Notes in Hindi

Virus Working Principles in hindi

Makhanlal Chaturvedi University / BCA / Fundamentals of Computer and Information Technology

Computer Virus Working Principles and Impact in Hindi

Virus Working Principles in Hindi

What is a Computer Virus and How it Works in Hindi

कंप्यूटर वायरस (Computer Virus) एक ऐसा प्रोग्राम होता है जो खुद को किसी और प्रोग्राम या फाइल में जोड़कर सिस्टम में फैलता है। यह एक तरह का Malicious Code होता है जिसे किसी विशेष उद्देश्य से बनाया जाता है, जैसे डेटा को नष्ट करना, सिस्टम की स्पीड कम करना, या व्यक्तिगत जानकारी चुराना।

वायरस का नाम 'Virus' इसलिए रखा गया है क्योंकि यह इंसानी वायरस की तरह ही एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में फैल सकता है। यह बिना यूज़र की अनुमति के काम करता है और अक्सर यूज़र को पता भी नहीं चलता कि सिस्टम में वायरस एक्टिव हो चुका है।

जब कोई infected फाइल या सॉफ़्टवेयर रन किया जाता है, तभी वायरस एक्टिव होता है और अपने destructive काम शुरू कर देता है। इसका मुख्य लक्ष्य होता है खुद को कॉपी करना, और दूसरे प्रोग्राम्स या फ़ाइल्स में घुस जाना।

Stages of Virus Execution and Infection Process in Hindi

किसी भी वायरस का काम केवल कंप्यूटर को नुकसान पहुँचाना नहीं होता, बल्कि यह step-by-step process से गुजरता है, जिसे हम "Virus Execution और Infection के चरण" कहते हैं। नीचे बताया गया है कि वायरस कैसे एक्टिव होता है और कैसे सिस्टम में फैलता है:

  • 1. Dormant Stage (सुप्त अवस्था): इस चरण में वायरस सिस्टम में मौजूद तो होता है लेकिन कोई भी activity नहीं करता। यह तब तक शांत रहता है जब तक कि कोई विशेष ट्रिगर (जैसे कोई डेट, सॉफ़्टवेयर रन होना या यूज़र का एक्शन) एक्टिवेट न करे।
  • 2. Propagation Stage (प्रसारण चरण): इस स्टेज में वायरस खुद को कॉपी करना शुरू करता है और अन्य फाइल्स या लोकेशन्स में पहुंचता है। उदाहरण के लिए, यह Word, Excel, या Executable (.exe) files में घुस सकता है।
  • 3. Triggering Stage (सक्रियण चरण): जब वायरस को कोई ट्रिगर मिलता है, जैसे किसी खास डेट को कंप्यूटर चलाना, या एक विशेष फाइल खोलना, तब वायरस एक्टिव हो जाता है और अपनी कोड को Execute करता है।
  • 4. Execution Stage (कार्यान्वयन चरण): इस स्टेज में वायरस अपना destructive या intended काम करता है, जैसे - डेटा डिलीट करना, फाइल्स को करप्ट करना, नेटवर्क के ज़रिए फैलना, या स्पाई करना।

How Computer Virus Spreads Across Files and Systems in Hindi

Computer Virus बहुत ही चालाकी से एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में और एक फाइल से दूसरी फाइल में फैलता है। इसके फैलने के मुख्य तरीके नीचे दिए गए हैं:

  • 1. Infected Email Attachments: वायरस अक्सर ईमेल के अटैचमेंट्स के ज़रिए फैलते हैं। जैसे ही यूज़र infected अटैचमेंट को खोलता है, वायरस एक्टिव हो जाता है।
  • 2. Downloaded Software: फ्री या cracked सॉफ़्टवेयर डाउनलोड करते समय वायरस उसके साथ attach हो सकता है। यूज़र जैसे ही उसे install करता है, वायरस सिस्टम में घुस जाता है।
  • 3. Removable Devices (USB/Hard Disk): USB drives में भी वायरस आसानी से फैल सकते हैं। जब infected pendrive किसी clean सिस्टम में लगाया जाता है, तो वायरस तुरंत वहां भी फैल जाता है।
  • 4. Network Infection: अगर एक कंप्यूटर नेटवर्क में वायरस फैल जाए, तो वह पूरे नेटवर्क में धीरे-धीरे सब कंप्यूटर में प्रवेश कर सकता है।
  • 5. Macro Viruses: Microsoft Word या Excel फाइल्स में Macro Virus छिपा हो सकता है, जो फाइल ओपन करते ही एक्टिव हो जाता है और बाकी फाइल्स को भी संक्रमित कर देता है।

Role of Virus Code in Damaging System Functionality in Hindi

वायरस का असली नुकसान तब शुरू होता है जब उसका कोड (Virus Code) Execute होता है। इस कोड को इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है कि वह कंप्यूटर के सामान्य कामकाज को प्रभावित कर सके। यह कोड निम्नलिखित तरीकों से सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है:

  • 1. File Corruption (फाइल्स को करप्ट करना): वायरस फाइल्स की संरचना को बदल देता है जिससे वे ओपन नहीं होतीं या बेकार हो जाती हैं।
  • 2. System Crash (सिस्टम को क्रैश करना): वायरस सिस्टम फाइल्स को नुकसान पहुंचा कर ऑपरेटिंग सिस्टम को boot होने से रोक सकता है या बार-बार restart करवा सकता है।
  • 3. Data Theft (डेटा चोरी): कुछ वायरस ऐसे होते हैं जो यूज़र का पर्सनल डेटा, पासवर्ड, बैंक डिटेल्स आदि चोरी कर हैकर्स को भेज देते हैं।
  • 4. Slow Performance (स्पीड कम करना): वायरस RAM और CPU को ओवरलोड कर देता है जिससे कंप्यूटर की स्पीड बहुत स्लो हो जाती है।
  • 5. Unauthorized Access: वायरस सिस्टम में एक बैकडोर बना देता है जिससे हैकर बिना यूज़र की अनुमति के उस सिस्टम को access कर सकता है।

Types of Virus with Examples in Hindi

Virus Type Explanation (in Hindi) Example
File Infector Virus यह वायरस executable files को संक्रमित करता है और उन्हें रन करने पर एक्टिव होता है। Jerusalem Virus
Macro Virus यह Microsoft Word/Excel जैसी फाइल्स में macros के ज़रिए फैलता है। Melissa Virus
Boot Sector Virus यह हार्ड डिस्क के boot sector को संक्रमित करता है जिससे कंप्यूटर start नहीं हो पाता। Form Virus
Polymorphic Virus यह हर बार खुद को बदलता है ताकि एंटीवायरस इसे पहचान न सके। Storm Worm
Worm यह खुद को नेटवर्क पर फैलाता है बिना किसी फाइल को infect किए। ILOVEYOU Worm

How to Protect System from Virus in Hindi

  • 1. Use Trusted Antivirus: हमेशा licensed और updated antivirus सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें जो real-time protection दे।
  • 2. Avoid Unknown Emails: किसी अनजान ईमेल का अटैचमेंट या लिंक न खोलें, खासकर अगर वह suspicious लगे।
  • 3. Update Operating System: नियमित रूप से OS और सॉफ़्टवेयर अपडेट करें ताकि सिक्योरिटी पैच मिलते रहें।
  • 4. Use Firewall: firewall को ऑन रखें ताकि unauthorized access को रोका जा सके।
  • 5. Avoid Cracked Software: cracked या pirated software से बचें क्योंकि उनमें वायरस होने की संभावना ज़्यादा होती है।

FAQs

Computer Virus एक तरह का Malicious Software होता है जो खुद को अन्य प्रोग्राम्स या फाइल्स में जोड़कर सिस्टम में फैलता है और नुकसान पहुँचाता है। यह यूज़र की अनुमति के बिना एक्टिव होकर सिस्टम की functionality को प्रभावित करता है।
Computer Virus जब किसी infected फाइल को रन किया जाता है, तब एक्टिव होता है और अपने instructions को execute करता है। यह खुद को कॉपी करता है और system resources का misuse करके नुकसान करता है।
Virus execution में चार मुख्य चरण होते हैं: Dormant Stage, Propagation Stage, Triggering Stage और Execution Stage। ये चरण एक के बाद एक क्रम में होते हैं, जिससे वायरस धीरे-धीरे फैलता और सक्रिय होता है।
Viruses अक्सर infected email attachments, cracked software, USB drives, और untrusted downloads के ज़रिए फैलते हैं। इसके अलावा ये नेटवर्क के ज़रिए भी पूरे सिस्टम में फैल सकते हैं।
Virus file corruption, data theft, system crash, unauthorized access और slow performance जैसे कई नुकसान पहुंचा सकता है। यह कंप्यूटर की सुरक्षा और स्पीड दोनों को प्रभावित करता है।

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