What is Hacking and types of Hackers in Hindi
Makhanlal Chaturvedi University / BCA / Information Technology Trends
What is Hacking and Identity Theft in Hindi
What is Hacking and Identity Theft in Hindi
What is Hacking and types of Hackers in Hindi
Hacking मूल रूप से किसी Computer System, Network या Digital Device की सुरक्षा परत को तोड़कर अनधिकृत तरीके से Access प्राप्त करने की प्रक्रिया है। सरल शब्दों में कहें तो जब कोई व्यक्ति ऐसी गतिविधि करता है जो सिस्टम के मालिक की अनुमति के बिना डेटा को पढ़ने, बदलने या नष्ट करने की क्षमता देती है, तो उसे Hacking कहा जाता है। Hacking शब्द को अक्सर नकारात्मक अर्थ में देखा जाता है, लेकिन हर Hacker गलत इरादे से कार्य नहीं करता। नीचे टेबल में अलग‑अलग प्रकार के Hackers और उनके उद्देश्य साफ‑साफ बताए गए हैं, ताकि एक Beginner को भी अंतर समझने में आसानी हो।
| Hacker का प्रकार | मुख्य उद्देश्य | संक्षिप्त विवरण |
|---|---|---|
| White Hat Hacker | Security Testing | ये Ethical Hackers होते हैं जो संगठनों की अनुमति से Vulnerability खोजते हैं। |
| Black Hat Hacker | Illegal Gain | अनधिकृत तरीके से घुसपैठ करके Data Theft, Ransomware या Financial Fraud करते हैं। |
| Grey Hat Hacker | Mixed Intent | बिना अनुमति घुसते तो हैं लेकिन अक्सर पाई गई ख़ामियों को पब्लिक कर देते हैं या रिपोर्ट कर देते हैं। |
| Script Kiddie | Fun & Show‑off | पहले से बने Scripts या Tools का इस्तेमाल करते हैं, गहरी समझ कम होती है। |
| Hacktivist | Political या Social Message | सरकारी या बड़े संगठनों की वेबसाइट Deface करके अपना संदेश फैलाते हैं। |
| State‑Sponsored Hacker | Cyber Espionage | किसी Nation State के लिए काम करके Strategic या Military Data चुराते हैं। |
Techniques used in Hacking attacks in Hindi
किसी भी Hacking आक्रमण की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि Hacker ने कौन‑कौन‑सी तकनीकें अपनाईं। नीचे दी गई महत्वपूर्ण Hacking Techniques को रोज़मर्रा के उदाहरणों के साथ समझाया गया है, ताकि छात्र इन्हें आसानी से पहचान सकें और सतर्क रह सकें।
- Phishing – Email या Fake Website के ज़रिए User Name, Password और Bank Details जैसी संवेदनशील जानकारी चुरा ली जाती है। उदाहरण: किसी Bank की कॉपीcat साइट पर Login करवाकर OTP मंगवा लेना।
- Social Engineering – मानव मनोविज्ञान का फायदा उठाकर Target से खुद जानकारी निकलवाना। जैसे Call Center Scam में खुद को Bank Executive बताकर PIN पूछ लेना।
- Brute‑Force Attack – Password Guessing का सबसे पुराना तरीका; Software लगातार अलग‑अलग Combination आज़माता है जब‑तक सही Password न मिल जाए।
-
SQL Injection – Website के
<input>Field में Malicious SQL Code डालकर Database Records पढ़ना या बदल देना। यह Technique अक्सर Poor Validation वाली साइटों पर सफल होती है। - Man‑in‑the‑Middle (MitM) – Hacker दो Systems के बीच में बैठकर Data को Intercept करता है, जैसे Public Wi‑Fi पर Login Details चुराना।
- Denial of Service (DoS) / Distributed DoS – Server पर इतनी Fake Requests भेजी जाती हैं कि Legitimate Users को Service न मिल पाए। यह Website स्पीड को ठप कर देता है।
- Zero‑Day Exploit – ऐसी Vulnerability जिस पर अभी तक Patch नहीं आया, Hacker इसी Window का फायदा उठाता है। उदाहरण: नए Software Update में मिली Security Bug का तुरंत इस्तेमाल।
What is Identity Theft and how it happens in Hindi
Identity Theft वह साइबर अपराध है जिसमें किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत पहचान संबंधी जानकारी (जैसे Aadhaar Number, PAN, Bank Details, Mobile OTP, या Social Media Credentials) चोरी करके उसका दुरुपयोग किया जाता है। जब Hacker इन Details का इस्तेमाल करके नया Credit Card निकालता है, Bank Loan लेता है या Online Fraud करता है, तो असली व्यक्ति को भारी Financial और Emotional Loss झेलना पड़ता है। आइए देखें यह घटना कैसे होती है:
- Data Breach – किसी Company के Server से करोड़ों Users का Database लीक, फिर Dark Web पर बेचा जाता है। उदाहरण: बड़े E‑Commerce Platform का User Table Online लीक होना।
- Dumpster Diving – पुराने Bank Statement, Credit Card Bill को बिना काटे‑फाड़े फेंक देने से Thief कूड़ेदान से Details निकाल लेता है।
- Skimming – ATM या POS Machine पर Extra Device लगाकर Card Magnetic Strip की Details कॉपी कर लेना, साथ‑साथ Hidden Camera से PIN रिकॉर्ड कर लेना।
- Social Media Oversharing – Birth Date, Pet Name, School Name जैसी जानकारी Public Post में डाल देने से Hacker Security Questions Crack कर लेता है।
Identity Theft की सबसे खतरनाक बात यह है कि पीड़ित को अक्सर देर से पता चलता है। जब Credit Card Bill या Loan Notice घर आता है, तब तक नुकसान हो चुका होता है। इसलिए Two‑Factor Authentication, Limited Social Sharing और Regular Bank Statement चेक करना अनिवार्य Best Practices हैं।
Legal provisions for Hacking and Identity Theft in Hindi
भारत में Hacking और Identity Theft दोनों ही अपराधों के लिए अलग‑अलग एवं अक्सर Overlapping कानूनी व्यवस्थाएँ मौजूद हैं। एक छात्र को यह जानना आवश्यक है कि किन‑किन कानूनी धाराओं के तहत कार्यवाही होती है, ताकि Cyber Law की पढ़ाई करते समय स्पष्टता बनी रहे।
| कानून / धारा | अपराध की श्रेणी | मुख्य दंड |
|---|---|---|
| IT Act 2000 – Section 43 | Unauthorized Access और Data Theft | Actual Loss के Equal Compensation + Penalty up to ₹1 Crore |
| IT Act 2000 – Section 66 | Computer Hacking with Malicious Intent | 3 साल तक कारावास + ₹5 Lakh Fine |
| IT Act 2000 – Section 66C | Identity Theft (Password & Digital Signature Misuse) | 3 साल तक कारावास + ₹1 Lakh Fine |
| IT Act 2000 – Section 66D | Cheating by Personation using Computer Resource | 3 साल तक कारावास + ₹1 Lakh Fine |
| IPC 1860 – Section 419 | Cheating by Impersonation | 3 साल तक कारावास + Fine |
| IPC 1860 – Section 420 | Cheating & Dishonest Inducement | 7 साल तक कारावास + Fine |
ऊपर दी गई तालिका से स्पष्ट है कि भारत का Information Technology Act 2000 डिजिटल अपराधों से निपटने के लिए मुख्य आधार प्रदान करता है, जबकि Indian Penal Code उन मामलों में उपयोग होता है जहाँ Fraud या Cheating की परिभाषा लागू होती है। अदालतें अक्सर दोनों कानूनों को साथ‑साथ लागू करती हैं ताकि अपराधी को सख़्त सज़ा मिल सके और पीड़ित को न्याय।
विद्यार्थियों को सलाह दी जाती है कि वे Cyber Law के इन प्रावधानों को नियमित रूप से अपडेट करें क्योंकि नये Amendments और Court Judgments समय‑समय पर व्याख्या बदल देते हैं। साथ ही, Cyber Crime Reporting Portal (cybercrime.gov.in) का उपयोग करना सीखें ताकि किसी भी घटना की तुरंत शिकायत दर्ज की जा सके।