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Switching Techniques in Hindi

स्विचिंग तकनीकें नेटवर्किंग में डेटा को एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस तक पहुँचाने के विभिन्न तरीकों को दर्शाती हैं। मुख्यतः तीन प्रकार की स्विचिंग तकनीकें होती हैं:

1. Circuit Switching

सर्किट स्विचिंग में, संचार शुरू करने से पहले सेंडर और रिसीवर के बीच एक समर्पित मार्ग (circuit) स्थापित किया जाता है। यह मार्ग संचार समाप्त होने तक बना रहता है। उदाहरण के लिए, पारंपरिक टेलीफोन नेटवर्क में सर्किट स्विचिंग का उपयोग होता है।

2. Message Switching

मैसेज स्विचिंग में, पूरा संदेश एक नोड से दूसरे नोड तक भेजा जाता है, जहाँ यह अस्थायी रूप से संग्रहीत (store) होता है और अगले नोड को अग्रेषित (forward) किया जाता है। इस प्रक्रिया को स्टोर-एंड-फॉरवर्ड के रूप में जाना जाता है।

3. Packet Switching

पैकेट स्विचिंग में, संदेश को छोटे-छोटे पैकेट्स में विभाजित किया जाता है, जो स्वतंत्र रूप से नेटवर्क के माध्यम से गंतव्य तक पहुँचते हैं। प्रत्येक पैकेट में स्रोत और गंतव्य का पता होता है, और वे विभिन्न मार्गों से होकर गंतव्य तक पहुँच सकते हैं।

Packet Switching के प्रकार

  • Datagram Packet Switching: प्रत्येक पैकेट स्वतंत्र रूप से भेजा जाता है और अपना मार्ग स्वयं निर्धारित करता है। पैकेट्स गंतव्य पर किसी भी क्रम में पहुँच सकते हैं और उन्हें सही क्रम में पुनः संयोजित किया जाता है।
  • Virtual Circuit Packet Switching: संचार शुरू करने से पहले एक तार्किक मार्ग (virtual circuit) स्थापित किया जाता है, और सभी पैकेट्स उसी मार्ग का अनुसरण करते हैं, जिससे वे गंतव्य पर सही क्रम में पहुँचते हैं।

पैकेट स्विचिंग के लाभ

  • नेटवर्क की बैंडविड्थ का कुशल उपयोग करता है।
  • नेटवर्क विफलता के बावजूद डेटा वैकल्पिक मार्गों से गंतव्य तक पहुँच सकता है।
  • डेटा ट्रांसमिशन की गति बढ़ाता है।

पैकेट स्विचिंग की हानियाँ

  • रीयल-टाइम एप्लिकेशन के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है।
  • पैकेट्स के विलंब और जिटर की संभावना होती है।

सर्किट स्विचिंग के लाभ

  • स्थिर और विश्वसनीय कनेक्शन प्रदान करता है।
  • रीयल-टाइम वॉयस और वीडियो संचार के लिए उपयुक्त है।

सर्किट स्विचिंग की हानियाँ

  • बैंडविड्थ का अनुकूल उपयोग नहीं करता है, क्योंकि कनेक्शन पूरे सत्र के दौरान आरक्षित रहता है।
  • कनेक्शन स्थापित करने में समय लगता है।

मैसेज स्विचिंग के लाभ

  • नेटवर्क पर भीड़ कम करता है, क्योंकि संदेशों को अस्थायी रूप से संग्रहीत किया जाता है।
  • बड़े संदेशों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर सकता है।

मैसेज स्विचिंग की हानियाँ

  • संदेशों के लिए उच्च भंडारण क्षमता की आवश्यकता होती है।
  • डेटा ट्रांसमिशन में विलंब हो सकता है।

Types of Switching Techniques in Hindi

स्विचिंग तकनीकें नेटवर्किंग में डेटा को एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस तक पहुँचाने के विभिन्न तरीकों को दर्शाती हैं। मुख्यतः तीन प्रकार की स्विचिंग तकनीकें होती हैं:

1. Circuit Switching

सर्किट स्विचिंग में, संचार शुरू करने से पहले सेंडर और रिसीवर के बीच एक समर्पित मार्ग (circuit) स्थापित किया जाता है। यह मार्ग संचार समाप्त होने तक बना रहता है। उदाहरण के लिए, पारंपरिक टेलीफोन नेटवर्क में सर्किट स्विचिंग का उपयोग होता है।

2. Message Switching

मैसेज स्विचिंग में, पूरा संदेश एक नोड से दूसरे नोड तक भेजा जाता है, जहाँ यह अस्थायी रूप से संग्रहीत (store) होता है और अगले नोड को अग्रेषित (forward) किया जाता है। इस प्रक्रिया को स्टोर-एंड-फॉरवर्ड के रूप में जाना जाता है।

3. Packet Switching

पैकेट स्विचिंग में, संदेश को छोटे-छोटे पैकेट्स में विभाजित किया जाता है, जो स्वतंत्र रूप से नेटवर्क के माध्यम से गंतव्य तक पहुँचते हैं। प्रत्येक पैकेट में स्रोत और गंतव्य का पता होता है, और वे विभिन्न मार्गों से होकर गंतव्य तक पहुँच सकते हैं।

Packet Switching के प्रकार

  • Datagram Packet Switching: प्रत्येक पैकेट स्वतंत्र रूप से भेजा जाता है और अपना मार्ग स्वयं निर्धारित करता है। पैकेट्स गंतव्य पर किसी भी क्रम में पहुँच सकते हैं और उन्हें सही क्रम में पुनः संयोजित किया जाता है।
  • Virtual Circuit Packet Switching: संचार शुरू करने से पहले एक तार्किक मार्ग (virtual circuit) स्थापित किया जाता है, और सभी पैकेट्स उसी मार्ग का अनुसरण करते हैं, जिससे वे गंतव्य पर सही क्रम में पहुँचते हैं।

पैकेट स्विचिंग के लाभ

  • नेटवर्क की बैंडविड्थ का कुशल उपयोग करता है।
  • नेटवर्क विफलता के बावजूद डेटा वैकल्पिक मार्गों से गंतव्य तक पहुँच सकता है।
  • डेटा ट्रांसमिशन की गति बढ़ाता है।

पैकेट स्विचिंग की हानियाँ

  • रीयल-टाइम एप्लिकेशन के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है।
  • पैकेट्स के विलंब और जिटर की संभावना होती है।

सर्किट स्विचिंग के लाभ

  • स्थिर और विश्वसनीय कनेक्शन प्रदान करता है।
  • रीयल-टाइम वॉयस और वीडियो संचार के लिए उपयुक्त है।

सर्किट स्विचिंग की हानियाँ

  • बैंडविड्थ का अनुकूल उपयोग नहीं करता है, क्योंकि कनेक्शन पूरे सत्र के दौरान आरक्षित रहता है।
  • कनेक्शन स्थापित करने में समय लगता है।

मैसेज स्विचिंग के लाभ

  • नेटवर्क पर भीड़ कम करता है, क्योंकि संदेशों को अस्थायी रूप से संग्रहीत किया जाता है।
  • बड़े संदेशों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर सकता है।

मैसेज स्विचिंग की हानियाँ

  • संदेशों के लिए उच्च भंडारण क्षमता की आवश्यकता होती है।
  • डेटा ट्रांसमिशन में विलंब हो सकता है।

Applications of Switching Techniques in Hindi

स्विचिंग तकनीकें नेटवर्किंग में डेटा को एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस तक पहुँचाने के विभिन्न तरीकों को दर्शाती हैं। इन तकनीकों का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जो निम्नलिखित हैं:

1. टेलीफोन नेटवर्क

पारंपरिक टेलीफोन नेटवर्क में Circuit Switching का उपयोग होता है, जहाँ प्रत्येक कॉल के लिए एक समर्पित पथ स्थापित किया जाता है। यह पथ संचार समाप्त होने तक बना रहता है।

2. इंटरनेट संचार

इंटरनेट में Packet Switching का उपयोग होता है, जहाँ डेटा को छोटे पैकेट्स में विभाजित करके विभिन्न मार्गों से गंतव्य तक भेजा जाता है। यह तकनीक बैंडविड्थ के कुशल उपयोग और नेटवर्क की विश्वसनीयता बढ़ाने में मदद करती है।

3. ईमेल सेवा

ईमेल सेवाओं में Message Switching का उपयोग होता है, जहाँ पूरा संदेश एक नोड से दूसरे नोड तक भेजा जाता है, और प्रत्येक नोड संदेश को अस्थायी रूप से संग्रहीत करता है जब तक कि यह गंतव्य तक नहीं पहुँच जाता।

4. मोबाइल संचार

मोबाइल नेटवर्क में Circuit Switching और Packet Switching दोनों का उपयोग होता है। वॉयस कॉल के लिए सर्किट स्विचिंग और डेटा सेवाओं के लिए पैकेट स्विचिंग का उपयोग किया जाता है।

5. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

रीयल-टाइम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में Packet Switching का उपयोग होता है, जहाँ वीडियो डेटा को पैकेट्स में विभाजित करके तेजी से और कुशलता से गंतव्य तक पहुँचाया जाता है।

6. ऑनलाइन गेमिंग

ऑनलाइन मल्टीप्लेयर गेम्स में Packet Switching का उपयोग होता है, जिससे कम विलंबता (latency) और तेज डेटा ट्रांसमिशन सुनिश्चित होता है।

7. क्लाउड कंप्यूटिंग

क्लाउड सेवाओं में Packet Switching का उपयोग होता है, जिससे उपयोगकर्ताओं को डेटा और एप्लिकेशन तक तेजी से और सुरक्षित पहुँच मिलती है।

8. डिजिटल टीवी प्रसारण

डिजिटल टेलीविजन प्रसारण में Packet Switching तकनीक का उपयोग होता है, जिससे उच्च गुणवत्ता वाली वीडियो और ऑडियो सामग्री को दर्शकों तक पहुँचाया जाता है।

Advantages of Switching Techniques in Hindi

स्विचिंग तकनीकें नेटवर्किंग में डेटा के प्रभावी और कुशल संचार को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। विभिन्न स्विचिंग तकनीकों के अपने-अपने लाभ होते हैं, जो नीचे विस्तृत रूप से वर्णित हैं:

1. Circuit Switching के लाभ

  • समर्पित कनेक्शन: सर्किट स्विचिंग में, एक बार कनेक्शन स्थापित होने के बाद, एक समर्पित पथ उपलब्ध होता है, जो संचार की स्थिरता सुनिश्चित करता है।
  • न्यून विलंबता: चूंकि डेटा एक पूर्वनिर्धारित पथ का अनुसरण करता है, विलंबता कम होती है, जो रीयल-टाइम संचार के लिए उपयुक्त है।
  • पूर्वानुमेय प्रदर्शन: समर्पित बैंडविड्थ के कारण, प्रदर्शन पूर्वानुमेय होता है, जिससे गुणवत्ता में स्थिरता बनी रहती है।

2. Packet Switching के लाभ

  • बैंडविड्थ का कुशल उपयोग: पैकेट स्विचिंग में, नेटवर्क संसाधनों का साझा उपयोग होता है, जिससे बैंडविड्थ का अधिकतम उपयोग संभव होता है।
  • विफलता सहिष्णुता: यदि नेटवर्क में कोई नोड विफल हो जाता है, तो पैकेट्स वैकल्पिक मार्गों से गंतव्य तक पहुँच सकते हैं, जिससे संचार में निरंतरता बनी रहती है।
  • लचीलापन: विभिन्न डेटा दरों और पैकेट आकारों को संभालने की क्षमता होती है, जो इसे विविध अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त बनाती है।

3. Message Switching के लाभ

  • बैंडविड्थ की बचत: मैसेज स्विचिंग में, डेटा चैनलों को साझा किया जाता है, जिससे उपलब्ध बैंडविड्थ का कुशल उपयोग होता है।
  • नेटवर्क पर कम भार: प्रत्येक संदेश को अस्थायी रूप से संग्रहीत किया जाता है और केवल तब अग्रेषित किया जाता है जब अगला नोड उपलब्ध होता है, जिससे नेटवर्क पर भीड़भाड़ कम होती है।

Disadvantages of Switching Techniques in Hindi

स्विचिंग तकनीकें नेटवर्किंग में डेटा संचार के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन प्रत्येक तकनीक के कुछ सीमाएँ भी होती हैं। नीचे विभिन्न स्विचिंग तकनीकों के मुख्य दोषों का विवरण दिया गया है:

1. Circuit Switching के दोष

  • अप्रभावी संसाधन उपयोग: एक बार समर्पित पथ स्थापित होने के बाद, वह पथ अन्य संचारों के लिए उपलब्ध नहीं रहता, जिससे संसाधनों का पूर्ण उपयोग नहीं हो पाता।
  • उच्च विलंबता: कनेक्शन स्थापित करने में समय लगता है, जिससे डेटा ट्रांसमिशन शुरू होने में देरी होती है।
  • कम लचीलापन: यह तकनीक बड़े पैमाने पर कनेक्शनों को संभालने में कठिनाई उत्पन्न कर सकती है, जिससे स्केलेबिलिटी सीमित होती है।

2. Packet Switching के दोष

  • उच्च विलंबता: पैकेट्स को विभिन्न मार्गों से भेजे जाने के कारण, विलंबता बढ़ सकती है, जो रीयल-टाइम संचार के लिए अनुपयुक्त हो सकता है।
  • सीमित गुणवत्ता सेवा (QoS): पैकेट स्विचिंग में QoS की गारंटी नहीं होती, जिससे विभिन्न प्रकार के ट्रैफ़िक के लिए समान उपचार होता है।
  • पैकेट हानि: नेटवर्क भीड़ या ट्रांसमिशन त्रुटियों के कारण पैकेट्स खो सकते हैं, जिससे डेटा की अखंडता प्रभावित होती है।

3. Message Switching के दोष

  • उच्च विलंबता: प्रत्येक संदेश को अगले नोड पर भेजने से पहले संग्रहीत किया जाता है, जिससे डेटा ट्रांसमिशन में देरी होती है।
  • अधिक संग्रहण आवश्यकता: प्रत्येक नोड को संदेशों को अस्थायी रूप से संग्रहीत करने के लिए पर्याप्त संग्रहण क्षमता की आवश्यकता होती है, जो नेटवर्क संसाधनों पर अतिरिक्त भार डालता है।

FAQs

Switching refers to the process of transferring data packets from one device to another within a network, or from one network to another, using specific devices called switches. (स्विचिंग उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें डेटा पैकेट्स को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में, या एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क में, स्विच नामक विशेष उपकरणों का उपयोग करके स्थानांतरित किया जाता है।)

The main types of switching techniques are Circuit Switching, Packet Switching, and Message Switching. (स्विचिंग तकनीकों के मुख्य प्रकार सर्किट स्विचिंग, पैकेट स्विचिंग, और मैसेज स्विचिंग हैं।)

Circuit Switching establishes a dedicated communication path between two devices for the duration of the communication session, ensuring a constant data rate and minimal delay. (सर्किट स्विचिंग दो डिवाइसों के बीच संचार सत्र की अवधि के लिए एक समर्पित संचार पथ स्थापित करता है, जिससे एक स्थिर डेटा दर और न्यूनतम विलंबता सुनिश्चित होती है।)

Packet Switching divides data into small packets that are sent independently over the network, allowing for efficient use of bandwidth and increased fault tolerance. (पैकेट स्विचिंग डेटा को छोटे पैकेट्स में विभाजित करता है जो नेटवर्क पर स्वतंत्र रूप से भेजे जाते हैं, जिससे बैंडविड्थ का कुशल उपयोग और बढ़ी हुई दोष सहिष्णुता संभव होती है।)

Message Switching involves the entire message being sent to the next available node, where it is stored and forwarded to the next node, allowing for store-and-forward communication. (मैसेज स्विचिंग में पूरे संदेश को अगले उपलब्ध नोड पर भेजा जाता है, जहां इसे संग्रहीत और अग्रेषित किया जाता है, जिससे स्टोर-एंड-फॉरवर्ड संचार संभव होता है।)

Switching techniques offer benefits such as efficient bandwidth utilization, improved network performance, and flexibility in data transmission. (स्विचिंग तकनीकें बैंडविड्थ के कुशल उपयोग, नेटवर्क प्रदर्शन में सुधार, और डेटा ट्रांसमिशन में लचीलापन जैसे लाभ प्रदान करती हैं।)

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