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Architecture of Web-Based Systems

What is a Web-Based System?

वेब आधारित प्रणाली (Web-Based System) एक ऐसा सिस्टम होता है जो इंटरनेट या किसी नेटवर्क के माध्यम से किसी सर्वर पर चलती है और उपयोगकर्ता को ब्राउज़र के माध्यम से एक्सेस करने की सुविधा प्रदान करती है। यह प्रणाली क्लाइंट-सर्वर आर्किटेक्चर पर आधारित होती है, जहाँ क्लाइंट (ब्राउज़र) और सर्वर के बीच डेटा का आदान-प्रदान होता है। इस प्रकार की प्रणालियाँ आजकल बहुत ही सामान्य हैं क्योंकि इनसे डेटा एक्सेस करना कहीं से भी संभव होता है।

Architecture Components of a Web-Based System

  • Client Side (Front-End): यह वह हिस्सा है जो उपयोगकर्ता के ब्राउज़र में दिखाई देता है। इसमें HTML, CSS, JavaScript जैसी भाषाओं का उपयोग किया जाता है।
  • Server Side (Back-End): यह वह हिस्सा है जो सर्वर पर चलता है और उपयोगकर्ता के अनुरोधों को प्रोसेस करता है। इसमें सर्वर लैंग्वेज जैसे PHP, Python, Java, और डेटाबेस (MySQL, MongoDB) का उपयोग किया जाता है।
  • Network Communication: यह वेब ब्राउज़र और सर्वर के बीच डेटा ट्रांसफर करने की प्रक्रिया है। HTTP (HyperText Transfer Protocol) या HTTPS (HTTP Secure) प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता है।

Key Characteristics of Web-Based Systems

  • Accessibility: इन प्रणालियों को कहीं से भी एक्सेस किया जा सकता है, केवल इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है।
  • Scalability: यह प्रणालियाँ आसानी से स्केल की जा सकती हैं, जिससे कि बड़े डेटा सेट्स को प्रोसेस करना संभव होता है।
  • Integration: वेब आधारित प्रणालियाँ विभिन्न प्रकार के उपकरणों और सिस्टम्स के साथ आसानी से इंटीग्रेट हो सकती हैं।

Components of Web-Based Systems

Essential Components of Web-Based Systems

  • Web Server: वेब सर्वर वह कंप्यूटर या प्रोग्राम होता है जो HTTP के माध्यम से वेब पेजों को क्लाइंट तक भेजता है। इसका कार्य HTTP अनुरोधों का उत्तर देना और क्लाइंट के ब्राउज़र में वेब पेज लोड करना है।
  • Database: डेटाबेस वेब आधारित सिस्टम में डेटा संग्रहण के लिए जिम्मेदार होता है। इसमें सभी जानकारी जैसे उपयोगकर्ता डेटा, उत्पाद जानकारी आदि संग्रहित की जाती है। SQL या NoSQL डेटाबेस का उपयोग किया जा सकता है।
  • Web Browser: वेब ब्राउज़र क्लाइंट साइड के कंपोनेंट्स होते हैं, जो यूजर इंटरफेस के रूप में कार्य करते हैं। यह HTML, CSS, और JavaScript को प्रदर्शित करता है और यूजर से इनपुट प्राप्त करता है।
  • Application Logic: यह वह कोड है जो सर्वर साइड पर चलता है और उपयोगकर्ता के अनुरोधों का सही तरीके से जवाब देने के लिए आवश्यक कार्य करता है।

Interaction Between Components

इन सभी घटकों के बीच इंटरएक्शन वेब आधारित प्रणाली के संचालन को सक्षम बनाता है। जब उपयोगकर्ता किसी वेब पेज पर जानकारी खोजता है, तो ब्राउज़र द्वारा भेजे गए HTTP अनुरोध के आधार पर वेब सर्वर संबंधित डेटा प्राप्त करता है और फिर उसे ब्राउज़र में प्रदर्शित करता है। यह प्रक्रिया डेटा बेस से जुड़ी होती है, जहां डेटा को स्टोर और प्राप्त किया जाता है।

Types of Web-Based System Architectures

Different Types of Web-Based System Architectures

वेब आधारित प्रणालियों के विभिन्न प्रकार की संरचनाएँ होती हैं, जो उनके कार्य और उद्देश्य के आधार पर भिन्न हो सकती हैं। यहाँ कुछ सामान्य प्रकार की वेब आधारित प्रणाली संरचनाएँ दी जा रही हैं:

  • 1-Tier Architecture: इस प्रकार की संरचना में सभी घटक एक ही कंप्यूटर या सर्वर पर होते हैं। इसमें क्लाइंट और सर्वर दोनों का काम एक ही सिस्टम पर होता है। यह छोटे और साधारण सिस्टम के लिए उपयुक्त है।
  • 2-Tier Architecture: इसमें दो घटक होते हैं – क्लाइंट और सर्वर। क्लाइंट सिस्टम एप्लिकेशन को रन करता है और सर्वर डेटा प्रोसेसिंग का कार्य करता है। यह संरचना ज्यादा स्केलेबल होती है।
  • 3-Tier Architecture: इसमें तीन घटक होते हैं – क्लाइंट, एप्लिकेशन सर्वर, और डेटाबेस सर्वर। यह सबसे सामान्य वेब आर्किटेक्चर है। इसमें क्लाइंट इंटरफेस, एप्लिकेशन लॉजिक और डेटा स्टोर अलग-अलग होते हैं।
  • Microservices Architecture: इस आर्किटेक्चर में एप्लिकेशन को छोटे-छोटे माइक्रो सर्विसेस में विभाजित किया जाता है, जो स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं और आपस में संवाद करते हैं। यह सिस्टम स्केलेबल और मॉड्यूलर होता है।

Choosing the Right Architecture for Web-Based Systems

सही आर्किटेक्चर का चयन विभिन्न तत्वों पर निर्भर करता है, जैसे कि वेब प्रणाली का आकार, उपयोगकर्ताओं की संख्या, और सुरक्षा आवश्यकताएँ। छोटे प्रणालियों के लिए 1-टियर या 2-टियर आर्किटेक्चर उपयुक्त हो सकते हैं, जबकि बड़े और अधिक जटिल प्रणालियों के लिए 3-टियर या माइक्रोसर्विसेस आर्किटेक्चर बेहतर होता है।

Benefits of Web-Based System Architectures

  • Scalability: विभिन्न संरचनाएँ बड़े पैमाने पर उपयोगकर्ताओं को संभालने के लिए उपयुक्त होती हैं।
  • Maintainability: क्लाइंट और सर्वर के बीच विभाजन रखकर सिस्टम को आसानी से मेंटेन किया जा सकता है।
  • Flexibility: वेब आधारित प्रणाली विभिन्न प्रकार के उपकरणों और प्लेटफार्म्स के साथ संगत होती है, जिससे यह अधिक लचीला बनता है।

FAQs

वेब आधारित प्रणाली एक ऐसी प्रणाली होती है जो इंटरनेट या नेटवर्क के माध्यम से किसी सर्वर पर चलती है। यह क्लाइंट और सर्वर के बीच इंटरैक्शन करती है और उपयोगकर्ता को वेब ब्राउज़र के माध्यम से डेटा एक्सेस करने की सुविधा प्रदान करती है।

वेब आधारित प्रणाली के मुख्य घटक होते हैं: क्लाइंट साइड (ब्राउज़र), सर्वर साइड (सर्वर और एप्लिकेशन लॉजिक), डेटाबेस (डेटा संग्रहण के लिए), और नेटवर्क कम्युनिकेशन (HTTP/HTTPS के माध्यम से डेटा का आदान-प्रदान)।

क्लाइंट-साइड वह हिस्सा होता है जो उपयोगकर्ता के ब्राउज़र में दिखाई देता है, जैसे HTML, CSS, और JavaScript। सर्वर-साइड वह हिस्सा होता है जो सर्वर पर चलता है और उपयोगकर्ता के अनुरोधों को प्रोसेस करता है, जैसे PHP, Python, या Java।

3-टियर आर्किटेक्चर में तीन मुख्य घटक होते हैं: क्लाइंट, एप्लिकेशन सर्वर और डेटाबेस सर्वर। क्लाइंट उपयोगकर्ता इंटरफेस होता है, एप्लिकेशन सर्वर एप्लिकेशन लॉजिक प्रोसेस करता है, और डेटाबेस सर्वर डेटा संग्रहण के लिए जिम्मेदार होता है।

स्केलेबिलिटी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वेब आधारित प्रणालियों को बढ़ती मांगों को पूरा करने में सक्षम बनाती है। यदि प्रणाली में स्केलेबिलिटी न हो, तो यह बड़े पैमाने पर उपयोगकर्ता ट्रैफिक या डेटा का सही तरीके से प्रबंधन नहीं कर पाएगी।

माइक्रोसर्विसेस आर्किटेक्चर में एप्लिकेशन को छोटे-छोटे सर्विसेस में विभाजित किया जाता है, जो स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं। यह एक मॉड्यूलर और लचीला सिस्टम प्रदान करता है, जिससे सिस्टम को आसानी से स्केल किया जा सकता है और समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।

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