Information System in Marketing and Manufacturing in hindi
Makhanlal Chaturvedi University / BCA / Fundamentals of Computer and Information Technology
Role of Information System in Marketing and Manufacturing
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Role of Information Systems in Marketing and Manufacturing in Hindi
क्या आपने कभी सोचा है कि Information System (IS) मार्केटिंग और मैन्युफैक्चरिंग को इतना स्मार्ट, तेज़ और सटीक कैसे बना देता है? आज के इस beginner‑friendly गाइड में हम एक शिक्षक की तरह, बहुत सरल भाषा में समझेंगे कि कैसे कंप्यूटर‑आधारित सिस्टम कंपनियों को Marketing Data Analysis, CRM, Manufacturing Process Automation, और Inventory Tracking में सहायता करते हैं। हर सेक्शन में हम रोज़मर्रा के उदाहरण, उपयोग होने वाले टूल्स, और स्टेप‑बाय‑स्टेप प्रक्रियाएँ देखेंगे, ताकि आपका कॉन्सेप्ट पूरी तरह क्लियर हो जाए।
Information System in Marketing in Hindi
Marketing टीम का मुख्य लक्ष्य सही उत्पाद, सही कीमत, सही जगह और सही समय पर
कस्टमर तक पहुँचाना होता है। Information System यहाँ backbone की तरह काम करता है
क्योंकि यह Data Collection, Storage और Real‑time Reporting को बेहद सरल बना देता है।
उदाहरण के तौर पर, जब एक FMCG कंपनी अलग‑अलग शहरों से सेल्स डेटा इकट्ठा करती है,
IS ऑटोमेटिकली डैशबोर्ड पर Daily Sales Volume, Revenue by Region जैसी रिपोर्ट तैयार कर देता है।
यह रिपोर्ट मार्केटिंग टीम को तुरंत बताती है कि किस रीजन में promotion campaign
अच्छा काम कर रही है और कहाँ स्ट्रैटेजी बदलने की जरूरत है।
साथ ही, IS द्वारा दिया गया Customer Segmentation फीचर ग्राहक
की उम्र, लोकेशन और खरीदारी पैटर्न के आधार पर सटीक टार्गेटिंग संभव बनाता है,
जिससे ROI (Return on Investment) बेहतर होता है।
Marketing Data Analysis using Information System in Hindi
Marketing Data Analysis वह प्रक्रिया है जिसमें हम कच्चे डेटा को actionable insights में बदलते हैं। एक आधुनिक IS इस पूरे वर्कफ़्लो को ऑटोमेट करता है—डेटा इकट्ठा करने से लेकर ग्राफ़ और predictive models तक। नीचे दिया गया टेबल दिखाता है कि कौन‑कौन से डेटा पॉइंट किस टूल से सबसे तेजी से एनालाइज़ किए जा सकते हैं:
| Key Metric (English) | डेटा स्रोत (Hindi) | Suggested IS Tool (English) | Value for Students (Hindi) |
|---|---|---|---|
| Click‑Through Rate (CTR) | वेबसाइट लॉग फ़ाइलें | Google Analytics 4 | वेबसाइट पर कौन‑सा पेज सबसे आकर्षक है, यह समझने में मदद |
| Customer Lifetime Value (CLV) | CRM डेटाबेस | Power BI | लंबे समय तक लाभ देने वाले ग्राहक पहचानने में सहायक |
| Market Basket Analysis | POS डेटा | RapidMiner | कौन‑से प्रोडक्ट साथ‑साथ बिकते हैं, यह जानकर क्रॉस‑सेल पॉलिसी बनती है |
IS द्वारा जेनरेटेड यह सारे चार्ट और रिपोर्ट मार्केटिंग टीम को allow करते हैं कि वे Data‑Driven Decision लें, न कि अनुमान पर। इससे बजट वेस्टेज कम होता है और Campaign Effectiveness बढ़ती है।
Customer Relationship Management using Computer Systems in Hindi
CRM (Customer Relationship Management) सॉफ्टवेयर जैसे कि Salesforce, Zoho CRM या Freshsales एक सेंट्रल हब होता है जहाँ सभी ग्राहक‑संबंधी जानकारी सेव होती है। यहाँ हम देखते हैं कि यह सिस्टम कैसे काम करता है:
- Lead Capture: वेबसाइट फॉर्म, सोशल मीडिया या ई‑मेल से आने वाले लीड सीधे CRM में Auto‑Import हो जाते हैं। इससे मैन्युअल एंट्री की गलती हट जाती है।
- Segmentation & Scoring: IS हर लीड को behaviour score देता है— कितनी बार वेबसाइट विज़िट की, कौन‑सा ब्रोशर डाउनलोड किया, इत्यादि। इससे सेल्स टीम हाई‑प्रायॉरिटी लीड पर पहले फोकस कर सकती है।
- Personalised Interaction: जब भी कस्टमर कॉल करता है या चैट करता है, सिस्टम उसकी Interaction History दिखाता है, जिससे एजेंट पर्सनलाइज्ड जवाब दे पाता है—यही है customer delight का मूलमंत्र।
- Automated Follow‑up: IS ई‑मेल रिमाइंडर और SMS अलर्ट ऑटो‑शेड्यूल करता है, जिससे Follow‑up Gap ना रहे और कन्वर्जन रेट सुधरे।
छात्रों के लिए जानना ज़रूरी है कि एक अच्छा CRM सिर्फ डेटा स्टोर नहीं करता; यह Workflow Automation, Analytics और Customer Insight भी देता है, जो Customer Retention बढ़ाने में अहम है।
Manufacturing Process Automation with Information System in Hindi
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में Process Automation का मतलब है Production Line को ऐसे सेंसर्स और सॉफ्टवेयर से जोड़ना जो मशीनों की स्पीड, टेम्परेचर और क्वालिटी पैरामीटर को रियल‑टाइम में मॉनिटर करें। सबसे कॉमन टेक्नोलॉजीज़ हैं SCADA (Supervisory Control and Data Acquisition), PLC (Programmable Logic Controller) और MES (Manufacturing Execution System)।
- Real‑Time Monitoring: सेंसर्स से निकला डेटा वायरलेस नेटवर्क के ज़रिए IS को भेजा जाता है। अगर किसी मशीन का वाइब्रेशन तय सीमा से ज़्यादा हो, तो सिस्टम तुरंत अलार्म ट्रिगर करता है।
- Predictive Maintenance: IS पुराने फेलियर डेटा को Machine Learning मॉडल में डालकर बताता है कि अगली बार पार्ट कब बदलेगा। इससे Downtime कम और प्रोडक्टिविटी ज्यादा रहती है।
- Quality Control: कैमरा‑आधारित विज़न सिस्टम फोटो खींचकर उसी समय बताएगा कि प्रोडक्ट में डिफेक्ट तो नहीं। इससे Rework Cost कम होती है।
अगर कोई स्टूडेंट Industry 4.0 की पढ़ाई कर रहा है, तो यह समझना विशेष रूप से ज़रूरी है कि IS सारे Cyber‑Physical Systems को एक साथ बाँधता है, जिससे पूरा प्लांट एक smart ecosystem बन जाता है।
Inventory Tracking and Production Monitoring using Computers in Hindi
Inventory Tracking का सीधा असर कंपनी की Working Capital पर पड़ता है। अगर आपको माल का सटीक स्टॉक नहीं पता, तो या तो ओवर‑स्टॉक होगा (जिससे कैश ब्लॉक होता है) या आउट‑ऑफ‑स्टॉक होगा (जिससे सेल्स लॉस होगा)। IS इस समस्या को Barcode और RFID स्कैनिंग के ज़रिए सॉल्व करता है।
- Barcode Scanning: स्टोर‑रूम में एंट्री और एक्सिट के समय हर पैकेट को स्कैन करने से डेटा सीधा ERP तक जाता है और स्टॉक रीयल‑टाइम अपडेट होता है।
- RFID Gates: बड़े वेयरहाउस में चलती‑फिरती ट्रॉलियाँ बिना रुके गेट से गुजरती हैं और RFID रीडर पूरे Batch ID को IS सर्वर पर भेज देता है। इससे मैन्युअल गिनती की जरूरत नहीं पड़ती।
- Production Monitoring: IS प्रोडक्शन लाइन की स्पीड, यूनिट आउटपुट और Overall Equipment Effectiveness (OEE) दिखाता है, जिससे शिफ्ट सुपरवाइज़र तुरंत समझ जाते हैं कि कहाँ बॉटल‑नेक है।
छात्रों के लिए यह समझना महत्त्वपूर्ण है कि IS‑आधारित Inventory Management से First‑In‑First‑Out (FIFO), Just‑in‑Time (JIT) जैसी रणनीतियाँ आसानी से लागू होती हैं, जिससे लागत घटती है और सर्विस लेवल बढ़ता है।