Computers in Public Services and E-Governance in hindi
Makhanlal Chaturvedi University / BCA / Fundamentals of Computer and Information Technology
Computers in Public Services and E-Governance
Computers in Public Services and E‑Governance in Hindi
आज के Digital India युग में Computers और ICT (Information & Communication Technology) ने Public Services का चेहरा पूरी तरह बदल दिया है। पहले जहाँ सरल प्रमाण‑पत्र या बिल भुगतान के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ता था, अब वही सेवा घर बैठे मोबाइल या लैपटॉप पर कुछ क्लिक के भीतर उपलब्ध है। इस विस्तृत गाइड में हम समझेंगे कि Computers और E‑Governance कैसे मिलकर नागरिकों की ज़िंदगी आसान बना रहे हैं, पारदर्शिता (transparency) को बढ़ावा दे रहे हैं, और सरकारी कामकाज को तेज़, सटीक व भरोसेमंद बना रहे हैं। हर बिंदु को शिक्षक‑जैसी सरल भाषा में, उदाहरणों के साथ और SEO‑friendly तरीके से विस्तारपूर्वक (लगभग 1200‑1500 शब्द) बताया गया है – ताकि एक beginner भी आसानी से समझ सके।
Use of Computers in Online Government Services in Hindi
भारत सरकार की लगभग हर प्रमुख Online Service के पीछे Computer‑Based सिस्टम ही काम करता है। नीचे कुछ महत्त्वपूर्ण सेवाएँ दी गई हैं जिनमें Computers ने पारंपरिक प्रक्रियाओं को डिजिटल रूप देकर नागरिकों का समय और संसाधन बचाए हैं। हर पॉइंट दो‑तीन लाइनों में है ताकि गहराई से समझ आ सके:
- Income Tax e‑Filing Portal: पहले आयकर रिटर्न जमा करने के लिए लंबी queues लगती थीं। अब e‑filing पोर्टल पर Computers के माध्यम से self‑service मॉडल उपलब्ध है, जहाँ यूज़र घर बैठे रिटर्न दाखिल, कर भुगतान व रिफंड स्टेटस ट्रैक कर सकता है।
- DigiLocker: यह cloud‑based डिजिटल दस्तावेज़ प्रबंधक है। Computers व mobile apps के ज़रिये नागरिक अपना Aadhaar‑linked अकाउंट बना कर ड्राइविंग लाइसेंस, मार्कशीट, बीमा पॉलिसी जैसे दस्तावेज़ paper‑less तरीके से सुरक्षित रख सकते हैं।
- Passport Seva: आवेदन से लेकर अपॉइंटमेंट व ट्रैकिंग तक पूरा वर्कफ़्लो Computer‑Embedded है। इससे प्रोसेस पारदर्शी हुआ है और पासपोर्ट प्राप्ति समय औसतन 10‑15 दिन रह गया है, जो पहले महीनों लगता था।
- UMANG (Unified Mobile Application for New‑Age Governance): यह one‑stop mobile‑cum‑web प्लेटफ़ॉर्म है जहाँ 1,000+ सरकारी सेवाएँ – जैसे EPF balance देखना, गैस रेफ़िल बुकिंग, पेंशन स्टेटस – एक ही लॉग‑इन से उपलब्ध हैं।
- e‑District Portals: राज्य सरकारें बर्थ सर्टिफ़िकेट, जाति सर्टिफ़िकेट, पेंशन स्कीम्स जैसी G2C (Government to Citizen) सेवाएँ इन Computerised पोर्टल्स पर देती हैं, जहाँ आवेदन, भुगतान और डिलीवरी end‑to‑end digital होती है।
E‑Governance Platforms for Citizen Services in Hindi
E‑Governance प्लेटफ़ॉर्म्स नागरिक‑केंद्रित डिज़ाइन, बहुभाषी इंटरफ़ेस और 24×7 availability के कारण तेज़ी से लोकप्रिय हो रहे हैं। नीचे तालिका के माध्यम से भारत के प्रमुख E‑Governance Platforms, उनके उद्देश्य और प्रमुख फ़ायदे दिखाए गए हैं – ताकि याद रखना आसान हो:
| Platform | Purpose | Key Benefit |
|---|---|---|
| CSC ( Common Service Center) | गाँव‑क़स्बों में Digital Seva डिलीवरी हब | डिजिटल लाभ गाँव‑स्तर पर पहुँचना |
| e‑Seva / MeeSeva | राज्य‑स्तरीय बिल भुगतान, सर्टिफ़िकेट |
एक खिड़की पर बहु‑सेवा उपलब्ध |
| BharatNet | ग्रामीण ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी | हाई‑स्पीड इंटरनेट से e‑Governance को बढ़ावा |
| SWAN (State Wide Area Network) | राज्य‑भर में सरकारी ऑफिसों का डेटा नेटवर्क |
डाटा वॉइस विडियो का सुरक्षित आदान‑प्रदान |
| NPS Portal | National Pension Scheme प्रबंधन | ऑनलाइन काउंट, निवेश, ट्रांज़ैक्शन ट्रैकिंग |
इन प्लेटफ़ॉर्म्स पर Computers के साथ‑साथ Cloud Computing, AI‑driven chatbots, और Data Analytics जैसी आधुनिक तकनीकों का भी इस्तेमाल हो रहा है, जिससे सेवाएँ और interactive बन सकें।
Benefits of Digital Governance for Transparency in Hindi
पारदर्शी (transparent) शासन का मतलब है – निर्णय, प्रक्रिया और खर्च की जानकारी नागरिकों तक बिना देरी पहुँचना। Digital Governance इसे संभव बनाती है। चलिए विस्तार से समझते हैं:
- Real‑Time Status Tracking: नागरिक online dashboards पर अपनी application का चरण‑बद्ध स्टेटस देख सकते हैं। इससे बिचौलियों की भूमिका घटती है और accountability बढ़ती है।
- Open Data Portals: सरकार अनेक datasets (जैसे बजट खर्च, PMAY आवास सूची) ओपन‑फ़ॉर्मेट में प्रकाशित करती है, जिन्हें आम जनता, journalists और researchers विश्लेषण कर सकते हैं। इससे भ्रष्टाचार (corruption) पर लगाम लगती है।
- e‑Auction & e‑Procurement: टेंडर प्रक्रिया end‑to‑end digital होने से घूसख़ोरी (bribery) की गुंजाइश कम होती है। सभी दस्तावेज़ timestamped व audit‑ready रहते हैं।
- Permanent Digital Trails: हर login, डेटा अपडेट व फ़ंड ट्रांसफ़र का immutable रिकॉर्ड रहता है, जिसे बाद में आसानी से ऑडिट किया जा सकता है।
- Citizen Grievance Portals: जैसे CPGRAMS – शिकायत 24×7 online दर्ज होती है और tracking ID के साथ प्रगति देखी जा सकती है; इससे अधिकारी जवाबदेह बने रहते हैं।
Role of ICT in Improving Public Service Delivery in Hindi
ICT केवल कंप्यूटर तक सीमित नहीं है; इसमें Internet, Mobile, IoT, AI, GIS और Blockchain जैसे अनेक टूल आते हैं, जो Public Service Delivery को तेज़, सटीक और नागरिक‑अनुकूल बनाते हैं। आइए बिंदुवार दो‑दो पंक्तियों में इसके प्रभाव समझें:
- Mobile Governance (m‑Gov): स्मार्टफ़ोन पर SMS alerts, ऐप‑आधारित पेंशन‑भुगतान जानकारी और QR‑code से सब्सिडी direct benefit transfer नागरिकों तक तुरंत पहुँचती है।
- Geo‑Tagging: GIS maps पर सरकारी योजनाओं (जैसे निर्माण कार्य, वृक्षारोपण) का रीयल‑टाइम फ़ोटो & लोकेशन डाटा अपलोड होने से monitoring बेहतर होती है।
- Chatbots & IVRS: AI‑powered चैटबॉट्स (जैसे Hello UMANG) ग्रहीय भाषा में तुरंत उत्तर दे कर कॉल सेंटर लोड घटाते हैं और नागरिक संतुष्टि बढ़ाते हैं।
- Blockchain‑Based Land Records: हैदराबाद‑पायलट जैसे प्रोजेक्ट्स डेटा को tamper‑proof बनाते हैं, जिससे property fraud में भारी कमी आती है।
- Cloud Computing: डाटा सेंटर का खर्च कम करता है; scalability बढ़ाता है ताकि त्योहारी सीज़न या परीक्षा समय में सर्वर downtime न हो।
इसके साथ ही Data Analytics पर आधारित predictive models सरकारी विभागों को यह तय करने में मदद करते हैं कि किस ज़िले में कौन‑सी सेवा की मांग ज़्यादा है, ताकि संसाधन उसी अनुसार आवंटित किए जा सकें। इस तरह evidence‑based policy‑making संभव होता है।