Land as a Resource
Makhanlal Chaturvedi University / BCA / Environmental Science
Land as a Resource - Complete Guide in Hindi
Land as a Resource in Hindi
Definition and Importance of Land as a Resource in Hindi
धरती पर जितने भी संसाधन पाए जाते हैं, उनमें से Land (भूमि) सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है। यह न सिर्फ मनुष्य के रहने का स्थान है बल्कि कृषि, उद्योग, निर्माण, वन, खनिज और जल स्रोतों जैसी अनेकों गतिविधियों का आधार भी है।
जब हम Land as a Resource की बात करते हैं तो इसका मतलब है कि भूमि को एक ऐसे संसाधन के रूप में देखा जाए जिसका उपयोग विभिन्न मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए किया जाता है। इसमें फसल उगाना, घर बनाना, सड़कें बनाना, फैक्ट्रियाँ लगाना, खनिज निकालना आदि सभी कार्य शामिल होते हैं।
भूमि का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि मनुष्य की लगभग सभी क्रियाएँ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भूमि पर निर्भर करती हैं। यदि भूमि उपजाऊ है, तो वहाँ कृषि उत्पादन अच्छा होगा, जिससे खाद्यान्न की पूर्ति होगी और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
Types of Land Resources and Their Use in Hindi
भूमि को उसके उपयोग और प्रकार के आधार पर कई भागों में बाँटा जा सकता है। हर प्रकार की भूमि का अपना विशेष उपयोग होता है। नीचे भूमि के मुख्य प्रकार और उनके उपयोग को सरल भाषा में समझाया गया है:
- Agricultural Land (कृषि भूमि): इस भूमि का उपयोग फसल उगाने के लिए किया जाता है। यह उपजाऊ होती है और इसमें सिंचाई के साधन होते हैं। गेहूं, धान, सब्ज़ियाँ आदि इसी भूमि पर उगाए जाते हैं।
- Forest Land (वन भूमि): यह वह भूमि होती है जहाँ पर पेड़-पौधे घने रूप से होते हैं। इसका उपयोग लकड़ी, जड़ी-बूटी, जैविक संसाधन आदि के लिए किया जाता है। यह भूमि जलवायु को संतुलित करने में भी मदद करती है।
- Pasture Land (चरागाह भूमि): यह भूमि पशुओं के चरने के लिए प्रयोग में लाई जाती है। यहाँ गाय, भैंस, बकरी आदि पशु घास चरते हैं।
- Industrial Land (औद्योगिक भूमि): इस प्रकार की भूमि पर फैक्ट्रियाँ, कारखाने, उद्योग आदि लगाए जाते हैं। यह किसी शहर या टाउन के पास होती है जहाँ बिजली, पानी आदि की सुविधा हो।
- Residential Land (आवासीय भूमि): इस भूमि का उपयोग घर, इमारतें, सोसाइटी आदि बनाने के लिए किया जाता है। यहाँ लोग रहते हैं और दैनिक जीवन जीते हैं।
- Commercial Land (व्यावसायिक भूमि): यह भूमि दुकानों, बाज़ारों, मॉल आदि के निर्माण के लिए होती है जहाँ व्यापारिक गतिविधियाँ होती हैं।
- Wasteland (अनुपयोगी भूमि): इस भूमि पर किसी प्रकार की गतिविधि नहीं होती जैसे रेगिस्तान, पथरीली ज़मीन आदि। लेकिन आधुनिक तकनीक से इसे कृषि योग्य भी बनाया जा सकता है।
Role of Land Resource in Agriculture and Economy in Hindi
Land किसी भी देश की अर्थव्यवस्था और कृषि व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है। भारत जैसे कृषि-प्रधान देश में भूमि का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
1. Agriculture में भूमि की भूमिका
- अधिकांश ग्रामीण जनसंख्या की आजीविका agriculture पर निर्भर है और agriculture भूमि पर आधारित है।
- अलग-अलग प्रकार की मिट्टी और जलवायु के अनुसार फसलें उगाई जाती हैं। जैसे कि काली मिट्टी में कपास, जलोढ़ मिट्टी में धान आदि।
- यदि भूमि उपजाऊ हो और सिंचाई की सुविधा हो तो अच्छी उपज मिलती है जिससे किसान की आय बढ़ती है।
2. Economy में भूमि की भूमिका
- भूमि पर आधारित उद्योग जैसे कृषि आधारित उद्योग (शक्कर मिल, जूट मिल), खनिज आधारित उद्योग (लोहे, कोयले की खदानें) देश की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाते हैं।
- Infrastructure विकास जैसे सड़कें, रेलवे, हवाई अड्डे, फैक्ट्रियाँ भी भूमि पर ही आधारित होते हैं।
- भूमि की कीमत और उपयोग क्षेत्रीय आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देती है। जैसे शहरों में commercial भूमि महँगी होती है क्योंकि वहाँ business अधिक होता है।
Need for Sustainable Use of Land as a Resource in Hindi
अब यह समझना बहुत जरूरी है कि भूमि की मात्रा सीमित है और इसका अत्यधिक और अनियंत्रित उपयोग इसके क्षरण (degradation) का कारण बन सकता है। इसलिए सतत् विकास (Sustainable Development) के लिए भूमि का विवेकपूर्ण उपयोग जरूरी है।
1. असंतुलित उपयोग के खतरे
- भूमि का अत्यधिक उपयोग या गलत उपयोग जैसे जंगलों की कटाई, निर्माण कार्य, रसायनों का अत्यधिक प्रयोग भूमि को बंजर बना देता है।
- खनिजों का अत्यधिक खनन और जल निकासी से भूमि की उर्वरता घटती है।
- जलवायु परिवर्तन और शहरीकरण भी भूमि के संतुलन को बिगाड़ते हैं।
2. सतत उपयोग के उपाय
- भूमि उपयोग की उचित योजना (Land Use Planning) बनाना चाहिए।
- कृषि में जैविक खाद, फसल चक्र, सिंचाई की तकनीकी विधियाँ अपनाकर भूमि की उर्वरता को बनाए रखना चाहिए।
- वन संरक्षण, वृक्षारोपण और प्राकृतिक संसाधनों का सीमित दोहन करना चाहिए।
- अनुपयोगी भूमि को सुधार कर उसे उपयोग योग्य बनाना चाहिए जैसे सूखी जमीन में पानी संरक्षित करना, पथरीली भूमि में घास लगाना आदि।
3. Government द्वारा लिए गए कदम
| कार्यक्रम | उद्देश्य |
|---|---|
| वृक्षारोपण अभियान | वनों का क्षेत्र बढ़ाना और भूमि का क्षरण रोकना |
| भूमि सुधार योजना | अनुपयोगी भूमि को कृषि योग्य बनाना |
| मनरेगा योजना | ग्रामीण क्षेत्र में जल संरक्षण और भूमि विकास |
4. विद्यार्थियों के लिए समझने योग्य उदाहरण
- यदि हम खेत में हर साल एक ही फसल उगाते हैं तो भूमि की उर्वरता कम हो जाती है। लेकिन अगर हम एक साल गेहूं और अगले साल चना उगाएं तो भूमि में पोषक तत्व संतुलित रहते हैं।
- शहरों में बहुत अधिक कंक्रीट निर्माण होने से वर्षा का जल भूमि में नहीं जा पाता जिससे भूजल स्तर नीचे चला जाता है।
- जंगल काटकर फैक्ट्री बनाने से न केवल पर्यावरण को नुकसान होता है बल्कि भूमि भी बंजर हो सकती है।
इसलिए सभी को मिलकर भूमि का संरक्षण करना चाहिए ताकि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए भी उपयोगी बनी रहे।