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Importance of citizen participation in governance in Hindi

Makhanlal Chaturvedi University / BCA / Information Technology Trends

Citizen Participation in Governance

Citizen Participation in Governance

Importance of citizen participation in governance in Hindi

लोकतांत्रिक governance का असली आधार तभी मजबूत होता है जब आम नागरिक नीतियाँ बनाने, लागू करने और निगरानी करने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। नागरिक भागीदारी से सरकार को जमीनी वास्तविकताओं की स्पष्ट समझ मिलती है और योजनाएँ need‑based बनती हैं, जिससे संसाधनों का दुरुपयोग कम होता है।
नागरिकों के सक्रिय होने से transparency और accountability स्वाभाविक रूप से बढ़ती है। हर बार जब लोग सभा बैठकों, सार्वजनिक सुनवाई (Public Hearing) या RTI जैसे साधनों से सवाल उठाते हैं, तो अधिकारियों पर जिम्मेदारी स्पष्ट होती है और भ्रष्टाचार के अवसर घटते हैं।
साथ ही, भागीदारी से लोकतन्त्र का शिक्षा पक्ष भी मजबूत होता है। युवा और छात्र नीति‑निर्माण की प्रक्रिया समझते हैं और भविष्य में जागरूक मतदाता तथा policy advocates बनते हैं। यह सतत सुधार (Continuous Improvement) की संस्कृति को जन्म देता है, जहाँ सरकार और समाज दोनों सीखते रहते हैं।
महत्त्वपूर्ण यह भी है कि जब स्थानीय समस्याओं का समाधान सामूहिक राय से होता है, तो निर्णयों को अस्वीकार करने का विरोध कम हो जाता है। जनता को महसूस होता है कि “यह योजना हमारी अपनी है”, इसलिए क्रियान्वयन में स्वैच्छिक सहयोग बढ़ता है।
अंततः नागरिक भागीदारी समाज को empower करती है, क्योंकि लोग जानते हैं कि उनकी आवाज़ सुनी जा रही है। यह विश्वास लोकतन्त्र की सबसे बड़ी पूँजी है।

Digital initiatives to promote citizen participation in Hindi

तकनीक ने जनभागीदारी को आसान, सुलभ और लागत‑कुशल बनाया है। भारत सरकार तथा विभिन्न राज्य सरकारें अनेक digital initiatives चला रही हैं जो नागरिकों को घर बैठे नीति चर्चा में जोड़ती हैं। नीचे कुछ प्रमुख पहलों को सरल भाषा में समझते हैं:

  • MyGov Portal: 2014 में शुरू हुए इस पोर्टल पर कोई भी नागरिक सरकारी नीतियों पर सुझाव दे सकता है, tasks पूरा कर सकता है, एवं discussion groups में भाग ले सकता है। प्रधानमंत्री स्वयं यहाँ आईडिया माँगते हैं, जिससे सहभागिता का संदेश पूरे देश में जाता है।
  • UMANG App: Unified Mobile Application for New‑Age Governance के द्वारा 1000 से अधिक सरकारी सेवाएँ एक ही जगह मिलती हैं। इससे शिकायत दर्ज करना, feedback देना, या जानकारी पाना मोबाइल पर ही संभव हो जाता है, जिससे भागीदारी सरल हो जाती है।
  • e‑GramSwaraj: पंचायत स्तर पर पारदर्शिता लाने वाला यह e‑Governance प्लेटफॉर्म ग्रामीण नागरिकों को योजना विवरण और खर्च देखने देता है। लोग सीधे ऐप से अपने ग्राम‑पंचायत के कामकाज पर सवाल कर सकते हैं।
  • Open Data Platform (data.gov.in): सरकार ने 5 लाख से अधिक डेटा‑सेट खुली पहुँच (Open Access) में डाले हैं। रिसर्चर, छात्र और सामुदायिक समूह इन आँकड़ों का विश्लेषण करके नीतिगत सुझाव तैयार करते हैं, जिससे भागीदारी data‑driven होती है।
  • Social Media Outreach: Twitter/X, Facebook, Instagram जैसे मंचों पर मंत्रालयों के आधिकारिक अकाउंट polls, live sessions और hashtags के ज़रिये प्रत्यक्ष संवाद करते हैं। युवाओं को यह तरीका सबसे हितकर लगता है क्योंकि वे पहले से ही इन प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय हैं।
  • Jan Andolan Dashboards: Swachh Bharat Mission या Poshan Tracker जैसे डैशबोर्ड प्रगति लाइव दिखाते हैं। जब लोग अपने ज़िले के आँकड़े देखते हैं तो प्रतिस्पर्धा तथा स्वामित्व (Ownership) की भावना बढ़ती है और वे सुधार सुझाव भेजते हैं।

इन पहलों की खासियत यह है कि वे 24×7 उपलब्ध हैं, multilingual इंटरफेस प्रदान करती हैं और मोबाइल‑फर्स्ट डिज़ाइन अपनाती हैं। इससे सुदूर गाँव में रहने वाला किसान भी वही सुविधा पाता है जो किसी महानगर में रहने वाला प्रोफेशनल पाता है।

Case studies of successful citizen participation in Hindi

सफल उदाहरण यह सिद्ध करते हैं कि भागीदारी महज़ सैद्धांतिक अवधारणा नहीं, बल्कि व्यावहारिक रूप से काम करने वाला मॉडल है। तीन प्रेरणादायी case studies पर नज़र डालते हैं:

  • Kerala People’s Plan Campaign: 1996 में केरल सरकार ने बजट का 35% हिस्सा पंचायती राज संस्थाओं को सीधे दिया। ग्राम सभाओं ने प्राथमिकता के आधार पर योजनाएँ तय कीं—जैसे पीने के पानी की पाइपलाइन या सड़क मरम्मत—और स्वयं निगरानी की। 5 वर्षों में 1.2 लाख योजनाएँ पूरी हुईं, जिनमें cost overrun नगण्य रहा। छात्रों ने social audit सीखा और आज भी यह मॉडल participatory budgeting का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण माना जाता है।
  • Delhi Bhagidari Program: राजधानी में Resident Welfare Associations (RWA) को सरकारी विभागों के साथ जोड़कर पार्क सुधार, कूड़ा प्रबंधन और स्ट्रीट‑लाइट जैसे मुद्दों पर सामूहिक निर्णय लिया गया। RWA प्रतिनिधि feedback loops के जरियेกรมों को नियमित अपडेट देते थे, जिससे शिकायत निवारण समय आधा हो गया।
  • Swachh Bharat Citizen Reporting: स्वच्छता ऐप पर 2.3 करोड़ से अधिक फोटो अपलोड हुए, जिनमें नागरिकों ने कचरा ढेर या गंदे शौचालय की सूचना दी। स्मार्ट GIS‑tagging से लोकेशन तुरंत नगर निगम को मिली और 48 घंटे के भीतर सफाई रिपोर्ट की गई। इस रियल‑टाइम भागीदारी ने cleanliness ranking में कई शहरों की स्थिति सुधारी।

Tools used for citizen participation in Hindi

सही उपकरण (Tools) चुनना सफलता की कुंजी है। नीचे तालिका में citizen participation tools के प्रमुख प्रकार, उनके उपयोग और लाभ संक्षेप में दिए गए हैं:

Tool Name उपयोग की विधि मुख्य लाभ
Online Survey Platforms
(Google Forms, SurveyMonkey)
तेज़ी से राय संग्रह, ऑटोमेटिक विश्लेषण हेतु charts कम लागत, real‑time डेटा, विविध प्रश्न‑प्रकार
Open House Webinars Zoom, Webex जैसे video conferencing माध्यमों पर अधिकारियों व नागरिकों की संवाद बैठक सीधा प्रश्न‑उत्तर, रिकॉर्डिंग सुरक्षित रहेगी, अधिक प्रतिभागी सम्भव
Interactive Voice Response (IVR) टोल‑फ्री नंबर पर कॉल कर विकल्प दबाकर शिकायत या सुझाव दर्ज इंटरनेट‑रहित क्षेत्रों में भी सुलभ, स्थानीय भाषा सपोर्ट
GIS‑Based Reporting Apps
(Swachhata, e‑Nagar)
मोबाइल कैमरे से फोटो अपलोड व लोकेशन ऑटो‑कैप्चर समस्या की सटीक स्थिति, त्वरित कार्यवाही ट्रैकिंग
Participatory Budgeting Portals वॉरिश्ट्र लिस्ट पर online voting, चर्चा व सुझाव फोरम लोग तय करते हैं कि फंड कहाँ खर्च हो, विश्वास बढ़ता है
Social Media Polls & Hashtags Twitter/X पर poll चलाकर तुरंत जन‑मत जानना युवा वर्ग में लोकप्रिय, viral reach, कम मोनिटरिंग लागत
Citizen Dashboards प्रगति दर्शाने वाले live metrics व कंपेरिटिव लीडरबोर्ड डेटा‑सुगम पारदर्शिता, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा, प्रेरक ग्राफिक्स

इन टूल्स को अपनाते समय कुछ व्यावहारिक सावधानियाँ ज़रूरी हैं: (1) इंटरफेस mobile‑friendly हो, (2) डेटा गोपनीयता नियम (Data Privacy Laws) का पालन हो, (3) multilingual समर्थन अवश्य हो और (4) आउटपुट रिपोर्ट्स आसानी से डाउनलोड करने योग्य हों ताकि छात्र, शोधकर्ता तथा NGO अपने अध्ययन में प्रयोग कर सकें।

उपर्युक्त विषय‑वस्तु से स्पष्ट है कि Citizen Participation केवल नारे या कैंपेन का विषय नहीं, बल्कि मजबूत governance ecosystem की रीढ़ है। डिजिटल टूल्स और सफल मॉडल यह दर्शाते हैं कि जब सरकार एवं समाज साथ काम करते हैं, तो परिणाम अधिक पारदर्शी, समावेशी और दीर्घकालिक होते हैं। छात्रों के लिए यह समझना महत्त्वपूर्ण है कि लोकतन्त्र में प्रत्येक मतदाता की भूमिका मतदान‑केंद्र तक सीमित नहीं, बल्कि नीति‑निर्माण के हर चरण में उसका स्थान है।

FAQs

Citizen participation in governance means the active involvement of people in the decision-making, implementation, and monitoring of government policies and programs. (शासन में नागरिक भागीदारी का अर्थ है कि लोग सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों के निर्णय, कार्यान्वयन और निगरानी में सक्रिय रूप से भाग लें।)
Citizen participation strengthens transparency, accountability, and inclusiveness in democracy. It helps in creating people-centric policies and ensures that governance is responsive to actual public needs. (नागरिक भागीदारी से लोकतंत्र में पारदर्शिता, जवाबदेही और समावेशिता बढ़ती है। इससे जनकेंद्रित नीतियाँ बनती हैं और शासन आम जनता की ज़रूरतों के अनुरूप होता है।)
Platforms like MyGov, UMANG, e‑GramSwaraj, and Swachhata App are key digital initiatives to promote citizen engagement in governance in India. (MyGov, UMANG, e‑GramSwaraj और Swachhata App जैसी डिजिटल पहलें भारत में शासन में नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देती हैं।)
Tools like online surveys, webinars, IVR systems, GIS-based apps, and participatory budgeting platforms are widely used for effective citizen participation. (प्रभावी नागरिक भागीदारी के लिए ऑनलाइन सर्वे, वेबिनार, IVR सिस्टम, GIS-आधारित ऐप्स और सहभागी बजट पोर्टल्स जैसे टूल्स का उपयोग किया जाता है।)
Yes, citizen participation can significantly improve governance by ensuring decisions are inclusive, well-informed, and aligned with public needs, leading to better outcomes. (हाँ, नागरिक भागीदारी से शासन में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है क्योंकि इससे निर्णय समावेशी, जानकारीपूर्ण और जनहित में होते हैं, जिससे परिणाम बेहतर मिलते हैं।)

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