What are Adhoc Networks in Wireless Communication in Hindi
Makhanlal Chaturvedi University / BCA / Information Technology Trends
Adhoc and Sensor Networks in Wireless Communication
Adhoc and Sensor Networks in Wireless Communication in Hindi
What are Adhoc Networks in Wireless Communication in Hindi
Adhoc Network एक ऐसा Wireless Communication ढाँचा है जिसमें किसी central infrastructure — जैसे Router, Access Point या Base Station — की आवश्यकता नहीं होती। यहाँ हर डिवाइस स्वयं एक node की तरह काम करता है और बराबरी से डेटा भेज‑पहुंचाता है। इस विशेषता को peer‑to‑peer architecture कहा जाता है। जब दो या अधिक मोबाइल, लैपटॉप या IoT उपकरण एक दूसरे की Wireless Range में आ जाते हैं, तो वे स्वतः एक temporary network बना लेते हैं जिसे हम Adhoc Network कहते हैं।
- Self‑configuring • प्रत्येक node अपने आप IP address सेट करता है, Route Discovery करता है तथा नेटवर्क टोपोलॉजी बदलने पर तुरंत re‑configure भी कर लेता है। यह सुविधा खासकर आपदा प्रबंधन (Disaster Relief) में अनमोल होती है; जहाँ पारंपरिक ढाँचा उपलब्ध नहीं होता वहाँ टीम मिनटों में कम्युनिकेशन चालू कर सकती है।
- Multi‑hop Routing • यदि दो node के बीच सीधा सिग्नल कमजोर हो तो बीच के कई node relay बनकर पैकेट को गंतव्य पर पहुँचाते हैं। इस प्रक्रिया को multi‑hop communication कहा जाता है और इससे रेडियो की शक्ति बचती है क्योंकि हर hop कम दूरी पर संकेत भेजता है।
- Dynamic Topology • Nodes लगातार move होते रहते हैं, इसीलिए Routes बार‑बार बदलते हैं। Adhoc Protocols (जैसे AODV, DSR) बदलती स्थिति को पहचान कर नए रास्ते खोजते हैं ताकि कनेक्टिविटी बनी रहे। यह गुण Tactical Networks, युद्धक्षेत्र (Battlefield) और Intelligent Transportation System (ITS) में अत्यंत उपयोगी है।
- Infrastructure‑less Deployment • किसी तरह के केबल, फाइबर या Cellular Tower की अनिवार्यता नहीं होने से लागत कम आती है और नेटवर्क किसी भी Terrain में बनाई जा सकती है; चाहे पर्वतीय क्षेत्र हो या दूरस्थ द्वीप क्षेत्र।
Features and use‑cases of Sensor Networks in Hindi
Sensor Network (जिसे Wireless Sensor Network या WSN भी कहते हैं) छोटे‑छोटे Sensor Nodes का समूह होता है, जहाँ हर node में तीन प्रमुख कम्पोनेंट होते हैं — sensing unit, processing unit और radio transceiver। इनका मुख्य उद्देश्य वातावरण से physical‑world data — जैसे तापमान, नमी, कंपन, प्रकाश, प्रदूषण स्तर — इकट्ठा कर उसे किसी sink node या base station तक पहुँचाना होता है।
- Low‑power Design • Sensor Nodes प्रायः battery‑operated होते हैं; इसलिए इनमें low‑data rate, duty‑cycling और sleep‑modes जैसी तकनीकें अपनाई जाती हैं जिससे वर्षों तक चल सकें। ऊर्जा दक्षता (Energy Efficiency) WSN का सबसे महत्वपूर्ण फीचर है क्योंकि दुर्गम स्थानों में बैटरी बदलना कठिन होता है।
- Data Aggregation • कई बार एक ही प्रकार का डेटा अनेक Sensor में दर्ज होता है। नेटवर्क aggregation algorithms द्वारा redundant आँकड़ों को कम करता है और केवल आवश्यक सूचनाएँ भेजता है, जिससे बैंडविड्थ तथा ऊर्जा दोनों बचती हैं।
- Scalability • आवश्यकता पड़ने पर सेंसर की संख्या सैकड़ों से हज़ारों तक बढ़ाई जा सकती है। Routing Protocols (LEACH, PEGASIS) cluster‑based approach अपनाते हैं ताकि नेटवर्क scalable बना रहे और latency ना बढ़े।
- Self‑Healing • यदि कोई Sensor खराब हो जाए तो पड़ोसी Nodes वैकल्पिक Route बनाकर नेटवर्क को जीवित रखते हैं। इसे fault‑tolerance कहते हैं, जो Industrial Automation जैसी मिशन‑क्रिटिकल एप्प्लीकेशन में अनिवार्य है।
प्रमुख Use‑Cases
- Environmental Monitoring • जंगलों में forest‑fire detection, नदी‑घाटियों में बाढ़ चेतावनी, वायु गुणवत्ता मापन (Air‑Pollution Monitoring) जैसे कार्य WSN द्वारा स्वचालित हो जाते हैं, जिससे आपदा से पहले अलार्म भेजा जा सके।
- Smart Agriculture • मिट्टी की नमी, pH, तापमान एवं पोषक‑तत्त्वों का रियल‑टाइम डेटा IoT Gateway तक जाता है, जिससे किसान precision irrigation एवं fertilizer प्रबंधन कर पाते हैं। इससे जल संरक्षण तथा उत्पादन दोनों बढ़ते हैं।
- Industrial Automation • फैक्टरी मशीनों में कंपन (Vibration), तापमान और दबाव पर सेंसर लगा कर Predictive Maintenance किया जाता है; मशीन फेल होने से पहले अलर्ट आ जाता है और Downtime कम होता है।
- Health Care • Wearable Sensor शरीर के Vital Signals (Heart Rate, SpO2) को लगातार माप कर अस्पताल के Server तक भेजते हैं। डॉक्टर रिमोट से मरीज की स्थिति देख सकते हैं, जिससे Elderly Care आसान होती है।
Difference between Adhoc and Sensor Networks in Hindi
यद्यपि Adhoc Network और Sensor Network दोनों बिना किसी केंद्रीय आधारभूत संरचना के काम करते हैं, फिर भी इनका उद्देश्य, डिज़ाइन तथा संसाधन आवश्यकताएँ काफ़ी भिन्न होती हैं। नीचे दी गई तालिका इनमें मुख्य अंतर प्रस्तुत करती है:
| Parameter | Adhoc Network | Sensor Network |
|---|---|---|
| Primary Goal | General‑purpose peer‑to‑peer data transfer के लिए अस्थायी नेटवर्क बनाना | Environment या System की स्थिति Sense कर Data संग्रह करना |
| Node Capability | Higher Processing Power, Full Duplex Communication, अक्सर Human‑operated Devices | Limited CPU, Memory व Battery; कम डेटा‑rate पर एक‑तरफ़ा या Half‑Duplex ट्रैफ़िक |
| Traffic Pattern | किसी भी Node से किसी भी Node तक, बहुत‐सी unicast/multicast | अधिकांशतः Many‐to‑One (Sensor→Sink), कभी‑कभार Alert Broadcast |
| Energy Constraint | सापेक्षतः कम महत्वपूर्ण क्योंकि Devices अक्सर Rechargeable होते हैं | अत्यधिक महत्वपूर्ण; Battery life ही सिस्टम का जीवनचक्र तय करती है |
| Scalability | दर्जनों से सैकड़ों Nodes तक आम है | सैकड़ों से लेकर हज़ारों Nodes तक सामान्य बात |
| Common Protocols | AODV, DSR, OLSR | LEACH, PEGASIS, TinyOS‑based Protocols |
| समाप्ति का तरीका | Task पूरा होते ही नेटवर्क विघटित हो सकता है | लंबे समय तक autonomous चलाने हेतु डिज़ाइन होता है |
Applications of Adhoc & Sensor Networks in real world in Hindi
वास्तविक दुनिया में Adhoc और Sensor Networks दोनों की उपयोगिता तेजी से बढ़ रही है। उनकी सामूहिक शक्तियों से Smart City, Industry 4.0, Defense और Environmental Sustainability जैसी आधुनिक आवश्यकताएँ पूरी हो रही हैं। नीचे चुनिंदा Applications पर विस्तृत चर्चा दी गई है:
Adhoc Network Applications
- Disaster Response • भूकंप या तूफ़ान के बाद जब Cellular Towers क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तब राहत‑कार्य दल Adhoc Network बनाकर Voice, Video और GIS‑Data शेयर करते हैं। इससे रेस्क्यू ऑपरेशन real‑time coordination के साथ हो पाता है।
- Military Communications • Battlefield में Units अलग‑अलग दिशा में मूव करती हैं, फिर भी Encrypted Routing के माध्यम से situational awareness साझा रखती हैं। Tank से UAV तक सभी प्लेटफार्म एक Integrated Adhoc Network बनाते हैं।
- Vehicular Adhoc Network (VANET) • कारों के बीच vehicle‑to‑vehicle (V2V) और vehicle‑to‑infrastructure (V2I) कम्युनिकेशन द्वारा ट्रैफ़िक जाम, दुर्घटना जानकारी और Speed Alerts साझा होते हैं, जिससे Road Safety बढ़ती है।
- Event Coverage • किसी Stadium या Concert में जब हजारों लोगों का अस्थायी डेटा ट्रैफ़िक बढ़ता है, तो Wi‑Fi Adhoc क्लस्टर बना कर Live Streaming तथा Social Media अपलोड सुचारु चलाए जाते हैं।
Sensor Network Applications
- Smart City Infrastructure • Street‑Light Sensors Ambient Light के अनुसार अपनी Brightness नियंत्रित करते हैं; Parking Sensors खाली स्थानों की जानकारी Mobile App तक भेजते हैं, जिससे नागरिकों का समय बचता है और ऊर्जा की बचत होती है।
- Structural Health Monitoring • पुलों, इमारतों में कंपन‑Sensors लगाकर Micro‑cracks का पूर्वानुमान लगाते हैं। इससे समय रहते मरम्मत हो जाती है और सुरक्षा बढ़ती है।
- Wildlife Tracking • National Parks में RFID‑सक्षम Sensor Collars जानवरों के मूवमेंट Data को Satellites के माध्यम से conservation center तक भेजते हैं। इससे Poaching रोकने में मदद मिलती है।
- Cold‑Chain Monitoring • Vaccine या Fresh Food transport करते समय तापमान‑Sensors लगातार Log भेजते हैं। यदि तापमान सीमा पार कर जाए तो SMS Alert ट्रक‑ड्राइवर व QC‑Team दोनों को मिलता है।
Hybrid Applications – शक्ति का संगम
कई आधुनिक प्रोजेक्ट Adhoc तथा Sensor दोनों नेटवर्कों को एक साथ जोड़ते हैं। उदाहरण के लिए, जंगल में अनगिनत सेंसर Nodes वनाग्नि का तापमान Sense करते हैं और उसी क्षेत्र में तैनात Drones अपना Adhoc Mesh बनाकर ये डेटा तेज़ी से Command Center को रिले करते हैं। इसी तरह समुद्री तूफ़ान पूर्वानुमान में buoy‑based Sensor Network तथा राहत जहाजों के बीच Adhoc Links बनाकर मिनट‑दर‑मिनट स्थिति अपडेट होती है।