंपरिक कृषि और संस्कृति: भारत में पारंपरिक कृषि और स्थानीय संस्कृतियों ने प्रजातियों के संरक्षण को बढ़ावा दिया है। यहाँ आदिवासी और ग्रामीण समुदाय पारंपरिक तरीके से खेती और वनों का संरक्षण करते हैं।
- प्राकृतिक आवासों की विविधता (Habitat Diversity): यहाँ जंगल, घास के मैदान, पहाड़, नदी, दलदल, समुद्र तट, और द्वीप जैसे अनेक प्रकार के आवास हैं जहाँ विभिन्न जीव-जंतु और पौधे रहते हैं।
- एवंडेमिक प्रजातियाँ (Endemic Species): भारत में बहुत सी प्रजातियाँ ऐसी हैं जो केवल भारत में ही पाई जाती हैं। इन्हें एंडेमिक प्रजातियाँ कहा जाता है। जैसे – Nilgiri Tahr, Andaman Teal आदि।
Biodiversity Richness Across Indian Biogeographical Zones in Hindi
भारत को वैज्ञानिक रूप से 10 प्रमुख Biogeographical Zones में बाँटा गया है, जहाँ हर एक क्षेत्र की जैव विविधता अलग और अद्भुत है। इन क्षेत्रों में जलवायु, मिट्टी, वनस्पति और जीव-जंतु अलग-अलग पाए जाते हैं।
| Biogeographical Zone | मुख्य जैव विविधता |
|---|---|
| Trans-Himalaya | स्नो लेपर्ड, याक, बर्फीले पक्षी |
| Himalaya | रेड पांडा, हिमालयी मोनाल, देवदार और बाँज के पेड़ |
| Desert | ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, रेगिस्तानी लोमड़ी, कैक्टस |
| Semiarid | नीलगाय, ब्लैकबक, थार के पौधे |
| Western Ghats | एवंडेमिक मेंढक, शेर की पूंछ वाला बंदर, मसालों के पौधे |
| Deccan Plateau | बांबी, तेंदुआ, चंदन के पेड़ |
| Gangetic Plain | गंगा डॉल्फिन, गिद्ध, आम, बबूल |
| North-East India | हूलॉक गिब्बन, ऑर्किड, राइस वेरायटीज |
| Coasts | ओलिव रिडले कछुए, मैंग्रोव, समुद्री घोड़े |
| Islands (Andaman & Nicobar / Lakshadweep) | एवंडेमिक पक्षी, कोरल रीफ, नारियल के वृक्ष |
इन क्षेत्रों की जैव विविधता इतनी अनोखी और समृद्ध है कि हर क्षेत्र एक अलग प्रकार की "जैविक पहचान" बनाता है।
Conservation Efforts for Mega-Diversity in India in Hindi
भारत सरकार और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों ने इस जैव विविधता को बचाने के लिए कई प्रयास किए हैं। ये Conservation Efforts विभिन्न स्तरों पर काम करते हैं – कानूनी, प्रशासनिक, और सामुदायिक।
- National Parks और Wildlife Sanctuaries: भारत में 100 से अधिक राष्ट्रीय उद्यान और 500 से ज्यादा वन्यजीव अभयारण्य हैं। ये प्राकृतिक आवासों की रक्षा करते हैं।
- Biosphere Reserves: भारत में कुल 18 जैवमंडलीय संरक्षित क्षेत्र (Biosphere Reserves) हैं जैसे – नीलगिरी, सुंदरबन, पचमढ़ी आदि। ये क्षेत्र प्राकृतिक और सांस्कृतिक संरक्षण दोनों के लिए काम करते हैं।
- Project Tiger और Project Elephant: इन योजनाओं के तहत बाघों और हाथियों की सुरक्षा की जाती है। इनका उद्देश्य शिकार और प्राकृतिक आवास की हानि को रोकना है।
- Forest Rights Act और Biodiversity Act: ये कानून स्थानीय समुदायों को जंगल और जैव विविधता के संरक्षण में भागीदारी प्रदान करते हैं।
- People's Participation: Joint Forest Management और Eco-Development Committees के माध्यम से लोगों की भागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि संरक्षण स्थानीय स्तर पर मजबूत हो।
- Seed Banks और Gene Banks: इनका उपयोग विभिन्न पौधों और फसलों के बीजों को संग्रहित करने के लिए किया जाता है जिससे भविष्य में इनका उपयोग हो सके।
- संगठनों का योगदान: WWF India, BNHS (Bombay Natural History Society), और IUCN जैसे अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय संगठन भी भारत की जैव विविधता के संरक्षण में सक्रिय हैं।
इस प्रकार, भारत न केवल Mega-Diversity Nation होने का गौरव रखता है, बल्कि इसे बनाए रखने के लिए लगातार प्रयासरत भी है। छात्र होने के नाते हमें भी यह समझना चाहिए कि जैव विविधता केवल जीवों की संख्या नहीं होती, बल्कि यह हमारी पारिस्थितिकी, खाद्य श्रृंखला, और पर्यावरण संतुलन का मूल आधार है।