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Operating System in hindi

Makhanlal Chaturvedi University / BCA / Fundamentals of Computer and Information Technology

Operating System in Hindi

Operating System in Hindi

What is Operating System and its role in computer in Hindi

Operating System (जिसे संक्षेप में OS कहा जाता है) कंप्यूटर का वह आधारभूत सॉफ़्टवेयर है जो hardware और user के बीच पुल का काम करता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उपयोगकर्ता के इनपुट, एप्लिकेशन के निर्देश और हार्डवेयर संसाधन सभी आपस में तालमेल के साथ काम करें। बिना OS के, CPU, मेमोरी, डिस्क, और I/O डिवाइस सिर्फ निरर्थक इलेक्ट्रॉनिक घटक बने रह जाते हैं। OS इन घटकों को व्यवस्थित कर उन्हें उत्पादकता के लिए इस्तेमाल करने योग्य बनाता है।

OS का सबसे महत्त्वपूर्ण रोल interface उपलब्ध कराना है, ताकि उपयोगकर्ता graphical user interface (GUI) या command line interface (CLI) के माध्यम से फ़ाइल खोल सकें, प्रोग्राम चला सकें और सिस्टम को नियंत्रित कर सकें। इसके साथ‑साथ OS ही वह मंच प्रदान करता है जिस पर अन्य सारे application software चलते हैं, जैसे कि MS Word, Chrome, या कोई गेमिंग ऐप। यह मंच APIs और libraries के रूप में साफ़‑सुथरा वातावरण देता है ताकि डेवलपर्स हर बार हार्डवेयर से सीधे नहीं जूझें।

आधुनिक OS (जैसे Windows, Linux, macOS) मल्टी‑यूज़र और मल्टी‑प्रोग्रामिंग सुविधा देते हैं, जिससे एक ही समय में कई काम जुड़े रह सकते हैं। OS सुरक्षा, त्रुटि‑सुधार, और उपयोगकर्ता‑अनुभव को दिमाग़ में रखकर सिस्टम के प्रत्येक हिस्से की निगरानी करता है। यही कारण है कि OS को कंप्यूटर का heartbeat कहा जाता है, क्योंकि इसके बिना सिस्टम की सारी गतिविधियाँ रुक जाती हैं।

Functions of operating system in resource management in Hindi

OS का मूल दायित्व resource management है, यानी उपलब्ध संसाधनों को इस तरह बाँटना कि कोई भी प्रोग्राम या उपयोगकर्ता भूखा न रहे और सिस्टम लटका नहीं। नीचे प्रमुख कार्य विस्तार से दिए गए हैं:

  • Process Management: OS process table में हर running process का पूरा रिकॉर्ड रखता है—उसका state, program counter, और priority इत्यादि।
    यह context switch के माध्यम से CPU को उचित समय‑स्लाइस में अलग‑अलग प्रक्रियाओं को सौंपता है, ताकि सभी programs बारी‑बारी से निष्पादित हों और कोई starvation न हो।
  • Memory Management: RAM सीमित होती है, इसलिए OS allocation तथा deallocation की जटिल विधि अपनाता है।
    यह paging, segmentation और virtual memory के ज़रिए बड़े‑से‑बड़े प्रोग्राम को भी छोटे‑छोटे हिस्सों में फिट करके चलाता है, जिससे उपयोगकर्ता को लगता है कि मेमोरी अनंत है।
  • File System Management: फ़ाइलें कैसे रखें, कैसे पढ़ें, और कैसे मिटाएँ—सारा काम OS के जिम्मे है।
    यह hierarchical directory structure बनाता है, permissions सेट करता है और metadata (जैसे size, date, owner) को मैनेज करता है।
  • Device Management: प्रिंटर, कीबोर्ड, माउस, USB, नेटवर्क कार्ड—हर device driver OS के संरक्षण में चलता है।
    OS ही सुनिश्चित करता है कि जब भी कोई I/O ऑपरेशन हो, CPU interrupt के ज़रिए फ़ौरन प्रतिक्रिया दे।
  • Security & Access Control: User authentication, authorization, और encryption जैसे फीचर्स OS संभालता है ताकि डेटा सुरक्षित रहे।
    मल्टी‑यूज़र सिस्टम में यह अत्यंत जरूरी है कि एक उपयोगकर्ता दूसरे की प्रक्रिया या फ़ाइल तक अनधिकृत पहुंच न बना सके।
  • Error Detection & Recovery: हार्डवेयर फेल हो, मेमोरी ओवरफ़्लो हो या ऐप क्रैश हो जाए—OS लॉग बनाकर exception handlers के माध्यम से स्थिति को नियंत्रित करता है।
    इससे सिस्टम पूरी तरह ठप होने से बचता है और आवश्यक अलर्ट उपयोगकर्ता तक पहुँचा देता है।

Types of operating systems: batch, multitasking, real‑time in Hindi

विभिन्न आवश्यकताओं के अनुसार OS के कई प्रकार विकसित हुए हैं। नीचे तीन प्रमुख प्रकार (batch, multitasking, real‑time) को सरल भाषा में समझाया गया है, साथ ही तालिका के रूप में त्वरित तुलना भी दी गई है।

Type of OS मुख्य विशेषताएँ उदाहरण उपयोग‑क्षेत्र
Batch OS यूज़र इंटरफ़ेस नहीं; जॉब्स को बैच में जमा कर क्रमवार निष्पादन
अक्सर एक ही तरह के कार्य
IBM OS/360, CP‑67 बड़े डेटा प्रोसेसिंग, बैंक चेक क्लियरिंग
Multitasking OS एक साथ कई processes रन; time‑sharing चित्रित करता है
GUI या CLI दोनों हो सकते हैं
Windows 10, Ubuntu, macOS डेस्कटॉप, लैपटॉप, सर्वर
Real‑Time OS (RTOS) कठोर deadline की गारंटी; latency बहुत छोटी
पूर्वानुमेय जवाब‑समय
VxWorks, FreeRTOS, RTLinux एयरोस्पेस, मेडिकल उपकरण, औद्योगिक कंट्रोल

Batch Operating System: शुरुआती दौर में जब punch cards से प्रोग्राम जमा किए जाते थे, तब batch OS सबसे प्रचलित था। इसमें उपयोगकर्ता को सीधे CPU से बात करने की अनुमति नहीं थी; सभी कार्यों को बैच में जमा करके job queue में रखा जाता था। OS एक‑एक जॉब उठाकर संसाधन आवंटित करता, आउटपुट उत्पन्न करता और फिर अगली जॉब पर जाता। यह पद्धति आज भी high‑throughput computing में उपयोगी है, जैसे बैंकिंग सेक्टर में रातभर का डेटा प्रोसेस।

Multitasking Operating System: जैसे‑जैसे CPU तेज़ हुए और RAM सस्ती हुई, एक ही समय में कई interactive tasks रन करना संभव हुआ। Multitasking OS time‑sharing के ज़रिए प्रतीत होता है कि सभी एप्लिकेशन एक साथ चल रहे हैं, जबकि असल में CPU नैनोसेकंडों में एक प्रक्रिया से दूसरी पर स्विच कर रहा होता है। इसका सीधा लाभ यह है कि यूज़र एक ओर फ़ाइल डाउनलोड कर सकता है, दूसरी ओर Photoshop में इमेज एडिट कर सकता है, और बैकग्राउंड में antivirus scan भी चलता रह सकता है।

Real‑Time Operating System: RTOS का लक्ष्य सही समय पर सही उत्तर देना है, भले ही उस उत्तर की गणना साधारण हो। उदाहरण के लिए, एयरबैग न लग पाने से दुर्घटना के बाद महज़ 50 मिलीसेकंड की देरी भी जानलेवा हो सकती है। RTOS hard deadlines और predictable scheduling का पालन करता है। इसमें अक्सर preemptive priority scheduling लागू होता है, जहाँ उच्च‑महत्त्व के task तुरंत CPU हथिया लेते हैं। इस श्रेणी में मेमोरी बहुत कम होती है, इसलिए footprint और context switch टाइम अत्यंत छोटा रखा जाता है।

Importance of operating system in software execution in Hindi

जब कोई छात्र C++ या Python कोड लिखकर compile करता है, तो पर्दे के पीछे OS कई चरणों में मदद करता है। सबसे पहले, OS compiler को CPU टाइम स्लाइस देता है, फिर loader के ज़रिए object फ़ाइल को मेमोरी में उचित जगह पर रखता है, और अंततः linker के माध्यम से सभी आवश्यक libraries को जोड़कर executable तैयार करता है।

OS की यही कार्यशैली सुनिश्चित करती है कि अलग‑अलग programs एक‑दूसरे की मेमोरी Corrupt न करें, और किसी process की गलती से पूरा सिस्टम क्रैश न हो। उदाहरण के लिए virtual memory के कारण यदि RAM कम पड़ जाए तो OS swap space का सहारा लेकर additional space उपलब्ध करा देता है, जिससे बड़े IDE या गेम भी स्मूदली चल सकते हैं।

सुरक्षा की दृष्टि से भी OS प्रणाली को गंभी रूप से देखता है। Access control lists (ACL), User Account Control (UAC), और SELinux policies जैसे तंत्र यह तय करते हैं कि किस executable को क्या अनुमति है। इससे malicious software सीमित अधिकारों में बंधा रहता है और पूरा सिस्टम सुरक्षित रहता है।

अंततः, OS performance counters और diagnostic tools उपलब्ध कराकर developers को यह समझने में मदद करता है कि कोई ऐप धीमा क्यों है या RAM क्यों लीक हो रही है। इस प्रकार OS न सिर्फ software चलाता है, बल्कि उसके लिए अनुकूल, सुरक्षित और कुशल वातावरण भी तैयार करता है, जो आधुनिक cloud computing से लेकर mobile devices तक हर जगह अनिवार्य है।

FAQs

ऑपरेटिंग सिस्टम एक सिस्टम सॉफ़्टवेयर होता है जो user और computer hardware के बीच interface प्रदान करता है। यह resources जैसे CPU, memory और devices को manage करता है।
Operating System का मुख्य कार्य resource management है जिसमें process management, memory allocation, file system management, security control और input/output handling शामिल होते हैं।
OS software को run करने के लिए environment उपलब्ध कराता है जिसमें program loading, memory allocation, CPU scheduling और necessary hardware access शामिल होता है। यह software को efficiently और safely execute करने में मदद करता है।
Operating System के प्रमुख प्रकार हैं: Batch OS, Multitasking OS, और Real-Time OS। हर प्रकार का OS विशेष उपयोग के लिए बनाया जाता है जैसे automation, multi-user environment और mission-critical systems।
Operating System कंप्यूटर का संचालन करता है और user को एक ऐसा interface प्रदान करता है जिससे वह programs चला सके, files को manage कर सके और system को control कर सके। इसके बिना कंप्यूटर कार्य नहीं कर सकता।

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