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What is Hub in Hindi

Hub एक नेटवर्किंग डिवाइस है जिसका उपयोग एक नेटवर्क में कई डिवाइसों को आपस में जोड़ने के लिए किया जाता है। यह OSI मॉडल की फिजिकल लेयर (Layer 1) पर काम करता है और डेटा पैकेट्स को सभी कनेक्टेड डिवाइसों में प्रसारित करता है, बिना यह जांचे कि डेटा का गंतव्य कौन सा डिवाइस है। इसलिए, हब को एक मल्टीपोर्ट रिपीटर भी कहा जाता है।

हब की कार्यप्रणाली

जब एक डिवाइस हब को डेटा भेजता है, तो हब उस डेटा को अपने सभी पोर्ट्स पर प्रसारित करता है। यह प्रक्रिया सभी कनेक्टेड डिवाइसों तक डेटा पहुंचाने में मदद करती है, लेकिन इससे नेटवर्क में टकराव (collision) की संभावना बढ़ जाती है, क्योंकि सभी डिवाइस एक ही समय में डेटा भेज और प्राप्त कर सकते हैं।

हब के प्रकार

  • Passive Hub: यह सिग्नल को जैसा है, वैसा ही आगे भेज देता है और इसे पावर सप्लाई की आवश्यकता नहीं होती है।
  • Active Hub: यह सिग्नल को पुनः उत्पन्न (regenerate) करता है, जिससे सिग्नल की गुणवत्ता बनी रहती है। इसके लिए पावर सप्लाई की आवश्यकता होती है।
  • Intelligent Hub: यह सक्रिय हब की सभी विशेषताओं के साथ-साथ नेटवर्क प्रबंधन सुविधाएँ भी प्रदान करता है, जैसे कि नेटवर्क ट्रैफ़िक की निगरानी और समस्या निवारण।

हब के लाभ

  • यह अन्य नेटवर्किंग डिवाइसों की तुलना में सस्ता होता है।
  • यह विभिन्न नेटवर्क मीडिया को समर्थन देता है।
  • यह नेटवर्क की कुल दूरी को बढ़ा सकता है।
  • यह नेटवर्क ट्रैफ़िक की निगरानी और विश्लेषण में मदद करता है।

हब की सीमाएँ

  • यह डेटा को फ़िल्टर नहीं करता है, जिससे अनावश्यक ट्रैफ़िक बढ़ सकता है।
  • यह फुल डुप्लेक्स मोड में काम नहीं करता है, यानी एक समय में केवल डेटा भेज या प्राप्त कर सकता है।
  • यह टकराव की पहचान और समाधान के लिए कोई तंत्र प्रदान नहीं करता है।

Types of Hub in Hindi

हब (Hub) एक नेटवर्किंग डिवाइस है जो कंप्यूटर नेटवर्क में विभिन्न डिवाइसों को आपस में जोड़ने का कार्य करता है। यह OSI मॉडल की फिजिकल लेयर (Physical Layer) पर काम करता है और डेटा पैकेट्स को सभी कनेक्टेड डिवाइसों में प्रसारित करता है। हब के मुख्यतः तीन प्रकार होते हैं:

1. Passive Hub

Passive हब सिग्नल को बिना किसी परिवर्तन के सभी पोर्ट्स पर भेज देता है। इसमें किसी प्रकार की पावर सप्लाई की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि यह सिग्नल को केवल फॉरवर्ड करता है, उसे बढ़ाता या सुधारता नहीं है। यह मुख्यतः स्टार टोपोलॉजी (Star Topology) में डिवाइसों को जोड़ने के लिए उपयोग किया जाता है।

2. Active Hub

Active हब इनकमिंग सिग्नल को पुनः उत्पन्न (Regenerate) और बढ़ाता (Amplify) है, जिससे सिग्नल की गुणवत्ता बनी रहती है और डेटा लंबी दूरी तक प्रभावी ढंग से पहुंचता है। इसके लिए पावर सप्लाई की आवश्यकता होती है। Active हब को मल्टीपोर्ट रिपीटर (Multiport Repeater) भी कहा जाता है।

3. Intelligent Hub

Intelligent हब, Active हब की सभी विशेषताओं के साथ-साथ नेटवर्क प्रबंधन (Network Management) की सुविधाएं भी प्रदान करता है। इसमें मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन बेस (Management Information Base - MIB) होता है, जो नेटवर्क की समस्याओं का विश्लेषण और समाधान करने में मदद करता है। यह नेटवर्क ट्रैफिक की निगरानी और पोर्ट कॉन्फ़िगरेशन को प्रबंधित करने की क्षमता रखता है।

Working of Hub in Hindi

हब (Hub) एक नेटवर्किंग डिवाइस है जो कंप्यूटर नेटवर्क में विभिन्न डिवाइसों को आपस में जोड़ता है। यह OSI मॉडल की फिजिकल लेयर (Physical Layer) पर कार्य करता है और डेटा पैकेट्स को सभी कनेक्टेड डिवाइसों में प्रसारित करता है। हब की कार्यप्रणाली को निम्नलिखित बिंदुओं में समझा जा सकता है:

  • डेटा रिसीव करना: जब नेटवर्क में कोई डिवाइस डेटा भेजता है, तो वह डेटा पैकेट्स के रूप में हब तक पहुंचता है। हब इन पैकेट्स को अपने पोर्ट्स के माध्यम से प्राप्त करता है।
  • डेटा का प्रसारण: हब प्राप्त किए गए डेटा पैकेट्स को बिना किसी विश्लेषण या फ़िल्टरिंग के अपने सभी पोर्ट्स पर प्रसारित करता है। इसका अर्थ है कि डेटा नेटवर्क में जुड़े सभी डिवाइसों तक पहुंचता है, भले ही वह डेटा किसी विशेष डिवाइस के लिए ही क्यों न हो।
  • टकराव (Collision) की संभावना: चूंकि हब सभी डिवाइसों को डेटा प्रसारित करता है, इसलिए एक समय में एक से अधिक डिवाइस डेटा भेजने का प्रयास कर सकते हैं, जिससे नेटवर्क में टकराव की संभावना बढ़ जाती है। यह नेटवर्क की प्रदर्शन क्षमता को प्रभावित कर सकता है।

हब की इस कार्यप्रणाली के कारण, यह छोटे नेटवर्क्स में उपयोगी होता है, लेकिन बड़े और अधिक जटिल नेटवर्क्स के लिए स्विच (Switch) जैसे अधिक उन्नत डिवाइसों का उपयोग किया जाता है, जो डेटा को केवल लक्षित डिवाइस तक पहुंचाते हैं और टकराव की संभावना को कम करते हैं।

Advantages of Hub in Hindi

हब (Hub) एक नेटवर्किंग डिवाइस है जो कंप्यूटर नेटवर्क में विभिन्न डिवाइसों को आपस में जोड़ता है। इसके उपयोग के कई लाभ हैं, जिन्हें हम नीचे विस्तार से समझेंगे:

  • सरलता (Simplicity): हब का डिज़ाइन और कार्यप्रणाली सरल होती है, जिससे इसे स्थापित करना और उपयोग करना आसान होता है। यह छोटे और कम जटिल नेटवर्क्स के लिए उपयुक्त होता है।
  • लागत प्रभावी (Cost-Effective): हब अन्य नेटवर्किंग डिवाइसों की तुलना में सस्ता होता है, जो बजट सीमित नेटवर्क सेटअप के लिए लाभकारी है।
  • विविध नेटवर्क मीडिया समर्थन (Supports Multiple Network Media): हब विभिन्न प्रकार के नेटवर्क मीडिया को समर्थन देता है, जिससे यह विभिन्न नेटवर्क संरचनाओं में उपयोगी होता है।
  • नेटवर्क विस्तार (Network Extension): हब नेटवर्क की कुल दूरी को बढ़ा सकता है, जिससे अधिक डिवाइसों को नेटवर्क में जोड़ा जा सकता है।
  • नेटवर्क मॉनिटरिंग (Network Monitoring): हब इंटरनेट ट्रैफिक की निगरानी और विश्लेषण कर सकता है, जिससे नेटवर्क प्रदर्शन को समझने में मदद मिलती है।
  • प्रदर्शन पर न्यूनतम प्रभाव (Minimal Impact on Performance): हब नेटवर्क की प्रदर्शन क्षमता को बाधित नहीं करता है, जिससे डेटा संचार सुचारु रहता है।

इन लाभों के कारण, हब छोटे और सरल नेटवर्क्स में एक प्रभावी समाधान प्रदान करता है, हालांकि बड़े और अधिक जटिल नेटवर्क्स के लिए स्विच (Switch) जैसे उन्नत डिवाइसों का उपयोग किया जाता है।

Disadvantages of Hub in Hindi

हब (Hub) एक नेटवर्किंग डिवाइस है जो कंप्यूटर नेटवर्क में विभिन्न डिवाइसों को आपस में जोड़ता है। हालांकि, इसके उपयोग के कुछ महत्वपूर्ण नुकसान भी हैं, जिन्हें नीचे विस्तार से समझाया गया है:

  • डेटा टकराव (Data Collision): हब सभी कनेक्टेड डिवाइसों को डेटा प्रसारित करता है, जिससे एक ही समय में कई डिवाइस डेटा भेज सकते हैं। यह डेटा टकराव की संभावना बढ़ाता है, जिससे नेटवर्क की प्रदर्शन क्षमता कम हो सकती है।
  • बैंडविड्थ की कमी (Bandwidth Limitation): हब सभी पोर्ट्स के बीच उपलब्ध बैंडविड्थ को साझा करता है। इसका अर्थ है कि अधिक डिवाइस कनेक्ट होने पर प्रत्येक डिवाइस को कम बैंडविड्थ मिलती है, जिससे डेटा ट्रांसफर की गति धीमी हो सकती है।
  • स्मार्ट डेटा प्रबंधन की अनुपस्थिति (Lack of Intelligent Data Management): हब डेटा पैकेट्स को सभी पोर्ट्स पर भेजता है, भले ही वह डेटा किसी विशेष डिवाइस के लिए ही क्यों न हो। यह अनावश्यक नेटवर्क ट्रैफिक बढ़ाता है और नेटवर्क की दक्षता को कम करता है।
  • नेटवर्क सुरक्षा की कमी (Lack of Network Security): चूंकि हब सभी डिवाइसों को डेटा प्रसारित करता है, इसलिए संवेदनशील जानकारी को सुरक्षित रखना कठिन हो सकता है। नेटवर्क में जुड़े किसी भी डिवाइस के पास अन्य डिवाइसों के डेटा को एक्सेस करने की संभावना होती है, जिससे सुरक्षा चिंताएं बढ़ती हैं।
  • विस्तार की सीमाएं (Limited Scalability): हब-आधारित नेटवर्क में डिवाइसों की संख्या बढ़ाने पर प्रदर्शन में गिरावट आ सकती है। बड़े नेटवर्क्स के लिए हब उपयुक्त नहीं होते हैं, क्योंकि वे उच्च मात्रा में डेटा ट्रैफिक को प्रभावी ढंग से प्रबंधित नहीं कर पाते हैं।

इन कारणों से, हब का उपयोग छोटे और सरल नेटवर्क्स तक सीमित होता है, जबकि बड़े और अधिक जटिल नेटवर्क्स के लिए स्विच (Switch) जैसे उन्नत नेटवर्किंग डिवाइसों का उपयोग किया जाता है।

FAQs

हब एक नेटवर्किंग डिवाइस है जो कंप्यूटर नेटवर्क में विभिन्न डिवाइसों को आपस में जोड़ता है और डेटा पैकेट्स को सभी कनेक्टेड डिवाइसों तक प्रसारित करता है।
हब डेटा लिंक लेयर पर काम करता है और प्राप्त डेटा पैकेट्स को अपने सभी पोर्ट्स पर भेजता है, जिससे सभी कनेक्टेड डिवाइसों को वही डेटा प्राप्त होता है।
हब मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं: एक्टिव हब (जो सिग्नल को बढ़ाते हैं) और पैसिव हब (जो सिग्नल को बिना बढ़ाए आगे भेजते हैं)।
हब की सरलता, कम लागत, और विभिन्न नेटवर्क मीडिया के समर्थन के कारण यह छोटे नेटवर्क्स के लिए उपयुक्त होता है।
हब में डेटा टकराव, बैंडविड्थ की कमी, और सुरक्षा की समस्याएं होती हैं, जिससे यह बड़े नेटवर्क्स के लिए कम उपयुक्त होता है।
हब सभी कनेक्टेड डिवाइसों को डेटा प्रसारित करता है, जबकि स्विच डेटा को केवल लक्षित डिवाइस तक भेजता है, जिससे नेटवर्क की दक्षता बढ़ती है।

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