Types of Hypervisors – Type 1 and Type 2 in Hindi
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Hypervisors ke Prakar – Type 1 aur Type 2
हाइपरवाइज़र्स के प्रकार – Type 1 और Type 2
जब हम कंप्यूटर वर्चुअलाइजेशन की बात करते हैं, तो हाइपरवाइज़र (Hypervisor) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हाइपरवाइज़र वह सॉफ़्टवेयर होता है, जो एक ही सिस्टम पर कई वर्चुअल मशीनों (VMs) को चलाने की सुविधा देता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से सर्वर, डेटा सेंटर और क्लाउड सेवाओं में किया जाता है। हाइपरवाइज़र को दो मुख्य प्रकारों में बाँटा जाता है – Type 1 और Type 2।
Type 1 Hypervisor
Type 1 हाइपरवाइज़र को "bare-metal hypervisor" भी कहा जाता है। यह सीधा हार्डवेयर पर इंस्टॉल होता है, यानी यह ऑपरेटिंग सिस्टम से पहले सिस्टम पर स्थापित होता है। इसे सीधे मशीन के बूट पर लोड किया जाता है और यह हाइपरवाइज़र अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम से स्वतंत्र होता है। इस प्रकार के हाइपरवाइज़र का प्रमुख लाभ यह है कि यह सिस्टम की परफॉर्मेंस को बेहतर बनाता है क्योंकि इसमें कोई अतिरिक्त OS परत नहीं होती।
- यह ऑपरेटिंग सिस्टम और हार्डवेयर के बीच एक मध्यस्थ के रूप में काम करता है।
- यह ज्यादा सुरक्षित होता है, क्योंकि इसमें अतिरिक्त ऑपरेटिंग सिस्टम की ज़रूरत नहीं होती।
- यह हाई-परफॉर्मेंस और रियल-टाइम सिस्टम की ज़रूरतों को पूरा करता है।
- यह सर्वर और डेटा सेंटर के लिए आदर्श है, क्योंकि यह हाई-एंड कंप्यूटरों पर बेहतर काम करता है।
Type 1 हाइपरवाइज़र की कुछ प्रमुख उदाहरणें VMware ESXi, Microsoft Hyper-V, और Xen Hypervisor हैं।
Type 2 Hypervisor
Type 2 हाइपरवाइज़र को "hosted hypervisor" कहा जाता है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम के ऊपर एक एप्लिकेशन के रूप में इंस्टॉल होता है। यानी इसे पहले से इंस्टॉल किए गए ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलाना होता है। इस प्रकार के हाइपरवाइज़र को एक सामान्य कंप्यूटर उपयोगकर्ता द्वारा आसानी से इंस्टॉल किया जा सकता है और यह मुख्य रूप से डेस्कटॉप उपयोगकर्ताओं के लिए उपयुक्त होता है।
- यह मुख्य ऑपरेटिंग सिस्टम के ऊपर चलता है, यानी इसे एक होस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम की ज़रूरत होती है।
- यह डेस्कटॉप और व्यक्तिगत उपयोग के लिए अधिक उपयुक्त होता है।
- यह अपेक्षाकृत कम शक्तिशाली हार्डवेयर पर भी काम कर सकता है।
- यह Type 1 हाइपरवाइज़र से थोड़ा धीमा होता है, क्योंकि इसमें होस्ट OS की परत होती है।
Type 2 हाइपरवाइज़र के कुछ उदाहरण VirtualBox, VMware Workstation, और Parallels Desktop हैं।
Type 1 और Type 2 Hypervisor के बीच अंतर
Type 1 और Type 2 हाइपरवाइज़र के बीच कई महत्वपूर्ण अंतर होते हैं, जो उनके उपयोग और कार्यक्षमता को प्रभावित करते हैं। नीचे हम कुछ प्रमुख अंतर देखेंगे:
| विवरण | Type 1 Hypervisor | Type 2 Hypervisor |
|---|---|---|
| इंस्टॉलेशन | सीधा हार्डवेयर पर इंस्टॉल होता है। | होस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम पर एप्लिकेशन के रूप में इंस्टॉल होता है। |
| सिस्टम रिसोर्सेस | कम रिसोर्सेज का इस्तेमाल करता है। | अधिक रिसोर्सेज का उपयोग करता है, क्योंकि यह होस्ट OS के ऊपर चलता है। |
| परफॉर्मेंस | बेहतर परफॉर्मेंस प्रदान करता है। | थोड़ा धीमा होता है। |
| उपयोग | सर्वर और डेटा सेंटर में उपयोग होता है। | डेस्कटॉप और व्यक्तिगत उपयोग के लिए उपयुक्त है। |
कहाँ उपयोग करें Type 1 और Type 2 Hypervisors
Type 1 और Type 2 हाइपरवाइज़र दोनों के अपने विशेष उपयोग होते हैं। अगर आपको एक हाई-परफॉर्मेंस सर्वर की आवश्यकता हो, जहां बहुत सारी वर्चुअल मशीनों को चलाना हो, तो Type 1 हाइपरवाइज़र सबसे अच्छा विकल्प होगा। जबकि अगर आप एक साधारण डेस्कटॉप उपयोगकर्ता हैं और आपको सिर्फ कुछ वर्चुअल मशीनों को चलाने की आवश्यकता है, तो Type 2 हाइपरवाइज़र आपके लिए बेहतर रहेगा।
Type 1 हाइपरवाइज़र का उपयोग बड़े डेटा सेंटरों, क्लाउड सर्विस प्रदाताओं और कंपनियों में किया जाता है, जबकि Type 2 हाइपरवाइज़र का उपयोग व्यक्तिगत कंप्यूटर उपयोगकर्ताओं द्वारा किया जाता है।
निष्कर्ष
हाइपरवाइज़र कंप्यूटर सिस्टम में वर्चुअलाइजेशन की नींव रखते हैं। Type 1 और Type 2 दोनों ही हाइपरवाइज़र अपने-अपने फायदे और उपयोग के क्षेत्र रखते हैं। Type 1 हाइपरवाइज़र हाई परफॉर्मेंस और सुरक्षा प्रदान करता है, जबकि Type 2 हाइपरवाइज़र सरलता और आसानी से इंस्टॉल होने के कारण व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं के लिए उपयुक्त होता है।
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