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Types of Virtualization in Cloud Computing in Hindi

Makhanlal Chaturvedi University / BCA / Cloud Computing

Types of Virtualization in Cloud Computing

Types of Virtualization in Cloud Computing

वर्चुअलाइजेशन एक तकनीक है जो कंप्यूटर सिस्टम को विभाजित करती है ताकि एक सिस्टम में कई कार्यों को अलग-अलग तरीके से चलाया जा सके। यह खासकर क्लाउड कंप्यूटिंग में उपयोग होती है, क्योंकि क्लाउड पर रीसोर्सेस का प्रबंधन और उपयोग अधिक कुशल तरीके से करना होता है। क्लाउड कंप्यूटिंग में वर्चुअलाइजेशन के कई प्रकार होते हैं, जिनका उपयोग सिस्टम को बेहतर बनाने, संसाधनों का अधिकतम उपयोग करने और लागत को कम करने के लिए किया जाता है।

1. Hypervisor Virtualization (हाइपरवाइज़र वर्चुअलाइजेशन)

Hypervisor virtualization एक प्रकार का वर्चुअलाइजेशन है, जो एक कम्प्यूटर सिस्टम में एक से अधिक ऑपरेटिंग सिस्टम को एक साथ चलाने की अनुमति देता है। इसे 'Virtual Machine Monitor' (VMM) भी कहा जाता है। Hypervisor दो प्रकार के होते हैं:

  • Type 1 Hypervisor: यह सीधे हार्डवेयर पर चलता है और इसमें कोई भी ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं होता। इसे Bare Metal Hypervisor कहा जाता है।
  • Type 2 Hypervisor: यह एक ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलता है और इसके ऊपर वर्चुअल मशीन को चलाता है। इसे Hosted Hypervisor कहा जाता है।

Hypervisor Virtualization क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर की नींव रखता है और यह अलग-अलग वर्चुअल मशीनों को अलग-अलग कार्यों के लिए उपयोग करने की क्षमता प्रदान करता है।

2. Network Virtualization (नेटवर्क वर्चुअलाइजेशन)

Network Virtualization क्लाउड कंप्यूटिंग में नेटवर्किंग रीसोर्सेज को वर्चुअली विभाजित करने की प्रक्रिया है। इसके द्वारा नेटवर्क के संसाधनों को इस प्रकार प्रबंधित किया जाता है कि वे अलग-अलग वर्चुअल नेटवर्क्स के रूप में कार्य कर सकें। इसके प्रमुख लाभ हैं:

  • संसाधनों का बेहतर प्रबंधन और उपयोग।
  • नेटवर्क की सुरक्षा में वृद्धि।
  • नेटवर्क के प्रदर्शन में सुधार।

Network Virtualization से नेटवर्क की क्षमता और प्रदर्शन में सुधार होता है, साथ ही इसमें लचीलापन भी होता है, जिससे नेटवर्किंग में आसानी होती है।

3. Storage Virtualization (स्टोरेज वर्चुअलाइजेशन)

Storage Virtualization क्लाउड कंप्यूटिंग में विभिन्न भंडारण संसाधनों को एक साथ जोड़ने की प्रक्रिया है, ताकि उन्हें एक वर्चुअल स्टोरेज यूनिट की तरह उपयोग किया जा सके। इसके प्रमुख फायदे निम्नलिखित हैं:

  • डेटा को आसानी से प्रबंधित करना।
  • स्टोरेज के प्रदर्शन और क्षमता में वृद्धि।
  • डाटा सुरक्षा में सुधार।

Storage Virtualization के माध्यम से हम क्लाउड पर विभिन्न स्टोरेज सिस्टम्स को एक वर्चुअल रूप में उपयोग कर सकते हैं, जिससे स्टोरेज प्रबंधन आसान और प्रभावी हो जाता है।

4. Application Virtualization (एप्लिकेशन वर्चुअलाइजेशन)

Application Virtualization वह प्रक्रिया है, जिसमें एप्लिकेशन्स को क्लाउड या अन्य वर्चुअल प्लेटफार्म पर एक डिवाइस के बिना चलाने की सुविधा मिलती है। इससे यह होता है कि एप्लिकेशन को कहीं से भी एक्सेस किया जा सकता है, जैसे मोबाइल डिवाइस से। इसके प्रमुख लाभ हैं:

  • एप्लिकेशन की पहुँच और लचीलापन।
  • क्लाउड पर एप्लिकेशन को अपडेट करना और मॉनिटर करना आसान होता है।
  • विभिन्न उपकरणों से एप्लिकेशन का उपयोग करना।

Application Virtualization क्लाउड में एप्लिकेशनों के उपयोग में सुविधा प्रदान करता है और इससे कर्मचारियों को अपने कार्य को कहीं से भी करने की स्वतंत्रता मिलती है।

5. Desktop Virtualization (डेस्कटॉप वर्चुअलाइजेशन)

Desktop Virtualization एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें एक डेस्कटॉप कंप्यूटर की क्षमता को वर्चुअली अन्य स्थानों पर उपयोग किया जा सकता है। इसका मतलब है कि उपयोगकर्ता कहीं से भी अपने डेस्कटॉप को एक्सेस कर सकते हैं, और उनके पास क्लाउड में स्थित एक वर्चुअल डेस्कटॉप होता है। इसके मुख्य फायदे हैं:

  • किसी भी डिवाइस से डेस्कटॉप की एक्सेसिबिलिटी।
  • कर्मचारियों के लिए फाइलों का केंद्रीकृत प्रबंधन।
  • क्लाउड पर सुरक्षित डेस्कटॉप वातावरण।

Desktop Virtualization से क्लाउड के माध्यम से कार्यों को सरल और सुरक्षित तरीके से किया जा सकता है, जिससे कर्मचारियों की उत्पादकता में वृद्धि होती है।

इन सभी प्रकार के वर्चुअलाइजेशन के माध्यम से क्लाउड कंप्यूटिंग में दक्षता, लचीलापन और सुरक्षा में वृद्धि होती है। वर्चुअलाइजेशन की मदद से क्लाउड सेवाएं बेहतर तरीके से चलती हैं और व्यवसायों को अधिक लाभ मिलता है।

अधिक जानकारी के लिए आप इस लिंक पर जा सकते हैं: Virtualization Insights from RedHat.

FAQs

वर्चुअलाइजेशन एक तकनीक है, जो एक कंप्यूटर सिस्टम को इस प्रकार विभाजित करती है कि वह एक ही मशीन पर कई अलग-अलग कार्य कर सके। क्लाउड कंप्यूटिंग में यह तकनीक, संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और लागत कम करने में मदद करती है। यह एक प्रणाली में एक से अधिक ऑपरेटिंग सिस्टम और एप्लिकेशंस को चलाने का मौका देती है।

Hypervisor Virtualization वह तकनीक है, जो एक कंप्यूटर में एक से ज्यादा वर्चुअल मशीनों को चलाने की अनुमति देती है। इसे Type 1 और Type 2 में बांटा जाता है। Type 1 Hypervisor सीधे हार्डवेयर पर चलता है, जबकि Type 2 Hypervisor एक ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलता है।

Storage Virtualization का मतलब है, विभिन्न स्टोरेज संसाधनों को एक साथ जोड़कर एक वर्चुअल स्टोरेज यूनिट बनाना। इससे डेटा को आसानी से प्रबंधित और सुरक्षित किया जा सकता है। यह क्लाउड पर स्टोरेज की क्षमता और प्रदर्शन को बेहतर बनाता है।

Network Virtualization क्लाउड नेटवर्क को वर्चुअली विभाजित करने की प्रक्रिया है, जिससे अलग-अलग नेटवर्क्स को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। इसके द्वारा नेटवर्क की सुरक्षा बढ़ती है और प्रदर्शन भी बेहतर होता है।

Desktop Virtualization एक प्रक्रिया है, जिसके तहत एक वर्चुअल डेस्कटॉप क्लाउड पर स्टोर किया जाता है और उपयोगकर्ता उसे कहीं से भी एक्सेस कर सकते हैं। यह मुख्य रूप से रिमोट कार्य करने वाले कर्मचारियों के लिए उपयुक्त है।

Application Virtualization की मदद से, एप्लिकेशंस को एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस पर वर्चुअली एक्सेस किया जा सकता है। इससे एप्लिकेशंस को कहीं से भी चलाने की सुविधा मिलती है और यह क्लाउड पर एप्लिकेशंस का प्रबंधन भी आसान करता है।

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