Notes in Hindi

SIMM (Single Inline Memory Module)

Makhanlal Chaturvedi University / BCA / Fundamentals of Computer and Information Technology

Introduction to SIMM (Single Inline Memory Module) in Hindi

SIMM (Single Inline Memory Module) in Hindi

Introduction to SIMM in Computer Memory System in Hindi

कंप्यूटर की memory architecture का मूल उद्देश्य डेटा को ऐसे माध्यम में संग्रहीत करना होता है, जहाँ से CPU बहुत तेज़ी से जानकारी पढ़-लिख सके। शुरुआती व्यक्तिगत कंप्यूटरों में SIMM सबसे लोकप्रिय RAM module रहा, क्योंकि उस समय यह cost-effective था और मदरबोर्ड पर आसानी से लगाया-हटाया जा सकता था। SIMM एक छोटे से printed circuit board (PCB) पर बने क्रमबद्ध memory chips का समूह होता है, जिसके दोनों किनारों पर समान electrical contacts (pins) होते हैं। यही कारण है कि इसे “Single Inline” कहा जाता है — यानी एक ही लाइन में सभी पिन्स जुड़े होते हैं।
शुरुआत में 30-pin SIMM का चलन था, जो अधिकतर 8-bit data bus वाले सिस्टम को सपोर्ट करता था। बाद में 72-pin SIMM आया, जिसने 32-bit data bus की जरूरत को पूरा किया। उस दौर के 286, 386 और 486 आधारित PC में SIMM ने standard DRAM को मॉड्यूलर रूप दिया, जिससे अपग्रेड करना बेहद आसान हो गया। SIMM की लोकप्रियता 1990 के दशक के मध्य तक रही, फिर DIMM ने इसका स्थान लेना शुरू किया। लेकिन SIMM ने module-based upgrade culture की नींव रखी, जो आज तक जारी है।

Structure and Pin Configuration of SIMM in Hindi

भौतिक रूप से SIMM एक पतले مستطील PCB पर आधारित होता है, जिसकी एक लंबी side को “edge connector” कहा जाता है। इस edge पर धातु की pins बनी होती हैं, जो मदरबोर्ड के memory sockets से संपर्क बनाती हैं। चूँकि SIMM पर दोनों तरफ़ के पिन्स electrically समान (mirrored) होते हैं, इसलिए मॉड्यूल को केवल एक ही दिशा में फिट किया जा सकता है, ताकि pin-1 सही slot पर बैठे।

Common SIMM Variants and Pin Details
SIMM Variant Pin Count Data Bus Width Typical Capacity
30-pin SIMM 30 8-bit 256 KB – 4 MB
72-pin SIMM 72 32-bit 4 MB – 128 MB

Signal Lines: SIMM के पिन्स को तीन मुख्य वर्गों में बाँटा जाता है:

  • Power & Ground — VCC तथा GND लाइनें, जो प्रत्येक चिप को स्थिर 5 V supply देती हैं।
  • Address Lines — A0, A1 … जैसी लाइनें, जिनसे CPU किसी memory cell को uniquely चुनता है।
  • Data Lines — D0, D1 … डेटा की actual reading/writing इन्हीं पिन्स से होती है।

Notches & Keying: 72-pin SIMM में एक छोटा notch भी होता है, जो voltage व parity Type जैसी compatibility जानकारी देता है। यह notch गलत orientation या incompatible modules को रोकता है। SIMM को socket में 45° कोण पर डालकर, फिर नीचे दबाकर क्लिप से लॉक किया जाता है। इस “tilt-and-snap” डिजाइन ने installation को tool-free बनाया, जो उस समय बड़ा सुधार था।

Differences between SIMM and DIMM Modules in Hindi

1990 के दशक के उत्तरार्ध में जैसे-जैसे Pentium-class प्रोसेसरों की स्पीड और front-side bus चौड़ाई बढ़ी, SIMM की सीमाएँ स्पष्ट हो गईं। इन्हीं सीमाओं को दूर करने के लिए DIMM (Dual Inline Memory Module) पेश किया गया। SIMM और DIMM के बीच निम्नलिखित प्रमुख अंतर हैं:

Feature SIMM DIMM
Pin Arrangement Both sides electrically identical Each side carries unique signals
Common Pin Counts 30, 72 168, 184, 240, 288
Data Width (Single Module) 8-bit या 32-bit 64-bit या अधिक
Voltage Levels 5 V (कुछ later 3.3 V) 3.3 V, 1.8 V, 1.2 V etc.
Installation per 32/64-bit System अक्सर 2 या 4 जैसी pairs में लगाना पड़ता है Single module काफी (no pairing)
Memory Types Supported Fast Page, EDO, FPM DRAM SDRAM, DDR, DDR2, DDR3, DDR4, DDR5
Maximum Capacity (Era-wise) 128 MB तक गिगाबाइट्स से लेकर टेराबाइट्स तक

Performance Angle: DIMM पर अलग-अलग सिग्नल लाइनों का होना 64-bit data path को सीधे सपोर्ट करता है, जिससे bandwidth दोगुना हो जाता है। इसके विपरीत SIMM में 32-bit बस को पूरा करने के लिए दो 72-pin मॉड्यूल जोड़ना अनिवार्य होता था। इसके अलावा DIMM में SPD EEPROM नामक एक छोटा chip रहता है, जो मॉड्यूल की स्पीड, timings और voltage जानकारी BIOS को देता है। SIMM में यह सुविधा नहीं थी, इसलिए सही jumpers या BIOS settings मैन्युअल करना पड़ता था।

Use of SIMM in Early Computer Systems in Hindi

1980–1990 के दशक के IBM PC/AT तथा Compaq Deskpro जैसे सिस्टम में motherboard पर पहले से soldered DRAM चिप्स हुआ करते थे। Upgrades मुश्किल थे क्योंकि पूरे board को बदलना पड़ता था। SIMM ने इस समस्या का elegant समाधान दिया: user सिर्फ पुराने मॉड्यूल निकाल कर अधिक capacity वाले मॉड्यूल लगा सके।

  • Flexibility: 286/386 आधारित कई मदरबोर्ड में 4 SIMM sockets होते थे, जिन्हे 256 KB से 16 MB तक mix-and-match किया जा सकता था। इससे RAM upgrade उतना ही आसान हो गया जितना आज हम USB pen-drive लगाते हैं।
  • Cost Control: समान PCB डिज़ाइन पर सिर्फ DRAM density बदल कर cost-tier बनाना आसान था। इसने third-party memory market को जन्म दिया और कंप्यूटर को mass adoption के लिए सस्ता बनाया।
  • Serviceability: सर्विस इंजीनियर onsite faulty SIMM को तुरंत बदल सकते थे, जबकि soldered RAM में यह संभव नहीं था। इस कारण से कॉर्पोरेट PCs में SIMM मानक बन गया।
  • Technology Bridge: जब Fast Page Mode से EDO DRAM का transition हुआ, तो उसी SIMM socket पर नई-type चिप वाले मॉड्यूल लगाए जा सके। इसने तकनीकी बदलाव को smooth बनाया।

उस युग में चलने वाले लोकप्रिय OS (MS-DOS, Windows 3.x, Windows 95) RAM-hungry नहीं थे, परंतु desktop publishing, CAD तथा गेम जैसे graphics-intensive कार्यों में अधिक memory की जरूरत पड़ती थी। SIMM ने इन्हीं niche use-cases को address किया और professionals को low-cost upgrade path दिया। जैसे-जैसे CPU bus width 64-bit हुआ और higher throughput की मांग बढ़ी, SIMM का narrow data path bottleneck बन गया। यहीं से DIMM-based SDRAM module मुख्यधारा बना और SIMM इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया।

FAQs

SIMM का पूरा नाम Single Inline Memory Module होता है। यह एक पुराना RAM module होता है जिसमें एक ही लाइन में सारे electrical contacts होते हैं। इसका इस्तेमाल पुराने कंप्यूटर सिस्टम्स में RAM जोड़ने के लिए किया जाता था।
SIMM मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं: 30-pin SIMM और 72-pin SIMM। 30-pin SIMM पुराने 8-bit सिस्टम में इस्तेमाल होता था, जबकि 72-pin SIMM का उपयोग 32-bit सिस्टम के लिए होता था।
SIMM में दोनों साइड के electrical contacts एक जैसे होते हैं, जबकि DIMM में दोनों साइड के contacts अलग-अलग signals के लिए होते हैं। SIMM का data bus width कम होता है जबकि DIMM 64-bit या उससे ज़्यादा data सपोर्ट करता है।
पुराने 286, 386 और 486 प्रोसेसर आधारित कंप्यूटरों में SIMM का उपयोग RAM मॉड्यूल जोड़ने के लिए किया जाता था। इससे यूज़र्स जरूरत के हिसाब से RAM को अपग्रेड कर सकते थे।
SIMM दो प्रकार के होते हैं: 30-pin SIMM में 30 पिन्स होते हैं और 72-pin SIMM में 72 पिन्स होते हैं। पिन्स की संख्या के आधार पर यह decide होता है कि SIMM किस प्रकार के सिस्टम के साथ compatible है।

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